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बागवानी : लखनऊ के मलिहाबाद में है देश-विदेश के फलों और खास वनस्पतियों का संसार - MALIHABAD MANGO NURSERY - MALIHABAD MANGO NURSERY

बागवानी का शौक रखने वालों के लिए लखनऊ के मलिहाबाद में देश-विदेश के फलों और खास वनस्पतियां (MALIHABAD MANGO NURSERY) मौजूद हैं. हालांकि लखनऊ का मलिहाबाद अपने खास दशहरी आम के लिए मशहूर है.

मलिहाबाद में फलों और खास वनस्पतियों का संसार.
मलिहाबाद में फलों और खास वनस्पतियों का संसार. (Photo Credit ; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 11, 2024, 1:46 PM IST

मलिहाबाद में फलों और खास वनस्पतियों का संसार. (Video Credit; Etv Bharat)



लखनऊ : लखनऊ के फलपट्टी क्षेत्र में बागवानी के शौकीनों के लिए फलों और फूलों की ही नहीं, बल्कि ऐसी कई वनस्पतियां उपलब्ध हैं, जिसकी वह उम्मीद करते हैं. चूंकि यह क्षेत्र आम के लिए प्रसिद्ध है. इसलिए यहां के बागवान अपनी नर्सरी में सबसे ज्यादा आम की प्रजातियां रखते हैं. इनमें देश की मशहूर प्रजातियां ही नहीं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड व अन्य तमाम देशों में मशहूर आम की प्रजातियां भी यहां मिलती हैं. इसके अलावा गर्मी के मौसम में उत्तर प्रदेश जैसे जलवायु वाले इलाकों के लिए अनुकूल सेब, लीची, आडू, चीकू सहित मसालों की तमाम वनस्पतियां भी यहां की नर्सरियों में उपलब्ध हैं.

नर्सरी संचालक जुबैर.
नर्सरी संचालक जुबैर. (Photo Credit ; Etv Bharat)



मलिहाबाद में नर्सरी चलाने वाले जुबैर बताते हैं कि यहां विशेष रूप से आम की प्रसिद्ध मियां जकी, किंग ऑफ चकापत, बनाना मैंगो, चिली मैंगो, बुर्नैकिंग, ऑस्टिन मैंगो, पूसा अरुणिमा, पूसा लालिमा, पूसा अरुणिका, थाईलैंड की थ्री टेस्ट, इरविन और रेड आईबेरी प्रजातियां लोगों लोगों को बहुत भाती हैं. यहां दूर-दूर से लोग इन प्रजातियों की पौध लेने के लिए आते हैं. इन प्रजातियों के फल रंगीन और अलग-अलग आकारों में होने के साथ ही स्वाद में भी अनूठे होते हैं. ऐसे में इनकी कीमतें भी सामान्य आम के मुकाबले कई गुने अधिक मिलती हैं. यही कारण है कि बागवान ऐसी किस्में लगाना बेहतर समझते हैं.

मलिहाबाद की खास नर्सरी.
मलिहाबाद की खास नर्सरी. (Photo Credit ; Etv Bharat)



जुबैर बताते हैं कि यहां सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला बनाना मैंगो का फल देर से तैयार होता है. यह खाने में बेहद जायकेदार और देखने में केले की तरह एकदम पीला होता है. शुगर के मरीजों के लिए भी कुछ किस्में बहुत ही लोकप्रिय हैं. इनमें टॉमी एक्टिंस और सेंसेशन आम ऐसी ही प्रजातियां हैं जो बहुत कम मिठास लिए होती हैं और शुगर के रोगियों के लिए नुकसानदेह नहीं होती हैं. इन प्रजातियों के आम काफी टिकाऊ भी होते हैं. इसलिए इस प्रजाति के आमों को विदेश भेजना भी आसान होता है, क्योंकि यह जल्दी खराब भी नहीं होते हैं.


मलिहाबाद क्षेत्र में आम की दशहरी, चौसा, लंगड़ा, फजली, सफेदा, बम्बइया, अलफ़ॉन्ज़ो, केसर, किशन भोग, गुलाब खास, वनराज और जरदालू आदि किस्में भी आसानी से उपलब्ध हैं. नई किस्मों में आम्रपाली, हुस्नारा, रत्ना, अनमोल और 15 अगस्त जैसी किस्मों की भी खूब मांग होती है. नर्सरी चलाने वाले जुबैर बताते हैं कि अब इस क्षेत्र में वातावरण के अनुकूल पहाड़ों पर होने वाले पौधों को भी उगाया जा रहा है. इनमें सेब, लीची, चीकू, आडू, अंगूर, अनार, नाशपाती, संतरा और मौसमी आदि प्रमुख हैं. इसके अलावा मसालों की भी तमाम प्रजातियां यहां उपलब्ध हैं. इसके अलावा लाल चंदन, इमली, आंवला, कटहल, खिन्नी, शहतूत, नीबू आदि की भी अनेक प्रजातियां मलिहाबाद की नर्सरियों में उपलब्ध हैं.

