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'बेचारे छात्र कोचिंग वालों के लिए क्लाइंट बन गए हैं', बोले आनंद कुमार- 10 सालों में 90 फीसदी होंगे बंद - Anand Kumar - ANAND KUMAR

Coaching Centre Issue : अभी कोचिंग संस्थान चर्चा का विषय बना हुआ है. जिस प्रकार से दिल्ली की घटना हुई उसपर पद्मश्री आनंद कुमार ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है कि कोचिंग वाले बेचारे छात्र-छात्राओं को क्लाइंट समझते हैं. आगे पढ़ें पूरी खबर

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सुपर 30 के स्टूडेंट्स के साथ आनंद सर (Social Media Anand Kumar)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 3, 2024, 8:55 PM IST

पटना : जिस प्रकार से दिल्ली के कोचिंग संस्थान में तीन होनहार छात्रों की मौत हो गई. उसके बाद से देशभर में उबाल देखा जा रहा है. लोगों में गुस्सा है. सियासत भी हो रही है. इसी बीच सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने खुलकर अपनी बात रखी है. उन्होंने कोचिंग संस्थान की गरिमा को लेकर कई सवाल भी खड़े किए हैं.

''यह सुनकर मैं दुखी हुआ कि तीन बच्चों की जो निर्दोश थे, जिन्होंने कभी सोचा भी नहीं था, जो बड़े-बड़े सपने लेकर दिल्ली आए थे. यूपीएससी क्वालिफाई करना चाहते थे. उनकी अचानक हादसे में मौत हो जाती है. इससे बड़ा दुर्भाग्य हम लोगों के लिए क्या हो सकता है.''- आनंद कुमार, सुपर 30 के संस्थापक

पटना के कोचिंग सेंटर पर भी सवाल? : आनंद कुमार का कहना है कि जब इस तरह की दुर्घटना होती है तो, इस लोग लोगों का ध्यान जाता है. ये तो सरकार की जिम्मेवारी है कि समय-समय पर इसकी जांच करें. कहां चीजें खराब हो रही है. साथ ही तमाम कोचिंग संचालक को भी देखना चाहिए कि वे जल्दबाजी न करें. तुरंत पैसे आ जाएं, इसका भी उपाय न करें.

सुपर 30 के स्टूडेंट्स के साथ आनंद सर
सुपर 30 के स्टूडेंट्स के साथ आनंद सर (Social Media Anand Kumar)

इसे व्यवसाय न बनाएं' : सुपर 30 के संस्थापक का कहना है कि धीरे-धीरे कम बच्चों को पढ़ाईये, उनके लिए बैठने की सुविधा, बाथरूम की सुविधा और आने जाने से संबंधित तमाम सुविधाएं हो. इसका ख्याल रखना जरूरी है. तमाम शिक्षकों से ये रिक्वेस्ट है कि हमारे देश में शिक्षा को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. गुरू को भगवान का दर्जा दिया गया है. इसलिए इसे व्यवसाय न बनाएं, बल्कि बच्चों के हित में सोचें.

'अब तो बेचारे छात्र-छात्राएं क्लाइंट बन गए हैं' : आनंद कुमार का कहना है कि मुझे आश्चर्य लगता है, जब कोई अभिभावक अपनी जमीन, अपने घर के आखिरी कमरे को बेच कर अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए कोचिंग सेंटर पहुंचते है तो वहां पर उनको चाय पिलाते हुए आपस में लोग बात करते हुए एक दूसरे से कहते है कि 'क्लाइंट आया है'. अब तो बेचारे छात्र-छात्राएं क्लाइंट बन गए हैं. कोचिंग सेंटर में मार्केटिंग टीम करती है. यह सब चीजें ठीक नहीं है.

''मेरा मानना है कि फीस पर भी नियंत्रण होना चाहिए. इसके लिए सरकार को एक कोचिंग एक्ट बनाना चाहिए. ऐसा नहीं है कि देश में, बिहार में कोचिंग एक्ट नहीं है, लेकिन इसे रिवाइज करना चाहिए. इसलिए दिल्ली हादसे पर तुरंत कार्रवाई करके दोषियों को सजा देनी चाहिए. ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो.''- आनंद कुमार, सुपर 30 के संस्थापक

#anandsirsuper30
आनंद कुमार को पद्मश्री का पुरस्कार देतीं राष्ट्रपति (Social Media Anand Kumar)

बच्चों के निशाने पर शिक्षक क्यों? : आनंद कुमार ने आगे कहा कि आज शिक्षकों के खिलाफ छात्रों के मन में गुस्सा है. इस सवाल पर आनंद सर ने कहा कि, मैं शिक्षकों से यह कहना चाहता हूं कि आप बोलिए, अगली गलती आपसे हुई है तो उसे स्वीकार कीजिए और उसके सुधार के लिए जो करना पड़े कीजिए.

