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इंडियन लाफिंग बुद्धा नागेश्वर दास ढाई सौ बार जा चुके हैं जेल, जानें क्या है वजह ?

Indian Laughing Buddha: बिहार के नागेश्वर दास इंडियन लाफिंग बुद्धा के नाम से जाने जाते हैं. वो कई बार जेल भी जा चुके हैं, लेकिन किसी जुर्म में नहीं बल्कि जेल में बंद कैदियों को हंसाने और मोटिवेट करने लिए. नागेश्वर दास की अनोखी ठाहकेदार हंसी की वजह से कभी-कभी लोग इन्हें पागल और दीवाना भी समझ लेते हैं.

इंडियन लाफिंग बुद्धा
इंडियन लाफिंग बुद्धा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 18, 2024, 4:04 PM IST

इंडियन लाफिंग बुद्धा से खास बातचीत

पटनाः बिहार के लाल नागेश्वर दास को हंसने में महारत हासिल है. अपनी इसी कला की बदौलत वो प्रदेश की लगभग सभी जेलों और उत्तराखंड, यूपी के कई जेलों में कैदियों की जिंदगी बदल चुके हैं. नागेश्वर दास का कहना है कि 'जीना जरूरी है, तो हंसना भी जरूरी है'. इसी सिलसिले में उन्होंने ईटीवी भारत से लंबी बातचीत की.

हंसाने के लिए जाने जाते हैं नागेश्वरः बिहार के सिवान जिला के रहने वाले इंडिया लाफिंग बुद्धा के नाम से पहचान बनाने वाले लोगों के दिलों पर हंसी की बदौलत राज करते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे हंसने की प्रेरणा बचपन से मिली है. जब बच्चे का जन्म होता है तो लोग उसको उल्टा लटका कर पीठ पर थपथपाते हैं, जिससे बच्चा रोता है. मुझे बचपन में गुदगुदी दिया गया था. उस समय मैं हंसने लगा.

रोड सेफ्टी के लिए गाया गाना: इस बार वे अपने हंसी को लेकर नहीं बल्कि एक गाना गाकर सुर्खियों में बने हुए हैं. इस गाने को सुनकर लोग काफी पसंद कर रहे हैं, लोगों के द्वारा सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल किया जा रहा है. बिहार, उत्तर प्रदेश में खास करके लोग रॉन्ग साइड में गाड़ी चलाते हैं और हाई स्पीड के कारण जान गवां देते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए नागेश्वर दास ने गाना गया है, जो लोगों को काफी पसंद आ रहा है. उन्होंने इस गाने को ईटीवी भारत दर्शकों को गाकर सुनाया.

अनोखी ठहाकेदार हंसी के लिए फेमसः नागेश्वर दास ने कहा कि अपनी अनोखी ठहाकेदार हंसी की वजह से मुझे लोग पागल दीवाना कहते हैं. मैं चौक चौराहों पर जब लोगों को हंसता हूं तो लोग कई बार बदतमीजी भी करते हैं. जब लोगों से मैं पूछता हूं कि क्या जिंदगी में हंसते हैं तो लोग कहते हैं नहीं, तो मैं फिर उनको समझाता हूं कि मैं हमेशा हंसता मुस्कुराता रहता हूं और मेरी प्रयास यही रहता है कि मैं हर लोगों को हंसाता रहूं.

"हंसना बेहद जरूरी है. भाग दौड़ की जिंदगी में लोग हंसना भूल गए हैं. इंसान के चेहरे पर हंसी आने से दुनिया के बोझ दुख दर्द दूर हो जाता हैं. इसीलिए हम लोगों के दुख दर्द हंसी के बहाने से दूर करते हैं"- नागेश्वर दास, इंडियन लाफिंग बुद्धा

बिहार सरकार से मदद की लगाई उम्मीदः एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिहार सरकार अगर थोड़ी मदद करे, तो वो सरकारी कार्यक्रमों में लोगों को हंसाकर उनके दुख और उनके चेहरे पर मुस्कान लाना चाहते हैं. हंसने का बहाना नहीं चाहिए, बल्कि खुद खुश होकर और हंसकर लोग मानसिक तनाव कम कर सकते हैं, लोगों की हंसी से बीमारी कम होगी. लोग अगर प्रतिदिन हंसे तो कई प्रकार की बीमारी खुद ब खुद दूर हो जाएगी.

