जयपुर. कर्मचारी चयन बोर्ड ने इस साल की शुरुआत में 11 जनवरी से 3 मार्च के बीच में 7 भर्ती के 8 एग्जाम करवाए और इसे उपलब्धि ही कहा जाएगा की सभी भर्ती परीक्षा पूरी तरह सफल रही और किसी भी तरह की धांधली की शिकायत नहीं आई. वहीं, अब कर्मचारी चयन बोर्ड आगामी दिनों में 31 भर्ती परीक्षा आयोजित करने जा रहा है. इसे लेकर बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने उम्मीद जताते हुए कहा कि आगामी परीक्षाओं में भी यही रवैया रहेगा, जिसमें अभ्यार्थियों और प्रशासन का भी पूरा सहयोग मिलेगा.
प्रश्नों के डिलीट होने की समस्या होगी कम : आलोक राज ने कहा कि फिलहाल राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के सामने एक सबसे बड़ी समस्या डिलीट होने वाले प्रश्नों की है. एग्जाम पेपर में सीक्रेसी और एक्यूरेसी के चलते पेपर की क्वालिटी कई बार खराब हो जाती है. पेपर को चेक नहीं करने की वजह से कई सारे प्रश्न डिलीट करने पड़ते हैं. बीते दिनों जो भर्ती परीक्षा आयोजित कराई गई, उनमें सिर्फ एक परीक्षा को छोड़कर बाकी सभी में प्रश्न डिलीट करने पड़े. इनमें एक भर्ती परीक्षा में तो 9 प्रश्न तक डिलीट किए गए, जो बोर्ड की कमी माना जा सकता है और इसमें सुधार करने के लिए एक सिस्टम तैयार किया है, जिसके चलते 22 जनवरी से शुरू होने वाली भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नों के डिलीट होने की समस्या कम हो जाएगी और अभ्यर्थी भी इससे खुश होंगे. हालांकि, इन प्रयासों को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. इसी तरह पेपर लीक की समस्या पर लगाम कसने के लिए भी एक प्लान तैयार किया गया है, लेकिन प्राइवेसी के चलते इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. उम्मीद यही है कि ये प्रयास सफल होंगे.
जहां तक डमी अभ्यर्थियों का सवाल है, तो उसके लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है और यदि किसी भी तरीके से डमी अभ्यर्थी परीक्षा देने बैठ भी गया तो दस्तावेज सत्यापन के दौरान अभ्यर्थी को रोक लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि आमतौर पर जो अभ्यर्थी डमी कैंडिडेट का इस्तेमाल करते हैं वो फॉर्म भरते समय अपनी फोटो के बजाय डमी कैंडिडेट की फोटो लगा देते हैं और कई बार डमी कैंडिडेट के साथ अपनी फोटो मर्ज करा लेते हैं. इसका फायदा उठाकर वो एग्जाम सेंटर पर आते हैं और फर्जी आधार कार्ड भी बना लेते हैं. ऐसे में पर्यवेक्षकों की आंखों में धूल झोंक कर परीक्षा देते हैं. उसी से निपटने के लिए अब हैंडराइटिंग सैंपल लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों से हैंडराइटिंग सैंपल लिया जाएगा और बाद में किसी भी लेवल पर आवश्यकता पड़ने पर इस हैंडराइटिंग सैंपल के जरिए अभ्यर्थी की जांच की जा सकेगी. इसके अलावा एग्जामिनेशन सेंटर पर अभ्यर्थियों की वीडियो ग्राफी भी कराई जाएगी.
वहीं, अभ्यर्थियों को फॉर्म आधार से लिंक करने के निर्देश भी दिए हुए हैं. बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि ज्यादातर अभ्यर्थियों ने फॉर्म आधार कार्ड से लिंक कर लिए हैं. उनके फिंगरप्रिंट और फोटोग्राफ कभी भी चेक किए जा सकते हैं. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि जिन अभ्यर्थियों के आधार कार्ड से फॉर्म से लिंक नहीं हुए हैं उनकी भर्ती परीक्षा अलग परीक्षा केंद्र पर आयोजित कराई जाएगी. साथ ही इन अभ्यर्थियों पर खास निगाहें भी रहेगी. बहरहाल, अब राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड जल्द ही सिक्योरिटी सर्विसेज का एक टेंडर करने जा रहा है, जिसमें अभ्यार्थियों के बायोमेट्रिक की जाएगी, जो आगामी भर्ती परीक्षा में इस्तेमाल किया जा सकेगा. ऐसे में अब जो अभ्यर्थी फर्जीवाड़ा करने की सोचेगा, वो रात को चैन से सो भी नहीं पाएंगे और जो वास्तविक अभ्यर्थी होंगे उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.