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IGIMS में 148 किलो वाले शख्स का सफल बेरिएट्रिक सर्जरी, डॉक्टरों ने 13 किलो वजन कम किया - bariatric surgery for obesity

IGIMS Patna: पटना के IGIMS में मोटापे से ग्रसित मरीजों का अत्याधुनिक विधि से सर्जरी की जा रही है. बुधवार को 148 किलो के व्यक्ति का बेरिएट्रिक सर्जरी करके 13 किलो वजन कम किया गया है. पटना निवासी 45 वर्षीय अखलाक अहमद मोटापे से परेशान थे. विगत 3-4 वर्षों में उनका वजन काफी बढ़ गया था और मोटापे के वजह से उनका चलना फिरना भी दुश्वार हो गया था. पढ़ें पूरी खबर.

आईजीआईएमएस में मोटापे का सर्जरी
आईजीआईएमएस में मोटापे का सर्जरी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 15, 2024, 10:41 PM IST

पटना: इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आईजीआईएमएस) में 148 किलो के शख्स का बेरिएट्रिक सर्जरी करके 13 किलो वजन कम किया गया है. पटना निवासी 45 वर्षीय अखलाक अहमद मोटापे से परेशान थे. विगत 3-4 वर्षों में उनका वजन काफी बढ़ गया था और मोटापे के वजह से उनका चलना फिरना भी दुश्वार हो गया था. अखलाक को हफनी, खर्राटे और जोड़ो के दर्द से काफी परेशानी हो रही थी.

IGIMS में बेरिएट्रिक का सफल सर्जरी: अखलाक अहमद के शिकायतों के साथ उन्होंने IGIMS के गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के अपर प्राध्यापक डॉ साकेत से परामर्श लिया. आईजीआईएमएस में जांच में अखलाक का वजन 148 किलो और BMI 52 पाया गया, जो मोटापे की सबसे गंभीर श्रेणी (ग्रेड 3) होती है. डॉ साकेत ने एंडोक्राइन रोग विशेषज्ञ डॉ आनंद, श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ अरशद एजाजी और डिएटिएटियन पल्लवी के सयुक्त सलाह से उनका उपचार शुरू किया.

दो दिन के बाद डॉक्टरों ने किया डिस्चार्ज: डॉक्टर ने बताया कि एक महीने के सयमित आहार और व्यायाम से उनका वजन 135 किलो हो गया. मोटापे के समुचित एवं स्थाई इलाज के लिए उन्हें बेरिएट्रिक सर्जरी करने की सलाह दी गयी. इसके बाद बीते सोमवार को डॉ साकेत कुमार ने लैपरोस्कोपिक विधि से सफलतापूर्वक उनका मिनी-गैस्ट्रिक बाइपास ऑपरेशन किया. ऑपरेशन ढाई घंटे में पूरा किया गया. ऑपरेशन के दो दिनों के बाद ही आज बुधवार को उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

चार साल से हो रही है सर्जरी: संस्थान के उप-निदेशक सह अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने बताया की IGIMS में बेरिएट्रिक सर्जरी की सुविधा पिछले 4 साल से उपलब्ध है. मोटापे के इलाज के लिए गैस्ट्रोसर्जरी विभाग में प्रत्येक शुक्रवार को ओबेसिटी क्लिनिक का भी संचालन किया जा रहा है. महज 80-90 हजार के खर्चे में यह सर्जरी IGIMS में की जा रही है.

"अखलाक अबतक के किये गए सबसे गंभीर श्रेणी के मोटापे से ग्रसित थे. 50 से ज्यादा BMI वाले मरीजों में सर्जरी बहुत ही जटिल हो जाती है. खतरा भी बढ़ जाता है." - डॉ मनीष मंडल, उप-निदेशक सह अधीक्षक, IGIMS

20 से ज्यादा मरीज का सफल बैरिएट्रिक सर्जरी : उन्होंने बताया कि अब तक संस्थान में 20 से ज्यादा मरीज का सफल बैरिएट्रिक सर्जरी किया जा चुका है. सर्जरी में मरीज का पेट का आकार छोटा किया जाता है और एक महीने में मरीज का वजन काफी कम हो जाता है. सर्जरी टीम में डॉ साकेत कुमार, डॉ आशीष, डॉ सलमान और एनेस्थीसिया टीम से डॉ विभा और डॉ अरविन्द शामिल रहे. सुपर-ओबीस (अति-मोटापे) मरीज के सफल बैरिएट्रिक सर्जरी पर संस्थान के निदेशक डॉ बिन्दे कुमार ने टीम को हार्दिक बधाई दी है.

