सिंगरौली: लंघाडोल के गोपद नदी के किनारे पिकनिक मनाने गए 3 डॉक्टर और दो एनसीएल के विजिलेंस अधिकारियों का परिवार हादसे का शिकार हो गया, जिसमें एक डॉक्टर व 13 वर्षीय बच्ची की नदी में डूबने से मौत हो गई है. करीब 12 घंटे बाद बच्ची का शव बरामद किया गया है. वहीं डॉक्टर का शव रविवार को ही मिल गया था.
बच्ची को बचाने के चक्कर में हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक, नेहरू शताब्दी चिकित्सालय के 3 डॉक्टर और एनसीएल विजिलेंस विभाग के 2 अधिकारियों का परिवार रविवार को पिकनिक मनाने के लिए कार से गोपद नदी के देऊरदह घाट गए थे. सभी लोग घाट के किनारे नदी में नहा रहे थे. इसी दौरान डॉ. प्रवीण मुंडा की 13 वर्षीय बेटी गहरे पानी में जाने से डूबने लगी. बच्ची को डूबता देख डॉ. हरीश सिंह, डॉ. डीजे बोरा और विजिलेंस विभाग के दो अधिकारी बच्ची को बचाने नदी में कूद गए. इसी दौरान डॉ. हरीश सिंह गहरे पानी में चले गए और डूब गए.
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बच्ची के शव का कराया जा रहा है पीएम
सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने डॉ. हरीश के शव को पानी से निकाल लिया, लेकिन 13 वर्षीय बच्ची का पता नहीं चला था. करीब 12 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सोमवार सुबह को नदी के गहरे पानी से गोताखोरों की टीम ने बच्ची के शव को निकाल लिया है. दो अन्य डॉक्टरों को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है. बच्ची के शव का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरई में पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है. बच्ची का परिवार भी मौके पर मौजूद है.
बरामद किया गया शव
लंघाडोल चौकी प्रभारी पुष्पेन्द्र धुर्वे ने बताया, ''सूचना मिली थी कि गोपद नदी में हादसा हुआ है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान शुरु किया. इस हादसे में एक डॉक्टर की मौत हो गई है. इस घटना में एक 13 वर्षीय बच्ची लापता थी, जिसका शव बरामद कर लिया गया है.''