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हिमाचल में लाखों महिलाओं का इंतजार खत्म, सरकार ने 1500 की मासिक पेंशन देने के लिए जारी की 23 करोड़ की राशि - HIMACHAL WOMEN 1500 RS SCHEME - HIMACHAL WOMEN 1500 RS SCHEME

हिमाचल प्रदेश में जल्दी ही महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपए मिलना शुरू हो जाएंगे. इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत सुक्खू सरकार पात्र महिलाओं को ये राशि देगी. इसके लिए वित्त विभाग ने अभी 23 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है.

HIMACHAL WOMEN 1500 RS SCHEME
महिलाओं को ₹1500 प्रति माह योजना (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 13, 2024, 7:40 AM IST

शिमला: देश में बेशक कांग्रेस के 8500 रुपए खटाखट खाते में आने के वादे की हंसी उड़ रही हो, लेकिन हिमाचल में सुखविंदर सरकार 1500 रुपए प्रति माह सम्मान निधि के वादे को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. लोकसभा चुनाव से पहले ही हिमाचल सरकार ने फैसला लिया था कि पात्र महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि दी जाएगी. अब तहसील कल्याण अधिकारी फॉर्म जमा कर रहे हैं और छंटनी के बाद ये राशि अप्रैल महीने से देय होगी. इसके लिए वित्त विभाग ने बजट की आरंभिक रकम भी जारी कर दी है. इस योजना को चला रहे अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और विशेष रूप से सक्षम विभाग ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले वित्त विभाग को फाइल भेजकर करीब 900 करोड़ की डिमांड भेजी थी.

1500 महीना देने को 23 करोड़ की राशि जारी

हिमाचल में लाखों महिलाओं की 1500 मासिक पेंशन पाने की उम्मीद अब जल्द पूरी होने वाली है. पात्र महिलाओं के खाते अब एकमुश्त पैसे डलेंगे. इसके लिए वित्त विभाग ने अभी 23 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है. ये राशि अब जिला कल्याण अधिकारियों के जरिए संबंधित जिलों में महिलाओं के खाते में डाली जाएगी. प्रदेश सरकार ने साल 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान महिलाओं को 1500 मासिक पेंशन की गारंटी दी थी. जिसके तहत अब प्रदेश में पांच लाख पात्र महिलाओं को ही इस योजना का लाभ मिलना है, लेकिन 16 मार्च को आचार संहिता लगने के कारण वित्त विभाग ने फाइल रोक दी थी. अभी चुनाव आचार संहिता से पहले विभाग को प्राप्त हुए आवेदनों की छंटनी हो रही है. इसके बाद प्रदेश भर में पात्र महिलाओं को 1500 रुपए मिलने शुरू हो जाएंगे. प्रदेश सरकार की महिलाओं को 1500 रुपये देने की योजना लाहौल स्पीति में पहले ही लागू हो चुकी है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुताबिक सरकार ने महिलाओं को 1500 की मासिक पेंशन देने की अपनी पांचवीं गारंटी पूरी की है.

इन्हें नहीं मिलेंगे 1500 रुपए

हिमाचल प्रदेश में जिस परिवार का कोई सदस्य भी केंद्रीय, राज्य सरकार के कर्मचारी, पेंशनर, अनुबंध, आउटसोर्स, दैनिक वेतन भोगी, अंशकालीन कर्मचारी, भूतपूर्व सैनिक व सैनिक विधवाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा वर्कर, मिड-डे मील वर्कर, मल्टी टास्क वर्कर, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थी, पंचायती राज संस्थाओं, शहरी निकायों के कर्मचारी, सार्वजनिक उपक्रमों बोर्ड, निगम, काउंसिल या एजेंसी के कर्मियों, पेंशन भोगियों वाले परिवार की किसी महिला को भी ये सुविधा नहीं मिलेगी.

