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हरियाणा में पराली जलाने पर सरकार सख्त, सिरसा में 5 किसानों पर FIR दर्ज, जुर्माना भी लगाया

सिरसा प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. प्रदेश सरकार भी हुई सख्त.

Sirsa stubble issue
Sirsa stubble issue (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 2 hours ago

Updated : 55 minutes ago

Sirsa stubble issue (Etv Bharat)

सिरसा: हरियाणा के सिरसा में लगातार पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती जा रही है. इसको लेकर अब कृषि विभाग भी एक्शन मोड में नजर आ रहा है. कृषि विभाग की ओर से ऐसे तीन किसानों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. जिन्होंने पराली को आग लगाई थी. वहीं, पांच किसानों पर करीब बीस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. पराली जलाने की घटनाएं लगातार बढ़ने से जिला प्रशासन और कृषि विभाग की चिंताएं भी बढ़ गई है. अब कृषि विभाग ने पराली जलाने पर सख्त रुख अपना लिया है. वहीं, प्रदेश सरकार भी इसको लेकर सख्त कार्रवाई कर रही है.

पराली जलाने पर सरकार सख्त: कृषि विभाग के उप निदेशक सुखदेव सिंह कंबोज ने सख्त शब्दों में अधिकारियों को हिदायत दी है, कि अगर गांवों में अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से पराली जली तो अधिकारियों और कर्मचारियों को नोटिस भेजे जाएंगे. कृषि विभाग कारण बताओं नोटिस जारी करेगा. पराली को आग लगाने की घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन और कृषि विभाग संयुक्त रूप से किसानों को जागरूक करने में जुटा है. अलग-अलग माध्यम से किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. विभाग और सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारियां दी जा रही है.

पराली जलाने पर FIR दर्ज: कृषि उप निदेशक डॉ. सुखदेव कंबोज ने बताया कि सिरसा में हरसक के माध्यम से कुल 16 जगह पर आगजनी की घटना मिली थी. इनमें से पांच जगह की पहचान कर 5 किसानों पर 20 हजार जुर्माना लगाया है. तो वहीं तीन किसानों पर FIR दर्ज कर रेवेन्यू डिपार्टमेंट में रेड एंट्री दर्ज की गई है. जो 2 साल तक MSP पर अपनी कोई भी फसल को नहीं बेच पाएंगे. धान की पराली नहीं जलाने को लेकर इस मुहिम की शुरुआत की गई है.

सिरसा के 11 गांव रेड जोन में शामिल: कृषि विभाग के उपनिदेशक सुखदेव सिंह ने बताया कि जागरूकता वैन और अन्य के माध्यम से न केवल पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जा रहा है. बल्कि पराली के धुएं से स्वास्थ्य पर होने वाले नुकसान के बारे में भी अवगत करवाया जा रहा है. इसके अलावा, पराली प्रबंधन कर भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने की जानकारी भी किसानों को दी जा रही है. पराली को मिट्टी में मिलाने व गांठ बनाने वाले किसान को 1000 प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि मिलेगी. रेड से ग्रीन जोन में आने वाले गांव की पंचायत को 1 लाख मिलेंगे. सिरसा के 11 गांव रेड जोन में शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: नायब सैनी सरकार ने करा दी कर्मचारियों की मौज, दिवाली पर देगी करोड़ों एडवांस, सैलरी भी पहले

ये भी पढ़ें: पंचकूला की अनाज मंडियों में एक दिन में पहुंचा 5110 मीट्रिक टन धान, MSP पर हुई खरीद

Sirsa stubble issue (Etv Bharat)

सिरसा: हरियाणा के सिरसा में लगातार पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती जा रही है. इसको लेकर अब कृषि विभाग भी एक्शन मोड में नजर आ रहा है. कृषि विभाग की ओर से ऐसे तीन किसानों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. जिन्होंने पराली को आग लगाई थी. वहीं, पांच किसानों पर करीब बीस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. पराली जलाने की घटनाएं लगातार बढ़ने से जिला प्रशासन और कृषि विभाग की चिंताएं भी बढ़ गई है. अब कृषि विभाग ने पराली जलाने पर सख्त रुख अपना लिया है. वहीं, प्रदेश सरकार भी इसको लेकर सख्त कार्रवाई कर रही है.

पराली जलाने पर सरकार सख्त: कृषि विभाग के उप निदेशक सुखदेव सिंह कंबोज ने सख्त शब्दों में अधिकारियों को हिदायत दी है, कि अगर गांवों में अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से पराली जली तो अधिकारियों और कर्मचारियों को नोटिस भेजे जाएंगे. कृषि विभाग कारण बताओं नोटिस जारी करेगा. पराली को आग लगाने की घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन और कृषि विभाग संयुक्त रूप से किसानों को जागरूक करने में जुटा है. अलग-अलग माध्यम से किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. विभाग और सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारियां दी जा रही है.

पराली जलाने पर FIR दर्ज: कृषि उप निदेशक डॉ. सुखदेव कंबोज ने बताया कि सिरसा में हरसक के माध्यम से कुल 16 जगह पर आगजनी की घटना मिली थी. इनमें से पांच जगह की पहचान कर 5 किसानों पर 20 हजार जुर्माना लगाया है. तो वहीं तीन किसानों पर FIR दर्ज कर रेवेन्यू डिपार्टमेंट में रेड एंट्री दर्ज की गई है. जो 2 साल तक MSP पर अपनी कोई भी फसल को नहीं बेच पाएंगे. धान की पराली नहीं जलाने को लेकर इस मुहिम की शुरुआत की गई है.

सिरसा के 11 गांव रेड जोन में शामिल: कृषि विभाग के उपनिदेशक सुखदेव सिंह ने बताया कि जागरूकता वैन और अन्य के माध्यम से न केवल पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जा रहा है. बल्कि पराली के धुएं से स्वास्थ्य पर होने वाले नुकसान के बारे में भी अवगत करवाया जा रहा है. इसके अलावा, पराली प्रबंधन कर भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने की जानकारी भी किसानों को दी जा रही है. पराली को मिट्टी में मिलाने व गांठ बनाने वाले किसान को 1000 प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि मिलेगी. रेड से ग्रीन जोन में आने वाले गांव की पंचायत को 1 लाख मिलेंगे. सिरसा के 11 गांव रेड जोन में शामिल हैं.

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