कानपुर: पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने नया खुलासा किया है. कानपुर के एक शिक्षक और वकील के पूछताछ में नए तथ्य सामने आए हैं. जिसमें एसटीएफ अफसरों ने दावा किया है कि जो पेपर आउट हुआ, उसमें सवाल जवाब हाथ से लिखे गए थे. किसी परीक्षा केंद्र से पेपर आउट नहीं हुआ था.
एसटीएफ की जांच में खुलासा: यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त रूख को देखते हुए एसटीएफ एक्टिव हो गई है. एसटीएफ की कानपुर यूनिट के 6 सदस्यों ने सोमवार को शहर के बर्रा स्थित एक निजी कोचिंग के शिक्षक से पूछताछ की. जिसमें खुलासा हुआ कि पेपर वायरल करने वाले टीचर को जो टेलीग्राम चैनल पर पेपर मिला था. जिसके आधार पर उसने छात्रों को बताया था कि ये तीसरी पाली का पेपर है. लेकिन, असल में वह पेपर चौथी पाली का निकला. जिसमें 150 में से 147 प्रश्न सही निकले. साथ ही खास बात यह भी है कि जो पेपर वायरल हुआ, वह हाथ से लिखा गया था. इसलिए एसटीएफ के अफसर दावा कर रहे हैं कि पेपर किसी परीक्षा केंद्र से आउट नहीं हुआ. अगर परीक्षा केंद्र से लीक होता, तो पेपर में वाटरकोड लिखा होता. जिससे परीक्षा केंद्र की पहचान की जा सकती थी.
वायरल पेपर के सोर्स तक पहुंचने में जुटी पुलिस: कानपुर एसटीएफ के प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि पेपर लीक मामले में एसटीएफ की टीम ने कानपुर में निजी कोचिंग के शिक्षक और वकील से बात की है. हम साक्ष्यों को जुटा रहे हैं. साथ ही हमारी टीम उस सोर्स तक पहुंचना चाहती है, जहां से सबसे पहले पेपर को वायरल किया गया. यूपी में एसटीएफ की कई टीमें इस मामले की जांच कर रही हैं. जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.