लातेहारः झारखंड की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की रविवार को लातेहार पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने इंडिया गठबंधन के द्वारा चुनावी घोषणा में धान का एमएसपी 3200 रुपये करने के बाद भी प्रति क्विंटल 2400 रुपये दिए जाने के सवाल पर अपना जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जब घोषणा की गई है तो उसे धरातल पर उतारी जाएगी. इसके लिए प्रक्रिया भी जारी है लेकिन विपक्ष के दबाव में सरकार कोई निर्णय नहीं लेगी.
दरअसल, कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की रविवार की शाम लातेहार परिसदन पहुंची थीं. इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की और संगठन की जानकारी ली. बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए कृषि मंत्री ने धान की खरीदारी से संबंधित बातों की जानकारी दी.
मंत्री ने घोषणा के बाद भी किसानों को धान की प्रति क्विंटल कीमत 3200 रुपये नहीं मिलने के सवाल पर कहा कि सरकार इसके लिए प्रक्रिया पूरी कर रही है. हम अपना वादा पूरा भी करेंगे लेकिन अभी सरकार गठन के एक सप्ताह ही हुए हैं. दो-तीन दिन पहले मंत्रियों ने प्रभार लिया है. इसलिए विपक्ष के दबाव में कोई काम नहीं किया जाएगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि ऐसा संभव नहीं है कि सरकार बनने के बाद 2 दिन में कोई निर्णय ले लिया जाए. किसी भी निर्णय को लेने के लिए एक प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि किसानों को अभी 2400 रुपये ही मिलेंगे. इसमें ₹2300 एमएसपी और ₹100 रुपये का बोनस होगा. पिछली सरकार में ही कैबिनेट में इस बात को रखी गई थी. जल्द ही इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
धान खरीद में गड़बड़ी हुई तो होगी कार्रवाई
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार के द्वारा सभी जिला के अधिकारियों को साफ निर्देश दिया गया है कि धान की खरीदारी में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो. जो भी लैम्पस, पैक्स जिले में सक्रिय हो उन्हें धान की खरीदारी के लिए रजिस्टर्ड करें, ताकि किसानों को धान बेचने में किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो. इस दौरान यदि कोई लैम्पस या पैक्स गड़बड़ी करे तो उसपर तुरंत कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है. कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को हर प्रकार की सुविधा देने के लिए तैयार है.
कार्यकर्ताओं का बढ़ाया हौसला
इस दौरान कृषि मंत्री का कांग्रेस नेता पंकज तिवारी, हरिशंकर यादव, सुरेंद्र उरांव, अमित यादव, साजन कुमार समेत अन्य कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया. मौके पर कृषि मंत्री ने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया और कहा कि क्षेत्र की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाएं, ताकि समस्याओं का सही समय पर समाधान किया जा सके.
ये भी पढ़ें-