श्रीगंगानगर. नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगाने और इस दौरान उसके साथ दुष्कर्म किए जाने के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी युवक को अदालत ने दोषी माना है. अदालत ने इस युवक को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ दोषी युवक पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह फैसला बुधवार को पॉक्सो कोर्ट संख्या एक के विशिष्ट न्यायाधीश सुरेंद्र खरे ने सुनाया.
विशिष्ट लोक अभियोजक गुरचरण सिंह रुपाणा के अनुसार पुरानी आबादी थाना में फरवरी 2021 को एक महिला ने मुकुंदगढ़ निवासी रणवीर कुमावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. महिला ने बताया कि वह 25 जनवरी 2021 को अपनी 17 और 14 साल की पुत्री के साथ पुरानी आबादी में अपने पिता के पास आई थी और 12 फरवरी 2021 की शाम को वह बाजार में गई हुई थी और शाम के करीब 5 बजे के आसपास उसकी बहन ने फोन करके बताया कि उसकी 17 वर्षीय पुत्री घर में नहीं है.
इस पर महिला और परिवार के अन्य सदस्यों के तलाश की तो पता चला कि उसकी पुत्री को रणवीर कुमावत नामक युवक बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है. पुलिस ने महिला की रिपोर्ट के आधार पर रणबीर के खिलाफ संबंधी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया. जांच के बाद पुलिस ने पीड़िता की पुत्री व आरोपी को सोनीपत हरियाणा से दस्तयाब कर लिया. इसके बाद नाबालिग को बाल कल्याण समिति अध्यक्ष के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसको उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया. वहीं, रणवीर कुमावत को न्यायालय में पेश किया गया, जहां उसे न्यायिक अभिक्षा में भेज दिया गया.
विशिष्ट लोक अभियोजक गुरचरण सिंह रुपाणा ने बताया कि इस प्रकरण की जांच-पड़ताल की गई. जिसके बाद पुलिस ने अदालत में चालान पेश कर दिया. बुधवार को इस मामले में विशिष्ट न्यायाधीश सुरेंद्र खरे ने रणवीर कुमावत को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास से दंडित किया है. इसके साथ साथ 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है.