'..ताकि बच्चों को कोई दिक्कत न हो' : आनंद कुमार का मानना है कि जहां कोचिंग है उस इलाके में केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों का एक सेंटर होना चाहिए. ताकि अगर बच्चों को कोई परेशानी होती है तो वे बच्चे उन सेंटर पर जाकर अपनी परेशानी बताएं. किसी बच्चे को कोई मकान मालिक परेशान करता है तो कोई छोटे से कमरे में रहता है. इसके लिए एक स्पेशल सेल होना चाहिए.

ऑनलाइन कंटेंट कितना मददगार? : सुपर 30 के संस्थापक ने कहा कि, मैं अपने अनुभव से कहता हूं कि आने वाले वक्त में यानी 10 साल या 15 साल बाद ये कोचिंग सेंटर लगभग 90 फीसदी समाप्त हो जाएंगे. ये मेरा दावा है. मेरा दावा कितना सच साबित होगा ये पता नहीं, लेकिन ऑनलाइन में अभी जितने प्रयोग हुए है, वो सिर्फ 1 पर्सेंट हुआ है. 99 पर्सेंट अच्छे कंटेंट के साथ ऑनलाइन क्लासेस को तैयार करना बाकि है.

#anandsirsuper30
#anandsirsuper30 (Social Media Anand Kumar)

''कोई टीचर या टीचर की टीम अगर अच्छा कंटेंट बनाती हैं तो छात्र ऐसे बंध जाएंगे, कि उनको ऑफलाइन से ज्यादा फायदा होगा. आने वाले वक्त में फ्री ऑनलाइन क्लासेज होंगे. मैं तो सरकार से ये अपील करता हूं कि देश में इतने अच्छे विद्वान शिक्षक हैं, अच्छी-अच्छी एनसीईआटी की किताबें लिखी गई है. उसका कंटेंट अच्छा है. इसलिए सरकार को प्रयास करना चाहिए कि यूपीएससी के लिए टीम बनाई जाय और ऑनलाइन बड़ा पोर्टल तैयार करें और इसकी शुरुआत की जाए.''- आनंद कुमार, सुपर 30 के संस्थापक

3 बच्चों की मौत, किसकी जवाबदेही? : आनंद कुमार ने कहा कि इसकी जवाबदेही हर किसी को लेनी होगी. अगर आपसे गलती हुई है तो अपनी गलती को कबूल करिए. देखिए कि यह सब दोबारा न हो. कोचिंग संचालक, एमसीडी और हर विभाग को समय समय पर निरिक्षण करना चाहिए. छात्रों की मांग को तुरंत सुनना चाहिए, जिसकी गलती हो, उसपर कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.

''कोचिंग संचालक को एक करोड़ नहीं बल्कि पीड़ित परिवार को ज्यादा पैसा देना चाहिए. क्योंकि उनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है. पैसे से किसी की मौत को हम नहीं तौल सकते हैं, मुआवजा बहुत छोटी चीज है. जिनके परिवार ने अपने बच्चों को खोया है, उनके बच्चों को मुफ्त पढ़ाना चाहिए और ऐसे सुधार करने चाहिए कि दोबारा ऐसी घटना न हो.''- आनंद कुमार, सुपर 30 के संस्थापक

बच्चा कोचिंग क्यों जाता है? : आनंद कुमार बताते हैं कि, बच्चा जब +2 या नीट की तैयारी करता है, जो क्वेश्चन पेपर है, कंपटीशन और बोर्ड के उनमें बहुत बड़ी खाई या गैप है. इस गैप को भरने के लिए ही कोचिंग का व्यवसाय कारण बनता है. हालांकि इस पर काम हो रहा है कि कैसे आईआईटी और नीट के क्वैश्चन के लेवल को ठीक किया जाय. साथ ही सरकारी स्कूल की पढ़ाई को ठीक किया जाना चाहिए.

''सैंपल पेपर, मॉक टेस्ट के अभ्यास से बच्चें आगे बढ़ते है. लेकिन मैंने देखा, सुपर 30 का ही उदाहरण ले लीजिए, अगर केमेस्ट्री के टीचर बीमार पड़ गए तो बच्चे डिशक्शन करके भी अच्छा कर लेते है. आपस में क्वैश्चन सेट करके टेस्ट ले लेते है. इसकी कोई जरूरत नहीं है कि आप हाईफाई टीचर के पास जाइये, नामी दुकान से ही अपने सामान को खरीदें.''- आनंद कुमार, सुपर 30 के संस्थापक

'बच्चों के हित में सोचें' : मेरी सहानुभूति आपके साथ है. मैं दुखी हूं, आपके साथ हूं, आप जो कर रहे है, वो ठीक है, लेकिन अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दें. लेकिन बच्चों से यह भी कहना चाहता हूं कि जब गलती दिखे, उसी समय अपनी आवाज उठाएं, और सरकार भी, कोचिंग संचालक भी जल्दी से जल्दी मुआवजा दें और ताकि पढ़ाई शुरू हो. आरोप-प्रत्यारोप लगाए बगैर बच्चों के हित में सोचें.

