ETV Bharat / state

'अब हमलोग क्या करेंगे, बाढ़ जैसे हालात में इतनी दूर स्कूल कैसे जाएंगे', गोपालगंज में बच्चों की बढ़ी मुसीबत - Gopalganj Education

Gopalganj Education: गोपालगंज में बच्चे जब स्कूल पहुंचे तो एक भी टीचर नजर नहीं आए. काफी देर तक इंतजार करने के बाद पता चला कि स्कूल को 2 किलोमीटर दूर के एक स्कूल के साथ टैग कर दिया गया है. सभी शिक्षक वहीं अपना योगदान दे रहे हैं. अब अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से बड़ी मांग की है.

गोपालगंज में बच्चों की बढ़ी मुसीबत
गोपालगंज में बच्चों की बढ़ी मुसीबत (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 3, 2024, 1:58 PM IST

गोपालगंज में स्कूल से शिक्षक नदारद (ETV Bharat)

गोपालगंज: जिले के सदर प्रखंड के जागिरी टोला स्थिति अहीर टोला गांव में रोज की तरह पढ़ने के लिए गांव के बच्चे स्कूल पहुंचे, लेकिन शिक्षकों के नहीं पहुंचने के कारण छात्र छात्राओं के बीच मायूसी छा गई. बच्चों ने काफी देर तक शिक्षकों का इंतजार किया और फिर थककर वापस घर चले गए. मामला राजकीय माध्यमिक विद्यालय कटघरवां और प्राथमिक विद्यालय कमल चौधरी के टोला प्रखंड गोपालगंज का है.

गोपालगंज में स्कूल से शिक्षक नदारद: ग्रामीणों ने जब शिक्षकों के बारे में पता लगाया तब उन्हें यह जानकारी मिली कि इस स्कूल को दो किलोमीटर दूर दूसरे स्कूल में स्थानांतरण कर दिया गया है और सभी शिक्षक उसी स्कूल में मौजूद हैं. अब बच्चे उतनी दूरी तय कर पढ़ने नहीं जाना चाहते हैं और न ही अभिभावक ही उन्हें जाने देना चाहते हैं. ऐसे में स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं शिक्षा से वंचित होते हुए नजर आ रहे हैं.

बच्चे करते रह गए गुरुजी का इंतजार : दरअसल इस संदर्भ में बताया जाता है कि दस साल पहले गंडक नदी के कटाव के कारण कटघरवा और कमल राय के टोला गांव नदी में विलीन हो गया था. जिसके बाद गांव के लोग इधर उधर अपना शरण लेकर बस गए. वहीं दोनों गांव के स्कूल को जागीरी टोला अहीर टोला गांव स्थित सामुदायिक भवन शिफ्ट कर दिया गया था. वहीं स्कूल शिफ्ट होने के चलते बच्चे भी खासे परेशान दिखे.

स्कूल का दूसरे स्कूल में स्थानांतरण: जिसमें दोनों स्कूल के करीब दो सौ बच्चे शिक्षा ग्रहण करते थे, लेकिन आलम यह है कि शिक्षा विभाग द्वारा जीतने भी भूमिहीन और भवनहीन स्कूल हैं उसे पास के स्कूल में शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया है. प्राप्त आदेश के बाद इस स्कूल में कार्यरत शिक्षक दूसरे स्कूल में अपना योगदान दे देने चले गए.

गांव से 2 किलोमीटर दूर शिफ्ट हुआ विद्यालय: वहीं इसको लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है. इस संदर्भ में ग्रामीणों व बच्चों के अभिभावकों ने बताया पिछले दस वर्षो से यहां स्कूल चल रहा था लेकिन अब यहां के शिक्षक दूसरे स्कूल में चले गए हैं, जो यहां से दो किलोमीटर दूर है. छोटे छोटे बच्चे कैसे उतनी दूर पढ़ाई करने जा पाएंगे.

"अगर बीच में कोई अनहोनी हो जाए तो इसका जिम्मेवार कौन होगा. बाढ़ के समय में इस जगह पर बाढ़ भी आती है. अगर बाढ़ का पानी चारों ओर रहेगा तो इतने बच्चों को कैसे दूसरे स्कूल में पढ़ने के लिए लेकर जा पाएंगे. हम अपने ही गांव में स्कूल चाहते हैं."- भरत राम,ग्रामीण

ग्रामीणों की ये मांग: ग्रामीणों की मांग है कि इस स्कूल के लिए हम लोगों ने जमीन भी दे दी है. जब तक स्कूल बन नहीं जाता तबतक बच्चों को इसी में पढ़ने दिया जाए. वहीं इस संदर्भ में शिक्षा विभाग के जिला प्रोग्राम ऑफिसर ने बताया कि जिले में जितने स्कूल भूमिहीन और भवनहीन है, जिनमें शौचालय और मूलभूत सुविधा नहीं वैसे स्कूलों को दूसरे स्कूल में टैग किया गया था.

