सीतामढ़ी: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण यानी 20 मई को सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर वोट डाले जाएंगे, जिसको लेकर चुनाव प्रचार अपने चरम पर है. यहां सीएम नीतीश कुमार चुनावी सभा कर चुके हैं तो महागठबंधन के नेताओं ने भी प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इसके साथ ही जीत-हार के समीकरणों को साधने पर मंथन भी जारी है, तो चलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं सीतामढ़ी लोकसभा सीट का इतिहास और ताजा समीकरण.
सीतामढ़ी सीट का इतिहासः 1957 में देश के दूसरे आम चुनाव से अस्तित्व में आई सीतामढ़ी लोकसभा सीट का पहला सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी नेता आचार्य जेबी कृपलानी ने. उसके बाद दो चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा लेकिन धीरे-धीरे कांग्रेस हाशिये पर चली गयी और अब ये सीट NDA का मजबूत किला है. पिछले तीन चुनावों से इस सीट पर NDA जीत दर्ज करता आ रहा है. 2009 और 2019 में जेडीयू तो 2014 में आरएलएसपी कैंडिडेट ने NDA के बैनर तले यहां से जीत हासिल की.
![सीतामढ़ी लोकसभा सीट](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14-05-2024/21457885_info01.jpg)
NDA और महागठबंधन के बीच सीधी टक्करः बिहार की अधिकतर सीटों की तरह सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर भी NDA और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर है. NDA के सीट बंटवारे में ये सीट जेडीयू के हिस्से में आई जिसने मौजूदा सांसद सुनील कुमार पिंटू का टिकट काटकर इस बार विधानपरिषद् के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर पर दांव खेला है तो आरजेडी ने इस बार भी 2019 में चुनाव लड़नेवाले अर्जुन राय पर ही भरोसा जताया है.
NDA के गढ़ के रूप में उभरा है सीतामढ़ीः पिछले कुछ चुनावों पर नजर डालें तो सीतामढ़ी लोकसभा सीट NDA का नया गढ़ बनकर उभरी है. NDA के घटक के रूप में जेडीयू ने सबसे पहले 1999 के लोकसभा चुनाव में लोकसभा सीट से जीत दर्ज की, हालांकि 2004 में यहां NDA की हार हुई लेकिन उसके बाद से NDA यहां जीत की हैट्रिक लगा चुका है और अब लगातार चौथी जीत की तैयारी में है.
सीतामढ़ी लोकसभा सीटः2009 से अब तकः इस सीट से 2009 में हुए चुनाव में NDA प्रत्याशी के तौर पर जेडीयू के अर्जुन राय ने कांग्रेस के प्रत्याशी समीर कुमार महासेठ को हराया. 2014 में जेडीयू NDA से अलग हुआ तो उसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा और मोदी लहर में आरएलएसपी के राम कुमार शर्मा ने आरजेडी के सीताराम यादव को हराकर NDA की विजय पताका फहराई. 2019 में NDA के साथ आए जेडीयू फिर ये सीट जीतने में सफल रहा जब जेडीयू के सुनील कुमार पिंटू ने आरजेडी के अर्जुन राय को करीब ढाई लाख वोट के अंतर से हरा दिया.
सीतामढ़ीः माता सीता के जन्मस्थान के रूप में विख्यातः 1972 में मुजफ्फरपुर से अलग होकर जिला बना सीतामढ़ी पौराणिक कथाओं में माता सीता के जन्मस्थान के रूप में विख्यात है.रामायण काल में यह मिथिला राज्य का एक महत्वपूर्ण अंग था. सीता के जन्मस्थान होने के कारण ही इसका नाम सीतामढ़ी हुआ. जिले के पुनौरा गांव में मां जानकी जन्मभूमि मंदिर है जिसे पुनौरा धाम के नाम से भी जाना जाता है. पुनौरा धाम के विकास को लेकर बिहार सरकार ने करीब 72 करोड़ का बजट भी दिया है.
सीातमढ़ी में 6 विधानसभा सीटः दरभंगा लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं- बथनाहा, परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी, सीतामढ़ी और रुन्नीसैदपुर है. जिसमें बाजपट्टी को छोड़कर सभी पांच सीटों पर NDA का कब्जा है. बाजपट्टी से आरजेडी के मुकेश कुमार यादव विधायक हैं.
सीतामढ़ी में जातिगत समीकरणः सीतामढ़ी में मतदाताओं की कुल संख्या 19 लाख 24 हजार 566 है. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 10 लाख 15 हजार 642 है तो महिला मतदाताओं की संख्या 9 लाख 8 हजार 924 है. जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा 5 लाख 80 हजार वैश्य मतदाता हैं जबकि मुस्लिम मतदाता करीब ढाई लाख और यादव मतदाता 2 लाख 10 हजार हैं. वहीं अति पिछड़ा मतदाताओं की संख्या 2 लाख 90 हजार है तो कुर्मी-कोइरी मिलकर करीब 1 लाख 30 हजार वोटर्स हैं. इसके अलावा सवर्ण मतदाताओं की संख्या 2 लाख 60 हजार और दलित-महादलित मतदाताओं की संख्या भी 2 लाख 60 हजार है.
![सीतामढ़ी लोकसभा सीट](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14-05-2024/21457885_info02.jpg)
क्या कायम रहेगा NDA का जलवा ?: 2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू के सुनील कुमार पिंटू ने इस सीट से जीत दर्ज की थी लेकिन इस बार जेडीयू ने पिंटू की जगह देवेशचंद्र ठाकुर को मैदान में उतारा है जबकि आरजेडी ने एक बार फिर अर्जुन राय पर ही दांव खेला है. लोकसभा चुनाव लड़ रहे देवेशचंद्र ठाकुर की छवि साफ-सुथरी है और विधानपरिषद् के सभापति के रूप में इनकी बड़ी पहचान भी है. वहीं आरजेडी के अर्जुन राय का भी ये पुराना इलाका है. अर्जुन राय 2009 में जेडीयू के टिकट पर यहां से सांसद भी रह चुके हैं. दोनों प्रत्याशियों की इलाके में छवि और पकड़ के अलावा यहां अयोध्या में राममंदिर का निर्माण सबसे बड़ा मुद्दा है.
"सरकारें बनाई जाती हैं ताकि आदमी को सुरक्षा मिले, रोजगार मिले, शिक्षा मिले, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, समाज में समरसता और सद्भाव बना रहे,लेकिन सामनेवाली पार्टी हमेशा हिंदू-मुसलमान, अगड़े-पिछड़े की बात करती है, विकास इनका एजेंडा ही नहीं है. मोदी और नीतीश के नेतृत्व में देश-राज्य में बेहतर काम हो रहा है." देवेश चंद्र ठाकुर, प्रत्याशी, जेडीयू
'पीएम मोदी ने जो देश में काम किया है उन सभी योजनाओं का लाभ सभी समुदाय और वर्गों को लाभ मिला है. इसलिए सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर NDA का पलड़ा भारी है." स्थानीय निवासी
कड़ी टक्कर की उम्मीदः जीत की हैट्रिक लगा चुके NDA के कैडर वोट के अलावा पीएम मोदी के मैजिक और देवेशचंद्र ठाकुर की साफ-सुथरी छवि का भरोसा है तो महागठबंधन का दावा है कि इस बार सीतामढ़ी में अर्जुन NDA का गढ़ भेद पाने में सफल होंगे. अब देखना है कि सीतामढ़ी के प्रबुद्ध मतदाता 20 मई को होनेवाली वोटिंग में किसको अपने मतों का आशीर्वाद प्रदान करते हैं.