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''यह सुनकर मैं दुखी हुआ कि तीन बच्चों की जो निर्दोश थे, जिन्होंने कभी सोचा भी नहीं था, जो बड़े-बड़े सपने लेकर दिल्ली आए थे. यूपीएससी क्वालिफाई करना चाहते थे. उनकी अचानक हादसे में मौत हो जाती है. इससे बड़ा दुर्भाग्य हम लोगों के लिए क्या हो सकता है.''- आनंद कुमार, सुपर 30 के संस्थापक

पटना के कोचिंग सेंटर पर भी सवाल? : आनंद कुमार का कहना है कि जब इस तरह की दुर्घटना होती है तो, इस लोग लोगों का ध्यान जाता है. ये तो सरकार की जिम्मेवारी है कि समय-समय पर इसकी जांच करें. कहां चीजें खराब हो रही है. साथ ही तमाम कोचिंग संचालक को भी देखना चाहिए कि वे जल्दबाजी न करें. तुरंत पैसे आ जाएं, इसका भी उपाय न करें.

सुपर 30 के स्टूडेंट्स के साथ आनंद सर
सुपर 30 के स्टूडेंट्स के साथ आनंद सर (Social Media Anand Kumar)

इसे व्यवसाय न बनाएं' : सुपर 30 के संस्थापक का कहना है कि धीरे-धीरे कम बच्चों को पढ़ाईये, उनके लिए बैठने की सुविधा, बाथरूम की सुविधा और आने जाने से संबंधित तमाम सुविधाएं हो. इसका ख्याल रखना जरूरी है. तमाम शिक्षकों से ये रिक्वेस्ट है कि हमारे देश में शिक्षा को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. गुरू को भगवान का दर्जा दिया गया है. इसलिए इसे व्यवसाय न बनाएं, बल्कि बच्चों के हित में सोचें.

'अब तो बेचारे छात्र-छात्राएं क्लाइंट बन गए हैं' : आनंद कुमार का कहना है कि मुझे आश्चर्य लगता है, जब कोई अभिभावक अपनी जमीन, अपने घर के आखिरी कमरे को बेच कर अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए कोचिंग सेंटर पहुंचते है तो वहां पर उनको चाय पिलाते हुए आपस में लोग बात करते हुए एक दूसरे से कहते है कि 'क्लाइंट आया है'. अब तो बेचारे छात्र-छात्राएं क्लाइंट बन गए हैं. कोचिंग सेंटर में मार्केटिंग टीम करती है. यह सब चीजें ठीक नहीं है.

''मेरा मानना है कि फीस पर भी नियंत्रण होना चाहिए. इसके लिए सरकार को एक कोचिंग एक्ट बनाना चाहिए. ऐसा नहीं है कि देश में, बिहार में कोचिंग एक्ट नहीं है, लेकिन इसे रिवाइज करना चाहिए. इसलिए दिल्ली हादसे पर तुरंत कार्रवाई करके दोषियों को सजा देनी चाहिए. ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो.''- आनंद कुमार, सुपर 30 के संस्थापक

#anandsirsuper30
आनंद कुमार को पद्मश्री का पुरस्कार देतीं राष्ट्रपति (Social Media Anand Kumar)

बच्चों के निशाने पर शिक्षक क्यों? : आनंद कुमार ने आगे कहा कि आज शिक्षकों के खिलाफ छात्रों के मन में गुस्सा है. इस सवाल पर आनंद सर ने कहा कि, मैं शिक्षकों से यह कहना चाहता हूं कि आप बोलिए, अगली गलती आपसे हुई है तो उसे स्वीकार कीजिए और उसके सुधार के लिए जो करना पड़े कीजिए.

'..ताकि बच्चों को कोई दिक्कत न हो' : आनंद कुमार का मानना है कि जहां कोचिंग है उस इलाके में केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों का एक सेंटर होना चाहिए. ताकि अगर बच्चों को कोई परेशानी होती है तो वे बच्चे उन सेंटर पर जाकर अपनी परेशानी बताएं. किसी बच्चे को कोई मकान मालिक परेशान करता है तो कोई छोटे से कमरे में रहता है. इसके लिए एक स्पेशल सेल होना चाहिए.

