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लोकबंधु अस्पताल में शुरू होगा सुपर स्पेशियलिटी E-ICU; फ्री में होगा डायलिसिस, इलाज से लेकर दवाएं भी निशुल्क - LOKBANDHU E ICU FACILITY

जनवरी के अंत तक मेदांता अस्पताल के सहयोग से E-ICU का संचालन शुरू हो जाएगा, राजधानी के सरकारी अस्पताल में इस तरह का यह पहला प्रोजेक्ट.

लोकबंधु अस्पताल में मरीजों को मिलेंगी कई सुविधाएं.
लोकबंधु अस्पताल में मरीजों को मिलेंगी कई सुविधाएं. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 7, 2025, 6:33 AM IST

लखनऊ : लोकबंधु राजनारायण संयुक्त अस्पताल में इलेक्ट्रॉनिक चिकित्सा इकाई (ई-आईसीयू) का संचालन इस महीने के अंत तक होने लगेगा. मेदांता अस्पताल के सहयोग से 10 बेड का सुपर स्पेशियालिटी वार्ड तैयार किया जा रहा है. इस पर 30 से 40 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. राजधानी में सरकारी अस्पताल में यह पहला प्रोजेक्ट है. इसमें मरीजों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी. निशुल्क डायलिसिस भी हो सकेगा.

लोकबंधु अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजीव दीक्षित ने बताया कि वार्ड में अत्याधुनिक सुविधा से लैस मॉनिटर इंस्टाल किया जा रहा है. यह हाई रेंज के कैमरे और इंटरनेट से जुड़ा रहेगा. सुपर स्पेशियालिटी के तौर पर 10 बेड रहेंगे. मरीज की दवा का पूरा इंतजाम लोकबंधु अस्पताल की तरफ से किया जाएगा.

मेदांता के डॉक्टर स्टाफ को करेंगे प्रशिक्षित : मेदांता के ई-आईसीयू के स्पेशलिस्ट डॉक्टर प्रतिदिन सुबह राउंड करने के साथ लोकबंधु के डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित भी करेंगे. गंभीर मरीजों का इलाज किस तरह किया जाए, इसका निर्देश भी डॉक्टर और नर्स को देते रहेंगे. सुपर स्पेशियालिटी वार्ड से मेदांता के डॉक्टर 24 घंटे ऑनलाइन जुड़े रहकर लोकबंधु के डॉक्टर को ऑनलाइन सलाह देंगे. दोनों तरफ से ऑनलाइन बातचीत का पूरा इंतजाम किया जा रहा है.

डॉ. राजीव के मुताबिक लोकबंधु अस्पताल में फिलहाल आईसीयू के 10 बेड संचालित हैं. एक एक्सपर्ट डॉक्टर और तीन पैरा मेडिकल स्टाफ इलाज कर रहे हैं. अस्पताल में रोजाना करीब 2500 की ओपीडी होती है. मरीजों को भर्ती करने के लिए वार्डों में 315 बेड हैं.

ऐसे होता है ई-आईसीयू का संचालन : ई-आईसीयू में विशेषज्ञ 24 घंटे रोगियों की निगरानी करेंगे. मरीज की स्थिति में होने वाले बदलावों की पहचान करने के बाद, विशेषज्ञ चिकित्सा टीम के साथ मिलकर उपचार करेंगे. ईआईसीयू में टेलीमेडिसिन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. यहां कमांड सेंटर से भर्ती गंभीर रोगियों की लगातार निगरानी और उपचार किया जाता है. विशेषज्ञों का लाइव डेटा फीड, वीडियो इंट्रेक्शन और उन्नत संचार प्रक्रियाओं के जरिए रोगियों की निगरानी करता है. विशेषज्ञ जब भी किसी रोगी का जीवन खतरे में होता है, तो समय पर सलाह दे सकते हैं.

लोकबंधु में एमआरआई और डायलिसिस की भी सुविधा मिलेगी : लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि शहर में किसी भी अस्पताल में एमआरआई की मशीन न होने से मरीजों को दिक्कत होती है. जल्द ही हमारे यहां एमआरआई शुरू हो जाएगी. मशीन खरीद की प्रक्रिया मेडिकल कॉर्पोरेशन कर रहा है. मशीन सिविल अस्पताल में लगनी थी, लेकिन वहां के प्रशासन ने जगह की कमी के चलते एमआरआई मशीन लेने से मना कर दिया था. अस्पताल में डायलिसिस यूनिट भी स्थापित होने जा रही है. शुरुआत दो मशीनों से होगी.

ये मिलेंगी सुविधाएं : लोकबंधु अस्पताल में इलाज कराने वाले व्यक्ति का इलाज निशुल्क होगा. ईआईसीयू में भर्ती मरीज को निशुल्क दवा, जांच एवं देख-रेख की सुविधा मिलेगी. अतिगंभीर मरीज जैसे डायलिसिस, किडनी इंफेक्शन, मल्टी ऑर्गन फेल्योर केस में भी मरीज का इलाज निशुल्क होगा. एक डायलिसिस के लिए निजी अस्पताल जहां 15 से 20 हजार रुपए लगते हैं, वहां मरीज का यहां एक रुपया नहीं लगेगा. अगर किसी मरीज के पास आयुष्मान कार्ड, पंडित दीनदयाल उपाध्याय कार्ड और आभा कार्ड है तो उसका इलाज निशुल्क होगा. अगर किसी का कार्ड नहीं बना है और वह पात्रता की श्रेणी में आता है तो अस्पताल प्रशासन उस मरीज का कार्ड बनवाएगा.

