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कपूरथला आलू फॉर्म से मुक्त हुए 30 बंधुआ मजदूर, 16 से 18 घंटे तक करवाते थे काम - SITAMARHI POLICE

पंजाब में बंधक बने सीतामढ़ी के मजदूरों को मुक्त करा लिया गया है. जल्द ही इन सभी को बिहार लाया जाएगा.

Sitamarhi Labourers Freed
पुलिस और पंजाब पुलिस की कार्रवाई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 31, 2024, 11:31 AM IST

सीतामढ़ी: पंजाब में बंधक बने सीतामढ़ी के मजदूरों को मुक्त करा लिया गया. पंजाब और बिहार पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई से बिहार के 22 और नेपाल के 8 मजदूरों को मुक्त कराया. बता दें कि ये सभी मजदूर पंजाब के कपूरथला के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत सिधमा गांव में आलू फार्म में बंधक बने हुए थे. इनसे 16-16 घंटे काम लिए जाते थे. घर जाने की बात पर प्रताड़ित किया जाता था. इन मजदूरों में महिला और बच्चे भी शामिल है.

तीन महीने पहले गए थे पंजाब: पुलिस के अनुसार मामला तीन माह पहले का है. सीतामढ़ी के सोनबरसा प्रखंड के कचहरी पुर गांव निवासी बिगन राय और उसका भाई जिनिश राय ने सुरसंड प्रखंड क्षेत्र के मेघपुर गांव से नाबालिग और वयस्क मजदूरों को अच्छी मजदूरी दिलाने का झांसा देकर पंजाब भेज दिया था. लेकिन पंजाब में ना मजदूरी दी जाती थी और ना ही खाना पानी दिया जाता था.

आयोग के निर्देश पर कार्रवाई: मामला संज्ञान में आने पर एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (बचपन बचाओ आंदोलन) की टीम ने सीतामढ़ी एसपी से शिकायत की. इसके बाद पुलिस ने बिगन और जिनिश राय के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की. इसके साथ ही राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से भी इसकी शिकायत की गयी. आयोग ने त्वरित मामले को संज्ञान में लेकर कपूरथला एएसपी को पत्र लिखकर मजदूरों को मुक्त कराने का निर्देश दिया.

संयुक्त कार्रवाई की गयी: सीतामढ़ी पुलिस टीम का नेतृत्व महिला थाना सीतामढ़ी की बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी रश्मि कुमारी ने की. पंजाब के भिट्ठा थाना के पीएसआई कुश कुमार, महिला सिपाही पूजा कुमारी ने एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन एवं पंजाब पुलिस के संयुक्त सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर मजदूरों को मुक्त कराया. एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के वरिष्ठ केन्द्रीय निदेशक मनीष शर्मा ने बताया कि कुल 30 मजदूरों को मुक्त कराया गया है.

"संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन में 11 नाबालिग, 19 वयस्क कुल 30 मजदूरों को आलू फॉर्म से मुक्त करवाया गया है. मुक्त मजदूरों में सीतामढ़ी जिला के सुरसंड, परिहार एवं सोनबरसा प्रखंड के कुल 22 एवं नेपाल के 8 मजदूर शामिल हैं." -मनीष शर्मा, निदेशक, एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन

मजदूरों में खुशी: मुक्त होने के बाद मजदूरों में खुशी की लहर है. मुक्त मजदूरों ने बताया की कोई भी ठिकेदार के झांसे में आकर बंधुआ मज़दूरी के दलदल में ना फंसे. लोग जागरूक हो ताकि हमलोग के तरह किसी के भी साथ इस तरह का घटना ना हो सके. रेस्क्यू के उपरांत इन मजदूरों के सुरक्षित घर वापसी की दिशा में प्रक्रिया सीतामढ़ी पुलिस एवं एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन की टीम के द्वारा किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: 'यूपी के 30 मजदूर बिहार में बंधक', आयोग के निर्देश पर छापेमारी में हैरान करने वाला खुलासा

सीतामढ़ी: पंजाब में बंधक बने सीतामढ़ी के मजदूरों को मुक्त करा लिया गया. पंजाब और बिहार पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई से बिहार के 22 और नेपाल के 8 मजदूरों को मुक्त कराया. बता दें कि ये सभी मजदूर पंजाब के कपूरथला के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत सिधमा गांव में आलू फार्म में बंधक बने हुए थे. इनसे 16-16 घंटे काम लिए जाते थे. घर जाने की बात पर प्रताड़ित किया जाता था. इन मजदूरों में महिला और बच्चे भी शामिल है.

तीन महीने पहले गए थे पंजाब: पुलिस के अनुसार मामला तीन माह पहले का है. सीतामढ़ी के सोनबरसा प्रखंड के कचहरी पुर गांव निवासी बिगन राय और उसका भाई जिनिश राय ने सुरसंड प्रखंड क्षेत्र के मेघपुर गांव से नाबालिग और वयस्क मजदूरों को अच्छी मजदूरी दिलाने का झांसा देकर पंजाब भेज दिया था. लेकिन पंजाब में ना मजदूरी दी जाती थी और ना ही खाना पानी दिया जाता था.

आयोग के निर्देश पर कार्रवाई: मामला संज्ञान में आने पर एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (बचपन बचाओ आंदोलन) की टीम ने सीतामढ़ी एसपी से शिकायत की. इसके बाद पुलिस ने बिगन और जिनिश राय के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की. इसके साथ ही राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से भी इसकी शिकायत की गयी. आयोग ने त्वरित मामले को संज्ञान में लेकर कपूरथला एएसपी को पत्र लिखकर मजदूरों को मुक्त कराने का निर्देश दिया.

संयुक्त कार्रवाई की गयी: सीतामढ़ी पुलिस टीम का नेतृत्व महिला थाना सीतामढ़ी की बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी रश्मि कुमारी ने की. पंजाब के भिट्ठा थाना के पीएसआई कुश कुमार, महिला सिपाही पूजा कुमारी ने एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन एवं पंजाब पुलिस के संयुक्त सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर मजदूरों को मुक्त कराया. एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के वरिष्ठ केन्द्रीय निदेशक मनीष शर्मा ने बताया कि कुल 30 मजदूरों को मुक्त कराया गया है.

"संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन में 11 नाबालिग, 19 वयस्क कुल 30 मजदूरों को आलू फॉर्म से मुक्त करवाया गया है. मुक्त मजदूरों में सीतामढ़ी जिला के सुरसंड, परिहार एवं सोनबरसा प्रखंड के कुल 22 एवं नेपाल के 8 मजदूर शामिल हैं." -मनीष शर्मा, निदेशक, एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन

मजदूरों में खुशी: मुक्त होने के बाद मजदूरों में खुशी की लहर है. मुक्त मजदूरों ने बताया की कोई भी ठिकेदार के झांसे में आकर बंधुआ मज़दूरी के दलदल में ना फंसे. लोग जागरूक हो ताकि हमलोग के तरह किसी के भी साथ इस तरह का घटना ना हो सके. रेस्क्यू के उपरांत इन मजदूरों के सुरक्षित घर वापसी की दिशा में प्रक्रिया सीतामढ़ी पुलिस एवं एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन की टीम के द्वारा किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: 'यूपी के 30 मजदूर बिहार में बंधक', आयोग के निर्देश पर छापेमारी में हैरान करने वाला खुलासा

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