ये भी पढे़ः KBC में अमिताभ बच्चन के सामने आज होंगे सिवान के रंजीत कुमार सिंह, जीते 12.50 लाख रुपये, आज रात प्रसारण

इंडियन लाफिंग बुद्धा से खास बातचीत

पटनाः बिहार के लाल नागेश्वर दास को हंसने में महारत हासिल है. अपनी इसी कला की बदौलत वो प्रदेश की लगभग सभी जेलों और उत्तराखंड, यूपी के कई जेलों में कैदियों की जिंदगी बदल चुके हैं. नागेश्वर दास का कहना है कि 'जीना जरूरी है, तो हंसना भी जरूरी है'. इसी सिलसिले में उन्होंने ईटीवी भारत से लंबी बातचीत की.

हंसाने के लिए जाने जाते हैं नागेश्वरः बिहार के सिवान जिला के रहने वाले इंडिया लाफिंग बुद्धा के नाम से पहचान बनाने वाले लोगों के दिलों पर हंसी की बदौलत राज करते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे हंसने की प्रेरणा बचपन से मिली है. जब बच्चे का जन्म होता है तो लोग उसको उल्टा लटका कर पीठ पर थपथपाते हैं, जिससे बच्चा रोता है. मुझे बचपन में गुदगुदी दिया गया था. उस समय मैं हंसने लगा.

रोड सेफ्टी के लिए गाया गाना: इस बार वे अपने हंसी को लेकर नहीं बल्कि एक गाना गाकर सुर्खियों में बने हुए हैं. इस गाने को सुनकर लोग काफी पसंद कर रहे हैं, लोगों के द्वारा सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल किया जा रहा है. बिहार, उत्तर प्रदेश में खास करके लोग रॉन्ग साइड में गाड़ी चलाते हैं और हाई स्पीड के कारण जान गवां देते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए नागेश्वर दास ने गाना गया है, जो लोगों को काफी पसंद आ रहा है. उन्होंने इस गाने को ईटीवी भारत दर्शकों को गाकर सुनाया.

अनोखी ठहाकेदार हंसी के लिए फेमसः नागेश्वर दास ने कहा कि अपनी अनोखी ठहाकेदार हंसी की वजह से मुझे लोग पागल दीवाना कहते हैं. मैं चौक चौराहों पर जब लोगों को हंसता हूं तो लोग कई बार बदतमीजी भी करते हैं. जब लोगों से मैं पूछता हूं कि क्या जिंदगी में हंसते हैं तो लोग कहते हैं नहीं, तो मैं फिर उनको समझाता हूं कि मैं हमेशा हंसता मुस्कुराता रहता हूं और मेरी प्रयास यही रहता है कि मैं हर लोगों को हंसाता रहूं.

"हंसना बेहद जरूरी है. भाग दौड़ की जिंदगी में लोग हंसना भूल गए हैं. इंसान के चेहरे पर हंसी आने से दुनिया के बोझ दुख दर्द दूर हो जाता हैं. इसीलिए हम लोगों के दुख दर्द हंसी के बहाने से दूर करते हैं"- नागेश्वर दास, इंडियन लाफिंग बुद्धा

बिहार सरकार से मदद की लगाई उम्मीदः एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिहार सरकार अगर थोड़ी मदद करे, तो वो सरकारी कार्यक्रमों में लोगों को हंसाकर उनके दुख और उनके चेहरे पर मुस्कान लाना चाहते हैं. हंसने का बहाना नहीं चाहिए, बल्कि खुद खुश होकर और हंसकर लोग मानसिक तनाव कम कर सकते हैं, लोगों की हंसी से बीमारी कम होगी. लोग अगर प्रतिदिन हंसे तो कई प्रकार की बीमारी खुद ब खुद दूर हो जाएगी.

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