यह भी पढ़ें : सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) क्या है? समय रहते जानें इसके लक्षण और इलाज, नहीं तो..

लखनऊ : लोकबंधु राजनारायण संयुक्त अस्पताल में इलेक्ट्रॉनिक चिकित्सा इकाई (ई-आईसीयू) का संचालन इस महीने के अंत तक होने लगेगा. मेदांता अस्पताल के सहयोग से 10 बेड का सुपर स्पेशियालिटी वार्ड तैयार किया जा रहा है. इस पर 30 से 40 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. राजधानी में सरकारी अस्पताल में यह पहला प्रोजेक्ट है. इसमें मरीजों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी. निशुल्क डायलिसिस भी हो सकेगा.

लोकबंधु अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजीव दीक्षित ने बताया कि वार्ड में अत्याधुनिक सुविधा से लैस मॉनिटर इंस्टाल किया जा रहा है. यह हाई रेंज के कैमरे और इंटरनेट से जुड़ा रहेगा. सुपर स्पेशियालिटी के तौर पर 10 बेड रहेंगे. मरीज की दवा का पूरा इंतजाम लोकबंधु अस्पताल की तरफ से किया जाएगा.

मेदांता के डॉक्टर स्टाफ को करेंगे प्रशिक्षित : मेदांता के ई-आईसीयू के स्पेशलिस्ट डॉक्टर प्रतिदिन सुबह राउंड करने के साथ लोकबंधु के डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित भी करेंगे. गंभीर मरीजों का इलाज किस तरह किया जाए, इसका निर्देश भी डॉक्टर और नर्स को देते रहेंगे. सुपर स्पेशियालिटी वार्ड से मेदांता के डॉक्टर 24 घंटे ऑनलाइन जुड़े रहकर लोकबंधु के डॉक्टर को ऑनलाइन सलाह देंगे. दोनों तरफ से ऑनलाइन बातचीत का पूरा इंतजाम किया जा रहा है.

डॉ. राजीव के मुताबिक लोकबंधु अस्पताल में फिलहाल आईसीयू के 10 बेड संचालित हैं. एक एक्सपर्ट डॉक्टर और तीन पैरा मेडिकल स्टाफ इलाज कर रहे हैं. अस्पताल में रोजाना करीब 2500 की ओपीडी होती है. मरीजों को भर्ती करने के लिए वार्डों में 315 बेड हैं.

ऐसे होता है ई-आईसीयू का संचालन : ई-आईसीयू में विशेषज्ञ 24 घंटे रोगियों की निगरानी करेंगे. मरीज की स्थिति में होने वाले बदलावों की पहचान करने के बाद, विशेषज्ञ चिकित्सा टीम के साथ मिलकर उपचार करेंगे. ईआईसीयू में टेलीमेडिसिन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. यहां कमांड सेंटर से भर्ती गंभीर रोगियों की लगातार निगरानी और उपचार किया जाता है. विशेषज्ञों का लाइव डेटा फीड, वीडियो इंट्रेक्शन और उन्नत संचार प्रक्रियाओं के जरिए रोगियों की निगरानी करता है. विशेषज्ञ जब भी किसी रोगी का जीवन खतरे में होता है, तो समय पर सलाह दे सकते हैं.

लोकबंधु में एमआरआई और डायलिसिस की भी सुविधा मिलेगी : लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि शहर में किसी भी अस्पताल में एमआरआई की मशीन न होने से मरीजों को दिक्कत होती है. जल्द ही हमारे यहां एमआरआई शुरू हो जाएगी. मशीन खरीद की प्रक्रिया मेडिकल कॉर्पोरेशन कर रहा है. मशीन सिविल अस्पताल में लगनी थी, लेकिन वहां के प्रशासन ने जगह की कमी के चलते एमआरआई मशीन लेने से मना कर दिया था. अस्पताल में डायलिसिस यूनिट भी स्थापित होने जा रही है. शुरुआत दो मशीनों से होगी.

ये मिलेंगी सुविधाएं : लोकबंधु अस्पताल में इलाज कराने वाले व्यक्ति का इलाज निशुल्क होगा. ईआईसीयू में भर्ती मरीज को निशुल्क दवा, जांच एवं देख-रेख की सुविधा मिलेगी. अतिगंभीर मरीज जैसे डायलिसिस, किडनी इंफेक्शन, मल्टी ऑर्गन फेल्योर केस में भी मरीज का इलाज निशुल्क होगा. एक डायलिसिस के लिए निजी अस्पताल जहां 15 से 20 हजार रुपए लगते हैं, वहां मरीज का यहां एक रुपया नहीं लगेगा. अगर किसी मरीज के पास आयुष्मान कार्ड, पंडित दीनदयाल उपाध्याय कार्ड और आभा कार्ड है तो उसका इलाज निशुल्क होगा. अगर किसी का कार्ड नहीं बना है और वह पात्रता की श्रेणी में आता है तो अस्पताल प्रशासन उस मरीज का कार्ड बनवाएगा.

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