"विभाग द्वारा प्राप्त निर्देश के अनुसार हम लोगो ने उस विद्यालय को दूसरे जगह मर्ज किया है. सरकार से जो निर्देश आया उसका पालन किया गया है."- रंजीत पासवान, कार्यक्रम पदाधिकारी

यह भी पढ़ें- बेगूसराय: स्कूल शिफ्ट करने पर छात्रों का प्रदर्शन, NH-28 को घंटों किया जाम

गोपालगंज में स्कूल से शिक्षक नदारद (ETV Bharat)

गोपालगंज: जिले के सदर प्रखंड के जागिरी टोला स्थिति अहीर टोला गांव में रोज की तरह पढ़ने के लिए गांव के बच्चे स्कूल पहुंचे, लेकिन शिक्षकों के नहीं पहुंचने के कारण छात्र छात्राओं के बीच मायूसी छा गई. बच्चों ने काफी देर तक शिक्षकों का इंतजार किया और फिर थककर वापस घर चले गए. मामला राजकीय माध्यमिक विद्यालय कटघरवां और प्राथमिक विद्यालय कमल चौधरी के टोला प्रखंड गोपालगंज का है.

गोपालगंज में स्कूल से शिक्षक नदारद: ग्रामीणों ने जब शिक्षकों के बारे में पता लगाया तब उन्हें यह जानकारी मिली कि इस स्कूल को दो किलोमीटर दूर दूसरे स्कूल में स्थानांतरण कर दिया गया है और सभी शिक्षक उसी स्कूल में मौजूद हैं. अब बच्चे उतनी दूरी तय कर पढ़ने नहीं जाना चाहते हैं और न ही अभिभावक ही उन्हें जाने देना चाहते हैं. ऐसे में स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं शिक्षा से वंचित होते हुए नजर आ रहे हैं.

बच्चे करते रह गए गुरुजी का इंतजार : दरअसल इस संदर्भ में बताया जाता है कि दस साल पहले गंडक नदी के कटाव के कारण कटघरवा और कमल राय के टोला गांव नदी में विलीन हो गया था. जिसके बाद गांव के लोग इधर उधर अपना शरण लेकर बस गए. वहीं दोनों गांव के स्कूल को जागीरी टोला अहीर टोला गांव स्थित सामुदायिक भवन शिफ्ट कर दिया गया था. वहीं स्कूल शिफ्ट होने के चलते बच्चे भी खासे परेशान दिखे.

स्कूल का दूसरे स्कूल में स्थानांतरण: जिसमें दोनों स्कूल के करीब दो सौ बच्चे शिक्षा ग्रहण करते थे, लेकिन आलम यह है कि शिक्षा विभाग द्वारा जीतने भी भूमिहीन और भवनहीन स्कूल हैं उसे पास के स्कूल में शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया है. प्राप्त आदेश के बाद इस स्कूल में कार्यरत शिक्षक दूसरे स्कूल में अपना योगदान दे देने चले गए.

गांव से 2 किलोमीटर दूर शिफ्ट हुआ विद्यालय: वहीं इसको लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है. इस संदर्भ में ग्रामीणों व बच्चों के अभिभावकों ने बताया पिछले दस वर्षो से यहां स्कूल चल रहा था लेकिन अब यहां के शिक्षक दूसरे स्कूल में चले गए हैं, जो यहां से दो किलोमीटर दूर है. छोटे छोटे बच्चे कैसे उतनी दूर पढ़ाई करने जा पाएंगे.

"अगर बीच में कोई अनहोनी हो जाए तो इसका जिम्मेवार कौन होगा. बाढ़ के समय में इस जगह पर बाढ़ भी आती है. अगर बाढ़ का पानी चारों ओर रहेगा तो इतने बच्चों को कैसे दूसरे स्कूल में पढ़ने के लिए लेकर जा पाएंगे. हम अपने ही गांव में स्कूल चाहते हैं."- भरत राम,ग्रामीण

ग्रामीणों की ये मांग: ग्रामीणों की मांग है कि इस स्कूल के लिए हम लोगों ने जमीन भी दे दी है. जब तक स्कूल बन नहीं जाता तबतक बच्चों को इसी में पढ़ने दिया जाए. वहीं इस संदर्भ में शिक्षा विभाग के जिला प्रोग्राम ऑफिसर ने बताया कि जिले में जितने स्कूल भूमिहीन और भवनहीन है, जिनमें शौचालय और मूलभूत सुविधा नहीं वैसे स्कूलों को दूसरे स्कूल में टैग किया गया था.

"विभाग द्वारा प्राप्त निर्देश के अनुसार हम लोगो ने उस विद्यालय को दूसरे जगह मर्ज किया है. सरकार से जो निर्देश आया उसका पालन किया गया है."- रंजीत पासवान, कार्यक्रम पदाधिकारी

यह भी पढ़ें- बेगूसराय: स्कूल शिफ्ट करने पर छात्रों का प्रदर्शन, NH-28 को घंटों किया जाम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.