जयपुर. राजस्थान में मानसून के आगमन के साथ ही आमतौर पर मौसमी बीमारियों के मामले अचानक बढ़ जाते हैं. इसी बीच प्रदेश में बारिश के बाद स्नेक बाइटिंग यानी सर्प दंश के मामले भी लगातार बढ़ने लगे हैं. प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल की बात करें तो बीते कुछ दिनों में स्नेक बाइटिंग के मामलों में अचानक बढ़ोतरी हुई है. बीते 15 दिनों में SMS अस्पताल में स्नेक बाइटिंग के करीब 150 से अधिक मामले सामने आए हैं, जबकि 22 मामले 30 जून से 1 जुलाई के बीच आए हैं, यानी औसतन हर दिन 10 स्नेक बाइटिंग के मामले अस्पताल में सामने आ रहे हैं.
स्नेक बाइटिंग के ये मामले सबसे अधिक ग्रामीण क्षेत्रों से देखने को मिल रहे हैं, जहां घरों में या फिर खेतों में काम करते वक्त लोग और सांप एक-दूसरे के संपर्क में आ जाते हैं. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि आम तौर पर बारिश के समय स्नेक बाइटिंग के मामले बढ़ जाते हैं, लेकिन इसके इलाज के लिए अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में एंटीवेनम मौजूद है. हालांकि कई बार मरीजों को अस्पताल में लाने में काफी देरी हो जाती है तो ऐसे में तो मरीज को जान का खतरा बना रहता है.
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ना करे ये गलती : SMS अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि बारिश के मौसम में सांप के काटने के मामलों में अचानक बढ़ोतरी हो जाती है. ग्रामीण क्षेत्रों में आम तौर पर सांप के काटने के बाद लोग झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं, जिससे मरीज की जान जा सकती है. सर्पदंश के बाद उस स्थान को कसकर बांध देना चाहिए, ताकि जहर शरीर के अन्य हिस्सों तक न पहुंचे, लेकिन कई बार परिजन दो-तीन स्थानों पर कसकर रस्सी बांध देते हैं, जिससे सांप के काटे गए स्थान पर ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है और गैंगरीन या फिर पैरालाइसिस होने का ख़तरा बढ़ जाता है. इसके अलावा कई बार काटे गए स्थान पर लोग खून को मुंह से खींचने का प्रयास करते हैं जो जानलेवा हो सकता है.
सांप काटे तो क्या करे : चिकित्सकों का कहना है कि यदि सांप काट लेता है तो सबसे पहले उस व्यक्ति को सीधा लिटा देना चाहिए और मरीज को हिलने-डुलने या फिर चलने फिरने न दे, काटे गए स्थान को साबुन और साफ पानी से धोना चाहिए और मरीज को तत्काल अस्पताल ले जाना चाहिए. चिकित्सकों का कहना है कि सर्पदंश से ग्रसित मरीज को यदि जल्द से जल्द इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है.