ऑनलाइन कंटेंट कितना मददगार? : सुपर 30 के संस्थापक ने कहा कि, मैं अपने अनुभव से कहता हूं कि आने वाले वक्त में यानी 10 साल या 15 साल बाद ये कोचिंग सेंटर लगभग 90 फीसदी समाप्त हो जाएंगे. ये मेरा दावा है. मेरा दावा कितना सच साबित होगा ये पता नहीं, लेकिन ऑनलाइन में अभी जितने प्रयोग हुए है, वो सिर्फ 1 पर्सेंट हुआ है. 99 पर्सेंट अच्छे कंटेंट के साथ ऑनलाइन क्लासेस को तैयार करना बाकि है.

#anandsirsuper30
#anandsirsuper30 (Social Media Anand Kumar)

''कोई टीचर या टीचर की टीम अगर अच्छा कंटेंट बनाती हैं तो छात्र ऐसे बंध जाएंगे, कि उनको ऑफलाइन से ज्यादा फायदा होगा. आने वाले वक्त में फ्री ऑनलाइन क्लासेज होंगे. मैं तो सरकार से ये अपील करता हूं कि देश में इतने अच्छे विद्वान शिक्षक हैं, अच्छी-अच्छी एनसीईआटी की किताबें लिखी गई है. उसका कंटेंट अच्छा है. इसलिए सरकार को प्रयास करना चाहिए कि यूपीएससी के लिए टीम बनाई जाय और ऑनलाइन बड़ा पोर्टल तैयार करें और इसकी शुरुआत की जाए.''- आनंद कुमार, सुपर 30 के संस्थापक

3 बच्चों की मौत, किसकी जवाबदेही? : आनंद कुमार ने कहा कि इसकी जवाबदेही हर किसी को लेनी होगी. अगर आपसे गलती हुई है तो अपनी गलती को कबूल करिए. देखिए कि यह सब दोबारा न हो. कोचिंग संचालक, एमसीडी और हर विभाग को समय समय पर निरिक्षण करना चाहिए. छात्रों की मांग को तुरंत सुनना चाहिए, जिसकी गलती हो, उसपर कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.

''कोचिंग संचालक को एक करोड़ नहीं बल्कि पीड़ित परिवार को ज्यादा पैसा देना चाहिए. क्योंकि उनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है. पैसे से किसी की मौत को हम नहीं तौल सकते हैं, मुआवजा बहुत छोटी चीज है. जिनके परिवार ने अपने बच्चों को खोया है, उनके बच्चों को मुफ्त पढ़ाना चाहिए और ऐसे सुधार करने चाहिए कि दोबारा ऐसी घटना न हो.''- आनंद कुमार, सुपर 30 के संस्थापक

बच्चा कोचिंग क्यों जाता है? : आनंद कुमार बताते हैं कि, बच्चा जब +2 या नीट की तैयारी करता है, जो क्वेश्चन पेपर है, कंपटीशन और बोर्ड के उनमें बहुत बड़ी खाई या गैप है. इस गैप को भरने के लिए ही कोचिंग का व्यवसाय कारण बनता है. हालांकि इस पर काम हो रहा है कि कैसे आईआईटी और नीट के क्वैश्चन के लेवल को ठीक किया जाय. साथ ही सरकारी स्कूल की पढ़ाई को ठीक किया जाना चाहिए.

''सैंपल पेपर, मॉक टेस्ट के अभ्यास से बच्चें आगे बढ़ते है. लेकिन मैंने देखा, सुपर 30 का ही उदाहरण ले लीजिए, अगर केमेस्ट्री के टीचर बीमार पड़ गए तो बच्चे डिशक्शन करके भी अच्छा कर लेते है. आपस में क्वैश्चन सेट करके टेस्ट ले लेते है. इसकी कोई जरूरत नहीं है कि आप हाईफाई टीचर के पास जाइये, नामी दुकान से ही अपने सामान को खरीदें.''- आनंद कुमार, सुपर 30 के संस्थापक

'बच्चों के हित में सोचें' : मेरी सहानुभूति आपके साथ है. मैं दुखी हूं, आपके साथ हूं, आप जो कर रहे है, वो ठीक है, लेकिन अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दें. लेकिन बच्चों से यह भी कहना चाहता हूं कि जब गलती दिखे, उसी समय अपनी आवाज उठाएं, और सरकार भी, कोचिंग संचालक भी जल्दी से जल्दी मुआवजा दें और ताकि पढ़ाई शुरू हो. आरोप-प्रत्यारोप लगाए बगैर बच्चों के हित में सोचें.

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