अपात्र होने पर बंद होगी पेंशन की सुविधा

इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि के तहत राशि की स्वीकृति प्रदान करने के लिए जिलों के उपायुक्त, पांगी में आवासीय उपायुक्त, काजा और भरमौर में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी और डोडरा क्वार में एसडीएम सक्षम अधिकारी है. जिला कल्याण अधिकारी या तहसील कल्याण अधिकारी का दायित्व है कि वह सक्षम अधिकारी को स्वीकृति आदेश का प्रस्ताव प्रस्तुत करने से पहले सभी शर्तें सुनिश्चित कर लें. स्वीकृत ऑर्डर की प्रधान महालेखाकार और निदेशक अनुसूचित जाति अन्य पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक और विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण विभाग को भेजनी होगी. अगर किसी लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है या वह किसी कारणवश अपात्र हो जाती है, तो सुख सम्मान निधि बंद करने की प्रक्रिया भी इन नियमों में बताई गई है. किसी भी लाभार्थी के खिलाफ अपात्र होने की शिकायत मिलने पर एक माह के अंदर तहसील कल्याण अधिकारी छानबीन कर सुख सम्मान निधि रोकने पर फैसला लेंगे.

तहसील कल्याण अधिकारी के पास जमा करें फॉर्म

हिमाचल में लंबे समय तक आचार संहिता लागू होने के कारण 18 से 59 आयु वर्ग की जिन महिलाओं ने 'इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना' के तहत 1500 मासिक पेंशन के लिए आवेदन नहीं किया है. ऐसी महिलाएं योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन फॉर्म भरकर तहसील कल्याण अधिकारी के पास जमा करा सकती हैं. तहसील कल्याण अधिकारी ही इन आवेदनों की स्क्रीनिंग करेंगे.

आवेदन के लिए ये चीजें जरूरी

आवेदन के साथ आयु प्रमाण पत्र, हिमाचली बोनाफाइड या मूल निवासी प्रमाण पत्र, बैंक या डाकघर अकाउंट नंबर की पासबुक की फोटो कॉपी, आधार कार्ड की कॉपी, राशन कार्ड की फोटोकॉपी आदि लगानी होगी. इसके बाद तहसील कल्याण अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि आवेदन नियम अनुसार और सभी फॉर्मेलिटी समेत पूरे हों. अधूरे या अपात्र श्रेणी के आवेदनों को 15 दिन के अंदर आवेदन करने वाली महिला को टिप्पणी समेत वापस भेजा जाएगा. अधिसूचना के मुताबिक परिवार यानी पति, पत्नी, व्यस्क या अवयस्क पुत्र, अविवाहित पुत्रियां, जिनका नाम परिवार रजिस्टर या राशन कार्ड में दर्ज हो उनको माना जाएगा.

ये भी पढ़ें: इस माह महिलाओं के खाते में आएंगे ₹3000, एकमुश्त मिलेगी दो महीने की राशि

शिमला: देश में बेशक कांग्रेस के 8500 रुपए खटाखट खाते में आने के वादे की हंसी उड़ रही हो, लेकिन हिमाचल में सुखविंदर सरकार 1500 रुपए प्रति माह सम्मान निधि के वादे को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. लोकसभा चुनाव से पहले ही हिमाचल सरकार ने फैसला लिया था कि पात्र महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि दी जाएगी. अब तहसील कल्याण अधिकारी फॉर्म जमा कर रहे हैं और छंटनी के बाद ये राशि अप्रैल महीने से देय होगी. इसके लिए वित्त विभाग ने बजट की आरंभिक रकम भी जारी कर दी है. इस योजना को चला रहे अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और विशेष रूप से सक्षम विभाग ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले वित्त विभाग को फाइल भेजकर करीब 900 करोड़ की डिमांड भेजी थी.

1500 महीना देने को 23 करोड़ की राशि जारी

हिमाचल में लाखों महिलाओं की 1500 मासिक पेंशन पाने की उम्मीद अब जल्द पूरी होने वाली है. पात्र महिलाओं के खाते अब एकमुश्त पैसे डलेंगे. इसके लिए वित्त विभाग ने अभी 23 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है. ये राशि अब जिला कल्याण अधिकारियों के जरिए संबंधित जिलों में महिलाओं के खाते में डाली जाएगी. प्रदेश सरकार ने साल 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान महिलाओं को 1500 मासिक पेंशन की गारंटी दी थी. जिसके तहत अब प्रदेश में पांच लाख पात्र महिलाओं को ही इस योजना का लाभ मिलना है, लेकिन 16 मार्च को आचार संहिता लगने के कारण वित्त विभाग ने फाइल रोक दी थी. अभी चुनाव आचार संहिता से पहले विभाग को प्राप्त हुए आवेदनों की छंटनी हो रही है. इसके बाद प्रदेश भर में पात्र महिलाओं को 1500 रुपए मिलने शुरू हो जाएंगे. प्रदेश सरकार की महिलाओं को 1500 रुपये देने की योजना लाहौल स्पीति में पहले ही लागू हो चुकी है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुताबिक सरकार ने महिलाओं को 1500 की मासिक पेंशन देने की अपनी पांचवीं गारंटी पूरी की है.

