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होली के रंग पहुंचा सकते हैं आपकी स्किन, बालों और आंखों को नुकसान, बरतें ये सावधानियां - Holi 2024

Holi 2024, देशभर में होली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. लोग पक्के रंग से भी होली खेलते हैं, लेकिन ये पक्के रंग आपकी त्वचा और आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. छोटी-छोटी सावधानियां बरत कर आप रंगों से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं.

SKIN DISEASE BY HOLI FESTIVAL
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 23, 2024, 2:01 PM IST

जयपुर. देशभर में होली और धुलंडी का पर्व बड़े जोर-शोर से मनाया जाता है. खासकर धुलंडी के पर्व पर रंगों का उपयोग किया जाता है, जिसमें गुलाल से लेकर पक्के रंग शामिल हैं. हालांकि, बाजार में प्राकृतिक फूलों से बनी गुलाल भी उपलब्ध होती है, लेकिन कुछ लोग पक्के रंग से भी होली खेलते हैं. ये पक्के रंग आपकी त्वचा और आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. छोटी-छोटी सावधानियां बरत कर आप रंगों से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं.

गुलाल से खेलें होली : स्किन रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक शर्मा का कहना है कि आमतौर पर प्राकृतिक फूलों से बने रंग जिनमें गुलाल शामिल हैं, इससे ही होली खेली जानी चाहिए. कई बार पक्के रंग से होली खेले जाने पर शरीर में कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. यदि समय पर इनका इलाज नहीं किया जाए तो गंभीर त्वचा रोग में बदल सकती है. कुछ छोटी-बड़ी सावधानी रखकर हम होली के त्योहार को अच्छे से मना सकते हैं.

डॉ. दीपक शर्मा का कहना है कि पक्के रंग केमिकल से तैयार किए जाते हैं, जिनमें सीसा और सिलिका शामिल है. इन केमिकल के त्वचा में संपर्क में आने से कई बार खुजली शुरू हो जाती है. जलन के कारण त्वचा झुलस भी सकती है. कई बार आंखों में भी समस्या हो जाती है. पक्के या फिर अन्य किसी रंग के कारण शरीर पर खुजली या लाल होना या​ फिर सूजन दिखाई दें तो सबसे पहले सामान्य साबुन ने उस स्थान को धोना चाहिए. शरीर पर अन्य किसी केमिकल का उपयोग रंग उतारने के लिए नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही शरीर पर जहां रंग लगा है, वहां हल्के हाथ से रंग उतारना चााहिए. कई बार किसी मेटल और अन्य वस्तु से रंग उतारने की कोशिश की जाती है, जिससे शरीर पर घाव हो सकते हैं. ऐसे में यदि समस्या बढ़ जाए तो तुरंत ​चिकित्सक से सलाह लें.

इसे भी पढ़ें : यहां होलाष्टक में नहीं जलता चूल्हा, कपड़े, रंग-पिचकारी भी नहीं खरीदते, जानें परंपरा व कैसे मिटाते हैं भूख - Holi 2024

कलर्स में कांच और सिलिका : होली के कलर्स में पारा, कांच, सिलिका जैसे खतरनाक केमिकल्स मिलाए जाते हैं, जो फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा कई बार रंग आंखों में चला जाता है जो काफी खतरनाक होता है. ऐसे में सनग्लासेस का उपयोग किया जा सकता है और कभी भी कॉन्टेक्ट लैंस पहनकर होली नहीं खेलें.

इस तरह करें बचाव : चिकित्सक कहते हैं कि आमतौर पर साधारण से उपाय करके होली के रंगों से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है. कई बार होली के रंग त्वचा और आंखों के साथ-साथ बालों को भी नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में बालों की सुरक्षा के लिए चिकित्सक नारियल तेल या किसी अन्य हेयर ऑयल की एक पतली परत लगाने की सलाह देते हैं, ताकि रंग सीधे बालों के संपर्क में न आए. इसके अलावा होली खेलने से पहले शरीर पर नारियल का तेल या फिर सनस्क्रीन लगाई जा सकती है, ताकि शरीर पर कलर किसी तरह से नुकसान नहीं करें. इसके साथ ही होली खेलने के दौरान और उसके बाद पर्याप्त पानी पीते रहें, ताकि त्वचा हाइड्रेटेड रहे. होली खेलने के बाद त्वचा को अच्छे साबुन से ज​बकि बालों को हल्के शैम्पू से धोना चाहिए. इसके अलावा शरीर पर किसी तरह की कोई समस्या देखने को मिले तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें.

