देहरादून: उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाओं को लेकर तारीखों का ऐलान हो चुका है. परीक्षाओं से ठीक पहले राज्य में निकाय चुनाव भी होने हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग के सामने बोर्ड परीक्षाओं के दौरान छात्रों की बेहतर परफॉर्मेंस बड़ी चुनौती है. खास तौर पर मैदानी जिलों में ये बड़ी बात है. यहां बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम अच्छे नहीं दिखाई देते हैं. हालांकि, शिक्षा विभाग में अधिकारी शिक्षकों को बेहतर परीक्षा परिणाम के लिए कार्यक्रम चलाने के निर्देश दे चुके हैं.
देहरादून समेत ऐसे तमाम जिले जहां बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम उम्मीद के अनुसार नहीं रहती वहां पर इस बार परीक्षाओं में अच्छे रिजल्ट की उम्मीद की जा रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि परीक्षा शुरू होने से पहले ही इन जिलों में विशेष तौर पर लक्ष्य कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं. जिससे छात्रों को परीक्षाओं में बेहतर रिजल्ट दिलवाये जा सकें. राजधानी देहरादून में भी स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए खराब परीक्षा परिणाम आने पर शिक्षकों को दो टूक चेतावनी दे दी गई है. छात्रों की परीक्षाओं की तैयारी के लिए बाकायदा कार्यक्रम चलाया जा रहा है. पिछले कई सालों की परीक्षाओं के सैंपल पेपर ऑनलाइन उपलब्ध कराए गए हैं. शिक्षकों को भी छात्रों की परीक्षा के लिए अच्छे से तारा तैयारी करने के निर्देश मिल चुके हैं.
चिंता की बात यह है कि बोर्ड परीक्षाओं से ठीक पहले राज्य में निकाय चुनाव का शोर शराबा बढ़ गया है. बड़ी बात यह है कि इन चुनावों को संपन्न करने के लिए बड़ी संख्या में शिक्षकों की ड्यूटी तय की गई है. ऐसे में अब एक तरफ शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी के लिए प्रशिक्षण और दूसरे कार्यक्रम में भी मौजूद रहना है. दूसरी तरफ परीक्षाओं के लिए लक्ष्य कार्यक्रम को भी चलते हुए छात्रों की बेहतर तरीके से तैयारी करवानी है.
राज्य में फिलहाल शीतकालीन अवकाश चल रहा है. इसके बाद शिक्षकों को बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी करनी है. 23 जनवरी को प्रदेश में निकाय चुनाव के लिए मतदान होना है. इसके बाद मतगणना पूरी होने के बाद ही शिक्षकों को विद्यालयों में छात्रों की पढ़ाई को लेकर समय मिल पाएगा. राज्य में 21 फरवरी से बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं. यह परीक्षाएं 11 मार्च तक चलेंगी. प्रयोगात्मक परीक्षा 16 जनवरी से शुरू हो रही हैं.
ईटीवी भारत ने शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान से बात की. उन्होंने बताया बोर्ड परीक्षाओं को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. फिलहाल विद्यालयों में अवकाश चल रहा है. चुनाव ड्यूटी में न जाने वाले शिक्षकों को परीक्षाओं के लिए छात्रों की बेहतर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. चुनाव ड्यूटी के बाद बाकी शिक्षक भी परीक्षाओं में अपनी भूमिका अदा करेंगे.
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