यह भी पढ़ें : इस बार जापान के लोग भी ले सकेंगे मलिहाबादी लंगड़ा व चौसा आम का स्वाद, निर्यात को मिली मंजूरी

यह भी पढ़ें : मैंगो मैन पद्मश्री कलीमुल्लाह खान ने ईजाद किया नया आम, डेढ़ दशक में पूर्ण हुआ शोध

मलिहाबाद में फलों और खास वनस्पतियों का संसार. (Video Credit; Etv Bharat)



लखनऊ : लखनऊ के फलपट्टी क्षेत्र में बागवानी के शौकीनों के लिए फलों और फूलों की ही नहीं, बल्कि ऐसी कई वनस्पतियां उपलब्ध हैं, जिसकी वह उम्मीद करते हैं. चूंकि यह क्षेत्र आम के लिए प्रसिद्ध है. इसलिए यहां के बागवान अपनी नर्सरी में सबसे ज्यादा आम की प्रजातियां रखते हैं. इनमें देश की मशहूर प्रजातियां ही नहीं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड व अन्य तमाम देशों में मशहूर आम की प्रजातियां भी यहां मिलती हैं. इसके अलावा गर्मी के मौसम में उत्तर प्रदेश जैसे जलवायु वाले इलाकों के लिए अनुकूल सेब, लीची, आडू, चीकू सहित मसालों की तमाम वनस्पतियां भी यहां की नर्सरियों में उपलब्ध हैं.

नर्सरी संचालक जुबैर.
नर्सरी संचालक जुबैर. (Photo Credit ; Etv Bharat)



मलिहाबाद में नर्सरी चलाने वाले जुबैर बताते हैं कि यहां विशेष रूप से आम की प्रसिद्ध मियां जकी, किंग ऑफ चकापत, बनाना मैंगो, चिली मैंगो, बुर्नैकिंग, ऑस्टिन मैंगो, पूसा अरुणिमा, पूसा लालिमा, पूसा अरुणिका, थाईलैंड की थ्री टेस्ट, इरविन और रेड आईबेरी प्रजातियां लोगों लोगों को बहुत भाती हैं. यहां दूर-दूर से लोग इन प्रजातियों की पौध लेने के लिए आते हैं. इन प्रजातियों के फल रंगीन और अलग-अलग आकारों में होने के साथ ही स्वाद में भी अनूठे होते हैं. ऐसे में इनकी कीमतें भी सामान्य आम के मुकाबले कई गुने अधिक मिलती हैं. यही कारण है कि बागवान ऐसी किस्में लगाना बेहतर समझते हैं.

मलिहाबाद की खास नर्सरी.
मलिहाबाद की खास नर्सरी. (Photo Credit ; Etv Bharat)



जुबैर बताते हैं कि यहां सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला बनाना मैंगो का फल देर से तैयार होता है. यह खाने में बेहद जायकेदार और देखने में केले की तरह एकदम पीला होता है. शुगर के मरीजों के लिए भी कुछ किस्में बहुत ही लोकप्रिय हैं. इनमें टॉमी एक्टिंस और सेंसेशन आम ऐसी ही प्रजातियां हैं जो बहुत कम मिठास लिए होती हैं और शुगर के रोगियों के लिए नुकसानदेह नहीं होती हैं. इन प्रजातियों के आम काफी टिकाऊ भी होते हैं. इसलिए इस प्रजाति के आमों को विदेश भेजना भी आसान होता है, क्योंकि यह जल्दी खराब भी नहीं होते हैं.


मलिहाबाद क्षेत्र में आम की दशहरी, चौसा, लंगड़ा, फजली, सफेदा, बम्बइया, अलफ़ॉन्ज़ो, केसर, किशन भोग, गुलाब खास, वनराज और जरदालू आदि किस्में भी आसानी से उपलब्ध हैं. नई किस्मों में आम्रपाली, हुस्नारा, रत्ना, अनमोल और 15 अगस्त जैसी किस्मों की भी खूब मांग होती है. नर्सरी चलाने वाले जुबैर बताते हैं कि अब इस क्षेत्र में वातावरण के अनुकूल पहाड़ों पर होने वाले पौधों को भी उगाया जा रहा है. इनमें सेब, लीची, चीकू, आडू, अंगूर, अनार, नाशपाती, संतरा और मौसमी आदि प्रमुख हैं. इसके अलावा मसालों की भी तमाम प्रजातियां यहां उपलब्ध हैं. इसके अलावा लाल चंदन, इमली, आंवला, कटहल, खिन्नी, शहतूत, नीबू आदि की भी अनेक प्रजातियां मलिहाबाद की नर्सरियों में उपलब्ध हैं.

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