मुंगेली: किसान परिवार की बेटी ने सीजीपीएससी 2023 की परीक्षा में परचम लहराया है. लोरमी की किरण राजपूत ने चौथा रैंक हासिल कर जिले और परिवार का नाम रोशन किया है.
किसान परिवार से आती है किरण राजपूत : किरण राजपूत, मुंगेली जिले के लोरमी ब्लॉक के नवागांव वेंकट गांव की निवासी हैं. उनके पिता गजेन्द्र सिंह राजपूत एक किसान हैं और मां सरोज राजपूत गृहणी हैं. परिवार में किरण के अलावा दो भाई हैं, जिनमें से एक भाई बड़ा है और दूसरा छोटा है.
सीजीपीएससी में चौथा रैंक मिलने की खुशी: किरण की सफलता से परिजन खुश हैं. घर में दिवाली का माहौल है. सभी ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशियां मनाई. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार में माता पिता, नाना, गुरुजन और अपनी कठोर मेहनत को दिया है. किरण राजपूत कहती हैं कि रात दस बजे के आसपास मुझे रिजल्ट पता चला. पोस्ट मिलेगी इसकी मुझे उम्मीद थी, लेकिन चौथा रैंक मिलने पर बहुत खुशी है.
सीजीपीएससी के लिए रिविजन बहुत महत्वपूर्ण है. जो भी आप पढ़ रहे हैं, उसको बार बार रिवाइज करना बहुत जरूरी है. जब तक लक्ष्य हासिल नहीं कर लेते हैं, तब तक आपको मेहनत करनी चाहिए : किरण राजपूत
किरण ने बताए सफलता के टिप्स: किरण राजपूत कहती हैं कि सीजीपीएससी प्रीलिम्स के लिए ऑब्जेक्टिव सॉल्व करना, पुराने प्रश्नपत्रों को सॉल्व करना जरुरी है. छत्तीसगढ़ और करेंट अफेयर्स पर फोकस करना है. मेंस एग्जाम के लिए आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करना बहुत जरुरी है.
बचपन से ही किरण रही हैं अव्वल : किरण राजपूत बचपन से ही पढ़ाई में होनहार रही हैं. किरण राजपूत ने अपनी प्रथमिक शिक्षा नवगांव वेंकट गांव के सरकारी स्कूल से पूरी की. इसके बाद सरकारी स्कूल सुकली में 8वीं तक की शिक्षा हुई. कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई महाराणा प्रताप स्कूल झाफल में पूरी की. किरण ने बिलासा गर्ल्स कॉलेज बिलासपुर से बीएससी (मैथ्स) की डिग्री हासिल की है. दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में भी किरण ने अच्छे मार्क्स लाए थे और क्लास में अव्वल रहीं थीं.
"तीसरी कक्षा में पापा ने कहा था बेटी SDM बनना" : किरण ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जब वह तीसरी और चौथी कक्षा में पढ़ाई करती थी. उस समय उसके पापा अक्सर उसे कहते थे कि बेटी एक दिन एसडीएम बनना. तब किरण एसडीएम क्या पोस्ट होता है, यह भी नहीं जानती थी. लेकिन जैसे-जैसे उसकी शिक्षा आगे बढ़ते गई, धीरे धीरे उसे प्रशासनिक सेवा के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद किरण इसी क्षेत्र में अपने करियर बनाने की तैयारियों में जुट गई. वहीं, आज अपने पापा के सपनों को पूरा करते हुए किरण ने यह मुकाम हासिल किया है.