शिमला: हिमाचल में करुणामूलक आधार पर नौकरी देने के लिए सुक्खू सरकार नई नीति लाने पर विचार कर रही है ताकि सरकारी क्षेत्र में सेवा के दौरान अपने परिवार के सदस्य खोने वाले जरूरतमंद लोगों को करुणामूलक आधार पर आसानी से नौकरी मिल सके. ये फैसला मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित हुई उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया. इस अवसर पर सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार एक नई करुणामूलक रोजगार नीति बनाने पर विचार कर रही है. इसके लिए सरकार उदार और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण से कार्य कर रही है.
अधिकारियों को दिए ये निर्देश
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने करुणामूलक आधार पर जरूरतमंदों को नौकरी देने के लिए अधिकारियों को भी जरूरी निर्देश दिए हैं. इसके लिए सीएम सुक्खू ने अधिकारियों को विभागवार आवेदकों का ब्यौरा संकलित कर प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं. सीएम ने कहा कि प्रदेश में करुणामूलक आधार पर नौकरी के लिए आवेदन करने वालों को लाभान्वित किया जा सके, इसके लिए प्रदेश सरकार सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेगी.
राज्य सरकार विधवाओं और अनाथों को करुणामूलक आधार पर रोजगार प्रदान करने में प्राथमिकता देकर आश्रितों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है. सीएम सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार ने कर्मचारियों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं. इसके लिए सरकार बनने के बाद पहली ही कैबिनेट बैठक में सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है ताकि रिटायर होने के बाद कर्मचारी सम्मानजनक जीवन जी सकें.
सीएम ने कहा कि सरकार के दो सालों के कार्यकाल के अंदर सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को 11 फीसदी महंगाई भत्ता दिया गया है. इसी तरह से दिवाली पर्व को देखते हुए कर्मचारियों को एक महीने में दो बार वेतन दिया गया है. आने वाले समय में भी कर्मचारियों के हितों का सरकार पूरा ध्यान रखेगी.
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