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परीक्षा स्थगित होने के बाद भी शिक्षक संघ का अनशन जारी, शिक्षा विभाग आंदोलन खत्म करने में नाकाम - State Teachers Union strike

State Teachers Union strike माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत प्रधानाचार्य के पद पर 50 प्रतिशत पदोन्नति मामले में शासन का आदेश भी शिक्षकों को शांत नहीं कर पाया है. राजकीय शिक्षक संघ ने तीसरे दिन भी अपना क्रमिक अनशन जारी रखा. इसके साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि आने वाले दिनों में यही परिस्थितियां पूरे प्रदेश में शैक्षणिक व्यवस्था को ठप कर सकती है.

State Teachers Union strike
परीक्षा स्थगित होने के बाद भी शिक्षक संघ का अनशन जारी (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 12, 2024, 2:40 PM IST

Updated : Sep 12, 2024, 5:42 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड शिक्षा विभाग में माध्यमिक शिक्षा की शैक्षणिक व्यवस्था पूरी तरह ठप होने की तरफ बढ़ रही है. राजकीय शिक्षक संघ ने प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती मामले पर कदम पीछे खींचने से साफ इंकार कर दिया है. स्थिति यह है कि शिक्षा सचिव के लिखित आदेश पर भी शिक्षक मानने को तैयार नहीं हैं. बड़ी बात यह है कि शिक्षकों ने चरणबद्ध तरीके से शुरू हुए आंदोलन को अब क्रमिक अनशन तक पहुंचा दिया है और आने वाले दिनों में कार्य बहिष्कार की भी तैयारी की जा रही है. उधर शिक्षा विभाग इन परिस्थितियों से निपटने में पूरी तरह लाचार नजर आ रहा है.

परीक्षा स्थगित होने के बाद भी शिक्षक संघ का अनशन जारी (VIDEO-ETV Bhrat)

इसी कड़ी में शिक्षक संगठन ने तीसरे दिन क्रमिक अनशन जारी रखा. इस दौरान सैकड़ों शिक्षक शिक्षा निदेशालय में जुटकर अपनी मांग को सरकार से मनवाने के लिए एकजुट दिखाई दिए. राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि सरकार ने जो निर्णय लिया है, वह शिक्षकों से बिना परामर्श के लिया गया है. जबकि सीधी भर्ती के लिए परीक्षा स्थगित किए जाने का पत्र लोक सेवा आयोग को दिए जाने के बाद भी शिक्षक संगठन संतुष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षक संगठनों से बात करते हुए उन्हें संतुष्ट नहीं किया जाता, शिक्षकों का आंदोलन जारी रहेगा.

ये है मामला: यह मामला प्रधानाचार्य पद पर परीक्षा के जरिए चयन से जुड़ा हुआ है. जबकि शिक्षक संगठन की मांग है कि पूर्व की भांति ही प्रधानाचार्य पद पर शत प्रतिशत प्रमोशन के जरिए ही चयन किया जाए. हालांकि, इससे पहले प्रधानाचार्य पद भरने के लिए शिक्षा विभाग अपना प्रस्ताव कैबिनेट में ला चुका है और कैबिनेट ने नियमावली में संशोधन करते हुए अब 50 प्रतिशत पदों पर भर्ती के लिए प्रमोशन तो 50 प्रतिशत विभागीय सीधी भर्ती के जरिए पद भरे जाने का निर्णय लिया है.

ये भी पढ़ेंः शिक्षक संघ के विरोध से बैकफुट पर सरकार, प्रधानाचार्य सीधी भर्ती परीक्षा स्थगित

देहरादूनः उत्तराखंड शिक्षा विभाग में माध्यमिक शिक्षा की शैक्षणिक व्यवस्था पूरी तरह ठप होने की तरफ बढ़ रही है. राजकीय शिक्षक संघ ने प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती मामले पर कदम पीछे खींचने से साफ इंकार कर दिया है. स्थिति यह है कि शिक्षा सचिव के लिखित आदेश पर भी शिक्षक मानने को तैयार नहीं हैं. बड़ी बात यह है कि शिक्षकों ने चरणबद्ध तरीके से शुरू हुए आंदोलन को अब क्रमिक अनशन तक पहुंचा दिया है और आने वाले दिनों में कार्य बहिष्कार की भी तैयारी की जा रही है. उधर शिक्षा विभाग इन परिस्थितियों से निपटने में पूरी तरह लाचार नजर आ रहा है.

परीक्षा स्थगित होने के बाद भी शिक्षक संघ का अनशन जारी (VIDEO-ETV Bhrat)

इसी कड़ी में शिक्षक संगठन ने तीसरे दिन क्रमिक अनशन जारी रखा. इस दौरान सैकड़ों शिक्षक शिक्षा निदेशालय में जुटकर अपनी मांग को सरकार से मनवाने के लिए एकजुट दिखाई दिए. राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि सरकार ने जो निर्णय लिया है, वह शिक्षकों से बिना परामर्श के लिया गया है. जबकि सीधी भर्ती के लिए परीक्षा स्थगित किए जाने का पत्र लोक सेवा आयोग को दिए जाने के बाद भी शिक्षक संगठन संतुष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षक संगठनों से बात करते हुए उन्हें संतुष्ट नहीं किया जाता, शिक्षकों का आंदोलन जारी रहेगा.

ये है मामला: यह मामला प्रधानाचार्य पद पर परीक्षा के जरिए चयन से जुड़ा हुआ है. जबकि शिक्षक संगठन की मांग है कि पूर्व की भांति ही प्रधानाचार्य पद पर शत प्रतिशत प्रमोशन के जरिए ही चयन किया जाए. हालांकि, इससे पहले प्रधानाचार्य पद भरने के लिए शिक्षा विभाग अपना प्रस्ताव कैबिनेट में ला चुका है और कैबिनेट ने नियमावली में संशोधन करते हुए अब 50 प्रतिशत पदों पर भर्ती के लिए प्रमोशन तो 50 प्रतिशत विभागीय सीधी भर्ती के जरिए पद भरे जाने का निर्णय लिया है.

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Last Updated : Sep 12, 2024, 5:42 PM IST
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