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पटना: इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आईजीआईएमएस) में 148 किलो के शख्स का बेरिएट्रिक सर्जरी करके 13 किलो वजन कम किया गया है. पटना निवासी 45 वर्षीय अखलाक अहमद मोटापे से परेशान थे. विगत 3-4 वर्षों में उनका वजन काफी बढ़ गया था और मोटापे के वजह से उनका चलना फिरना भी दुश्वार हो गया था. अखलाक को हफनी, खर्राटे और जोड़ो के दर्द से काफी परेशानी हो रही थी.

IGIMS में बेरिएट्रिक का सफल सर्जरी: अखलाक अहमद के शिकायतों के साथ उन्होंने IGIMS के गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के अपर प्राध्यापक डॉ साकेत से परामर्श लिया. आईजीआईएमएस में जांच में अखलाक का वजन 148 किलो और BMI 52 पाया गया, जो मोटापे की सबसे गंभीर श्रेणी (ग्रेड 3) होती है. डॉ साकेत ने एंडोक्राइन रोग विशेषज्ञ डॉ आनंद, श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ अरशद एजाजी और डिएटिएटियन पल्लवी के सयुक्त सलाह से उनका उपचार शुरू किया.

दो दिन के बाद डॉक्टरों ने किया डिस्चार्ज: डॉक्टर ने बताया कि एक महीने के सयमित आहार और व्यायाम से उनका वजन 135 किलो हो गया. मोटापे के समुचित एवं स्थाई इलाज के लिए उन्हें बेरिएट्रिक सर्जरी करने की सलाह दी गयी. इसके बाद बीते सोमवार को डॉ साकेत कुमार ने लैपरोस्कोपिक विधि से सफलतापूर्वक उनका मिनी-गैस्ट्रिक बाइपास ऑपरेशन किया. ऑपरेशन ढाई घंटे में पूरा किया गया. ऑपरेशन के दो दिनों के बाद ही आज बुधवार को उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

चार साल से हो रही है सर्जरी: संस्थान के उप-निदेशक सह अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने बताया की IGIMS में बेरिएट्रिक सर्जरी की सुविधा पिछले 4 साल से उपलब्ध है. मोटापे के इलाज के लिए गैस्ट्रोसर्जरी विभाग में प्रत्येक शुक्रवार को ओबेसिटी क्लिनिक का भी संचालन किया जा रहा है. महज 80-90 हजार के खर्चे में यह सर्जरी IGIMS में की जा रही है.

"अखलाक अबतक के किये गए सबसे गंभीर श्रेणी के मोटापे से ग्रसित थे. 50 से ज्यादा BMI वाले मरीजों में सर्जरी बहुत ही जटिल हो जाती है. खतरा भी बढ़ जाता है." - डॉ मनीष मंडल, उप-निदेशक सह अधीक्षक, IGIMS

20 से ज्यादा मरीज का सफल बैरिएट्रिक सर्जरी : उन्होंने बताया कि अब तक संस्थान में 20 से ज्यादा मरीज का सफल बैरिएट्रिक सर्जरी किया जा चुका है. सर्जरी में मरीज का पेट का आकार छोटा किया जाता है और एक महीने में मरीज का वजन काफी कम हो जाता है. सर्जरी टीम में डॉ साकेत कुमार, डॉ आशीष, डॉ सलमान और एनेस्थीसिया टीम से डॉ विभा और डॉ अरविन्द शामिल रहे. सुपर-ओबीस (अति-मोटापे) मरीज के सफल बैरिएट्रिक सर्जरी पर संस्थान के निदेशक डॉ बिन्दे कुमार ने टीम को हार्दिक बधाई दी है.

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