जयपुर. देशभर में होली और धुलंडी का पर्व बड़े जोर-शोर से मनाया जाता है. खासकर धुलंडी के पर्व पर रंगों का उपयोग किया जाता है, जिसमें गुलाल से लेकर पक्के रंग शामिल हैं. हालांकि, बाजार में प्राकृतिक फूलों से बनी गुलाल भी उपलब्ध होती है, लेकिन कुछ लोग पक्के रंग से भी होली खेलते हैं. ये पक्के रंग आपकी त्वचा और आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. छोटी-छोटी सावधानियां बरत कर आप रंगों से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं.

गुलाल से खेलें होली : स्किन रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक शर्मा का कहना है कि आमतौर पर प्राकृतिक फूलों से बने रंग जिनमें गुलाल शामिल हैं, इससे ही होली खेली जानी चाहिए. कई बार पक्के रंग से होली खेले जाने पर शरीर में कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. यदि समय पर इनका इलाज नहीं किया जाए तो गंभीर त्वचा रोग में बदल सकती है. कुछ छोटी-बड़ी सावधानी रखकर हम होली के त्योहार को अच्छे से मना सकते हैं.

डॉ. दीपक शर्मा का कहना है कि पक्के रंग केमिकल से तैयार किए जाते हैं, जिनमें सीसा और सिलिका शामिल है. इन केमिकल के त्वचा में संपर्क में आने से कई बार खुजली शुरू हो जाती है. जलन के कारण त्वचा झुलस भी सकती है. कई बार आंखों में भी समस्या हो जाती है. पक्के या फिर अन्य किसी रंग के कारण शरीर पर खुजली या लाल होना या​ फिर सूजन दिखाई दें तो सबसे पहले सामान्य साबुन ने उस स्थान को धोना चाहिए. शरीर पर अन्य किसी केमिकल का उपयोग रंग उतारने के लिए नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही शरीर पर जहां रंग लगा है, वहां हल्के हाथ से रंग उतारना चााहिए. कई बार किसी मेटल और अन्य वस्तु से रंग उतारने की कोशिश की जाती है, जिससे शरीर पर घाव हो सकते हैं. ऐसे में यदि समस्या बढ़ जाए तो तुरंत ​चिकित्सक से सलाह लें.

इसे भी पढ़ें : यहां होलाष्टक में नहीं जलता चूल्हा, कपड़े, रंग-पिचकारी भी नहीं खरीदते, जानें परंपरा व कैसे मिटाते हैं भूख - Holi 2024

कलर्स में कांच और सिलिका : होली के कलर्स में पारा, कांच, सिलिका जैसे खतरनाक केमिकल्स मिलाए जाते हैं, जो फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा कई बार रंग आंखों में चला जाता है जो काफी खतरनाक होता है. ऐसे में सनग्लासेस का उपयोग किया जा सकता है और कभी भी कॉन्टेक्ट लैंस पहनकर होली नहीं खेलें.

इस तरह करें बचाव : चिकित्सक कहते हैं कि आमतौर पर साधारण से उपाय करके होली के रंगों से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है. कई बार होली के रंग त्वचा और आंखों के साथ-साथ बालों को भी नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में बालों की सुरक्षा के लिए चिकित्सक नारियल तेल या किसी अन्य हेयर ऑयल की एक पतली परत लगाने की सलाह देते हैं, ताकि रंग सीधे बालों के संपर्क में न आए. इसके अलावा होली खेलने से पहले शरीर पर नारियल का तेल या फिर सनस्क्रीन लगाई जा सकती है, ताकि शरीर पर कलर किसी तरह से नुकसान नहीं करें. इसके साथ ही होली खेलने के दौरान और उसके बाद पर्याप्त पानी पीते रहें, ताकि त्वचा हाइड्रेटेड रहे. होली खेलने के बाद त्वचा को अच्छे साबुन से ज​बकि बालों को हल्के शैम्पू से धोना चाहिए. इसके अलावा शरीर पर किसी तरह की कोई समस्या देखने को मिले तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें.

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