इन्हें नहीं मिलेंगे 1500 रुपए

हिमाचल प्रदेश में जिस परिवार का कोई सदस्य भी केंद्रीय, राज्य सरकार के कर्मचारी, पेंशनर, अनुबंध, आउटसोर्स, दैनिक वेतन भोगी, अंशकालीन कर्मचारी, भूतपूर्व सैनिक व सैनिक विधवाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा वर्कर, मिड-डे मील वर्कर, मल्टी टास्क वर्कर, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थी, पंचायती राज संस्थाओं, शहरी निकायों के कर्मचारी, सार्वजनिक उपक्रमों बोर्ड, निगम, काउंसिल या एजेंसी के कर्मियों, पेंशन भोगियों वाले परिवार की किसी महिला को भी ये सुविधा नहीं मिलेगी.

अपात्र होने पर बंद होगी पेंशन की सुविधा

इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि के तहत राशि की स्वीकृति प्रदान करने के लिए जिलों के उपायुक्त, पांगी में आवासीय उपायुक्त, काजा और भरमौर में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी और डोडरा क्वार में एसडीएम सक्षम अधिकारी है. जिला कल्याण अधिकारी या तहसील कल्याण अधिकारी का दायित्व है कि वह सक्षम अधिकारी को स्वीकृति आदेश का प्रस्ताव प्रस्तुत करने से पहले सभी शर्तें सुनिश्चित कर लें. स्वीकृत ऑर्डर की प्रधान महालेखाकार और निदेशक अनुसूचित जाति अन्य पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक और विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण विभाग को भेजनी होगी. अगर किसी लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है या वह किसी कारणवश अपात्र हो जाती है, तो सुख सम्मान निधि बंद करने की प्रक्रिया भी इन नियमों में बताई गई है. किसी भी लाभार्थी के खिलाफ अपात्र होने की शिकायत मिलने पर एक माह के अंदर तहसील कल्याण अधिकारी छानबीन कर सुख सम्मान निधि रोकने पर फैसला लेंगे.

तहसील कल्याण अधिकारी के पास जमा करें फॉर्म

हिमाचल में लंबे समय तक आचार संहिता लागू होने के कारण 18 से 59 आयु वर्ग की जिन महिलाओं ने 'इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना' के तहत 1500 मासिक पेंशन के लिए आवेदन नहीं किया है. ऐसी महिलाएं योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन फॉर्म भरकर तहसील कल्याण अधिकारी के पास जमा करा सकती हैं. तहसील कल्याण अधिकारी ही इन आवेदनों की स्क्रीनिंग करेंगे.

आवेदन के लिए ये चीजें जरूरी

आवेदन के साथ आयु प्रमाण पत्र, हिमाचली बोनाफाइड या मूल निवासी प्रमाण पत्र, बैंक या डाकघर अकाउंट नंबर की पासबुक की फोटो कॉपी, आधार कार्ड की कॉपी, राशन कार्ड की फोटोकॉपी आदि लगानी होगी. इसके बाद तहसील कल्याण अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि आवेदन नियम अनुसार और सभी फॉर्मेलिटी समेत पूरे हों. अधूरे या अपात्र श्रेणी के आवेदनों को 15 दिन के अंदर आवेदन करने वाली महिला को टिप्पणी समेत वापस भेजा जाएगा. अधिसूचना के मुताबिक परिवार यानी पति, पत्नी, व्यस्क या अवयस्क पुत्र, अविवाहित पुत्रियां, जिनका नाम परिवार रजिस्टर या राशन कार्ड में दर्ज हो उनको माना जाएगा.

ये भी पढ़ें: इस माह महिलाओं के खाते में आएंगे ₹3000, एकमुश्त मिलेगी दो महीने की राशि

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