बूंदी. कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल के भाई और कोटा डेयरी के पूर्व अध्यक्ष रहे श्रीलाल गुंजल और दो अन्य को छह साल पुराने एक मामले में तालेड़ा के न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा ज़ारी गिरफ्तारी वारंट पर बूंदी सेशन कोर्ट ने 18 अप्रैल तक रोक लगा दी है.
गौरतलब हैं कि 6 साल पुराने इस मामले में तीनों पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप है. मामले में तालेड़ा के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किए कर तीनों को आगामी 8 अप्रैल को अदालत में तलब किया गया था. अधिवक्ता हरीश शर्मा ने बताया कि उक्त गिरफ्तारी वारंट को निरस्त करने के लिए निचली अदालत में अपील की गई थी, जिसके निरस्त होने के बाद सेशन कोर्ट में रिवीजन पीटीशन दाखिल की गई. जिस पर सेशन कोर्ट ने स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए 18 अप्रेल 2024 नियत की हैं और आगामी सुनावाई 18 अप्रैल तक गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी.
जांच में अपराध प्रमाणित माना: मामले में कोटा रेंज कार्यालय की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध और सतर्कता) उमा शर्मा ने जांच की थी. जांच में कोटा डेयरी के तत्कालीन अध्यक्ष श्रीलाल गुंजल, अरनेठा निवासी प्रभुलाल गोचर और लेसरदा निवासी गोपाल गोचर के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 306 और 120 बी के तहत अपराध प्रमाणित माना. तीनों के खिलाफ सैनी को धमकाना, संग्रहण केन्द्र छोड़ने के अत्यधिक दबाब बनाना, केन्द्र से आने वाले दूध की गुणवत्ता कम बनाना, उस पर जुर्माना लगाने जैसे तथ्य प्रमाणित पाए गए थे. जांच अधिकारी ने माना कि तीनों ने सैनी को सामाजिक, प्रशासनिक और मानसिक रूप से इस कदर प्रताड़ित किया कि उसे अपनी आजीविका खोने का संकट उत्पन्न हो गया ओर उसने परेशान होकर आत्महत्या का कदम उठा लिया.
खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी: मामले में उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने तालेड़ा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष तीनों आरोपियों के खिलाफ गत 25 अक्टूबर को धारा 306 और 120 बी के तहत आरोप पत्र पेश किए थे. अदालत ने तीनों के खिलाफ प्रसंज्ञान लेकर तलब किया था, लेकिन पिछली कई पेशियों पर उपस्थित नहीं होने पर तीनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर 8 अप्रैल को तलब किया था. उधर इस बारे मे श्रीलाल गुंजल ने कहा है कि मेरा इस मामले में हाई कोर्ट से स्टे है और गिरफ्तारी वारंट की मुझे जानकारी नहीं है.