बोकारोः परीक्षा केंद्र में एक परीक्षार्थी का कृपाण उतारवाने के मामले में सिख समाज के लोगों में आक्रोश है. सिख समाज के प्रतिनिधियों के अनुसार बोकारो के सेक्टर 3ई स्थित महिला कॉलेज में बीए की परीक्षा का सेंटर पड़ा है. सिख समाज का परीक्षार्थी जब परीक्षा केंद्र पर पहुंचा तो उसे कृपाण के साथ परीक्षा केंद्र के अंदर जाने से रोक दिया गया. साथ ही कृपाण उतरवाकर उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई.
सिख वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों ने जताया आक्रोश
मामले की जानकारी मिलने पर से सिख वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य बोकारो महिला कॉलेज पहुंच गए. उन्होंने कॉलेज प्रबंधन पर आक्रोश व्यक्त किया.उनका कहना था कि यह हमारे पंथ का अपमान है.
कृपाण के साथ परीक्षा केंद्र में घुसने की नहीं दी गई इजाजत
जानकारी के मुताबिक चास गुरुद्वारा निवासी छात्र परमजीत सिंह बीए 6 सेमेस्टर की परीक्षा देने महिला कॉलेज में बनाए गए केंद्र पर पहुंचा था. सिख युवक को प्रवेश के लिए कृपाण उतारने के लिए कहा गया. परीक्षार्थी ने अपना कृपाण उतारने से मना किया. इस पर परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से मना कर दिया गया.
कॉलेज प्रबंधन से छात्र का उतरवाया कृपाण
इसके बाद छात्र ने इस बात की जानकारी अपने परिजनों को दी.परिजनों ने सिख वेलफेयर सोसाइटी को मामले से अवगत कराया और कॉलेज पहुंच गए. हालांकि तब तक छात्र कॉलेज प्रबंधन और तैनात मजिस्ट्रेट के आदेश पर कृपाण जमा कर परीक्षा में सम्मिलित हो गया था.
सिखों को कृपाण धारण करने का अधिकारः भवनीत सिंह
इस संबंध में सिख वेलफेयर सोसाइटी के भवनीत सिंह ने बताया कि सिखों को कृपाण धारण करने का पूरा अधिकार है. उन्होंने बताया कि बोकारो महिला कॉलेज की प्रिंसिपल को इसकी जानकारी नहीं थी.उन्होंने अपने वरीय अधिकारियों से बात की थी, लेकिन वरीय अधिकारियों ने भी इस संबंध में अनभिज्ञता जाहिर की. इसके बाद उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश दिखाया गया. तब उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की. उन्होंने कहा कि अब परीक्षार्थी कृपाण के साथ परीक्षा में शामिल हो सकेगा.
जानकारी के अभाव में ऐसी स्थिति उत्पन्न हुईः प्रिंसिपल
इस संबंध में बोकारो महिला कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ मंजू सिंह ने कहा कि जानकारी के अभाव में इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न हो गई. हाईकोर्ट का एक आदेश देखा गया है. अब सारी समस्या का समाधान कर लिया गया है.
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