अलवर: राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती ने कहा कि अलवर एवं भरतपुर में महिला उत्पीड़न के मामले ज्यादा आते हैं. महिलाओं से जुड़े कुछ मामले ऐसे होते हैं जो किसी कारणवश आयोग तक नहीं पहुंच पाते.ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए महिला आयोग जिलों में जाकर सुनवाई करता है.
वे मंगलवार को अलवर में सर्किट हाउस में जिला स्तरीय जनसुनवाई करने के बाद पत्रकारों से बात कर रही थी. आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि जिला स्तरीय जनसुनवाई निरंतर चलने वाली कार्रवाई है.उन्होंने कहा कि आयोग में सबसे ज्यादा केस अलवर एवं भरतपुर से आते हैं, जो चिंताजनक है. कई बार अलवर से आठ- आठ जांच अधिकारी महिला आयोग में रिपोर्ट लेकर पहुंचते हैं.
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3 साल में 11 हजार मामले आए: रेहाना ने बताया कि उनके 3 साल के कार्यकाल में लगभग 11017 आए. इनमें से करीब 7663 केसों का निस्तारण किया गया. उनके कार्यकाल में पुराने और नए मामले मिलाकर करीब 21519 केसों का निस्तारण किया गया. उन्होंने बताया कि इनमें ज्यादातर मामले महिला उत्पीड़न, छेड़छाड़, दुष्कर्म के रहे.
लड़कियों की जरूरत भी लड़कों जितनी समाज में: उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा के माध्यम से लड़कों को यह समझाना होगा कि जितनी जरूरत समाज को उनकी है, उतनी ही लड़कियों की है. उन्होंने कहा कि जिसके साथ दुष्कर्म या छेड़छाड़ की घटना होती है, वह जिंदगीभर मरती रहती है.सभी को ऐसे मामलो को लेकर गंभीर होना पडे़गा. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कार्रवाई जल्दी हो, इसके लिए फास्ट ट्रेक कोर्ट में ट्रायल चलाकर जल्द से जल्द सजा दिलाना जरूरी है.
एसपी की जासूसी करना चिंताजनक: रेहाना रियाज ने कहा कि भिवाड़ी में पुलिस अधीक्षक की साइबर सेल से जुड़े कर्मचारी की जासूसी कराना चिंताजनक है. इस मामले की जांच पुलिस आईजी कर रहे हैं. उस पर आयोग की नजर है.आईजी की कार्रवाई पूरी होने के बाद महिला आयोग की ओर से कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में महिला आयोग की ओर से सख्त कार्रवाई की जाती है.