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कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, देखिये कैसे जान जोखिम में डाल कर पुल पार कर स्कूल जाते हैं छात्र - DANGEROUS CHAHARI BRIDGE

DANGEROUS CHAHARI BRIDGE ON JHEEM RIVER: बिहार में बड़े-बड़े पुल तो ध्वस्त हो रहे हैं फिर इस चचरी पुल की बिसात क्या ? ये भी ध्वस्त हो चुका है लेकिन खबर ये है कि खतरनाक बन चुके इस पुल से होकर ही बच्चे स्कूल जा रहे हैं, ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, पढ़िये पूरी खबर,

'भविष्य' के लिए खतरे में जान
'भविष्य' के लिए खतरे में जान (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 2, 2024, 4:06 PM IST

हादसे का इंतजार कर रहा है प्रशासन ! (ETV BHARAT)

सीतामढ़ीः जब वर्तमान ही खतरे में है तो भविष्य को कैसे संवारा जा सकता है ? बिहार के सीतामढ़ी जिले की इस तस्वीर को देखिये और समझिये कि यहां बच्चे अपना भविष्य संवारने के लिए जान की बाजी लगा रहे हैं. जिले के सोनबरसा प्रखंड के पुरनदाहा राजवाड़ा स्थित झीम नदी पर बना चचरी का पुल टूटकर ध्वस्त हो चुका है बावजूद इसके स्कूली बच्चे टूटी हुई चचरी पुल से ही आवाजाही के लिए मजबूर हैं.

जाना है स्कूल तो पार करना होगा 'मुश्किलों का पुल'
जाना है स्कूल तो पार करना होगा 'मुश्किलों का पुल' (ETV BHARAT)

पुल के नीचे पानी की तेज धारः पुल बीच से पूरी तरह टूट चुका है. बस कुछ बांस-बल्लियां बची हुई हैं, जिनके सहारे बच्चे स्कूल आते-जाते हैं, लेकिन ये इतना खतरनाक हो चुका है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. ये पुल झीम नदी पर बना हुआ है और पुल के नीचे पानी का बहाव काफी तेज है. ऐसे में इस पुल से आवाजाही अपनी जान से खेलने जैसा ही है, लेकिन लोगों का कहना है कि मजबूरी है, क्योंकि आवाजाही के लिए और कोई दूसरा रास्ता नहीं है.

'भविष्य' के लिए दांव पर वर्तमान
'भविष्य' के लिए दांव पर वर्तमान (ETV BHARAT)

बाढ़ में टूटा चचरी का पुलः एक महीने पहले यहां डायवर्सन था जो बाढ़ के तेज पानी में टूट गया. जिसके बाद लोगों के पैदल आवाजाही के चचरी का पुल बनाया जो पुल भी 10 दिनों के अंदर ही टूट कर ध्वस्त हो गया. अब यहां के लोगों के आवागमन का एकमात्र साधन यही टूटा हुआ चचरी का पुल है.

थोड़ा छाता पकड़ना तो पार करूं
थोड़ा छाता पकड़ना तो पार करूं (ETV BHARAT)

खतरे में जान, प्रशासन अनजानः लोग अपनी जान हथेली पर लेकर आवाजाही कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है. स्थानीय प्रशासन लोगों की आवाजाही के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर रहा है और इलाके के लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया है. लगता है प्रशासन किसी हादसे का इंतजार कर रहा है.

हादसे का इंतजार कर रहा है प्रशासन ! (ETV BHARAT)

सीतामढ़ीः जब वर्तमान ही खतरे में है तो भविष्य को कैसे संवारा जा सकता है ? बिहार के सीतामढ़ी जिले की इस तस्वीर को देखिये और समझिये कि यहां बच्चे अपना भविष्य संवारने के लिए जान की बाजी लगा रहे हैं. जिले के सोनबरसा प्रखंड के पुरनदाहा राजवाड़ा स्थित झीम नदी पर बना चचरी का पुल टूटकर ध्वस्त हो चुका है बावजूद इसके स्कूली बच्चे टूटी हुई चचरी पुल से ही आवाजाही के लिए मजबूर हैं.

जाना है स्कूल तो पार करना होगा 'मुश्किलों का पुल'
जाना है स्कूल तो पार करना होगा 'मुश्किलों का पुल' (ETV BHARAT)

पुल के नीचे पानी की तेज धारः पुल बीच से पूरी तरह टूट चुका है. बस कुछ बांस-बल्लियां बची हुई हैं, जिनके सहारे बच्चे स्कूल आते-जाते हैं, लेकिन ये इतना खतरनाक हो चुका है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. ये पुल झीम नदी पर बना हुआ है और पुल के नीचे पानी का बहाव काफी तेज है. ऐसे में इस पुल से आवाजाही अपनी जान से खेलने जैसा ही है, लेकिन लोगों का कहना है कि मजबूरी है, क्योंकि आवाजाही के लिए और कोई दूसरा रास्ता नहीं है.

'भविष्य' के लिए दांव पर वर्तमान
'भविष्य' के लिए दांव पर वर्तमान (ETV BHARAT)

बाढ़ में टूटा चचरी का पुलः एक महीने पहले यहां डायवर्सन था जो बाढ़ के तेज पानी में टूट गया. जिसके बाद लोगों के पैदल आवाजाही के चचरी का पुल बनाया जो पुल भी 10 दिनों के अंदर ही टूट कर ध्वस्त हो गया. अब यहां के लोगों के आवागमन का एकमात्र साधन यही टूटा हुआ चचरी का पुल है.

थोड़ा छाता पकड़ना तो पार करूं
थोड़ा छाता पकड़ना तो पार करूं (ETV BHARAT)

खतरे में जान, प्रशासन अनजानः लोग अपनी जान हथेली पर लेकर आवाजाही कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है. स्थानीय प्रशासन लोगों की आवाजाही के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर रहा है और इलाके के लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया है. लगता है प्रशासन किसी हादसे का इंतजार कर रहा है.

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