चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के रण के लिए सभी दल अपनी-अपनी बिसात बिछाने में जुटे हुए हैं. एक तरफ बीजेपी है तो दूसरी तरफ उसको टक्कर देने के लिए कांग्रेस भी तैयार दिख रही है. प्रदेश की करीब दस साल से सत्ता संभाल रही बीजेपी भी इस बात को जानती है कि तीसरी बार सत्ता में वापसी करना आसान नहीं है. इसलिए पार्टी अपनी कमजोर कड़ियां जोड़ने में जुटी हुई है.
नए और पुराने साथियों को पार्टी में शामिल करने में जुटी बीजेपी
लोकसभा चुनाव में 46 विधानसभा सीटों पर पिछड़ने वाली बीजेपी जानती है कि उसे अगर जमीनी स्तर पर कांग्रेस को चुनौती देनी है तो सिर्फ पूर्व सीएम मनोहर लाल के फैसलों को बदलने से ही काम नही चलेगा। बल्कि इसके लिए उसे नए के साथ पुराने साथियों की भी जरूरत पड़ेगी। इसलिए बीते दिनों में न सिर्फ कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुई किरण चौधरी के समर्थक पार्टी में शामिल हुए बल्कि दो पूर्व बीजेपी के नेताओं की भी वापसी हुई है.
श्याम सिंह राणा ने थामा बीजेपी का दामन, कहां मिलेगा फायदा
श्याम सिंह राणा 2014 में यमुनानगर की रादौर सीट से बीजेपी से विधायक बने थे. उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान बीजेपी को छोड़कर इनेलो का दामन थाम लिया था. इनेलो ने उन्हें आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रत्याशी भी बना लिया था. लेकिन सीएम नायब सैनी के साथी रहे श्याम सिंह राणा को मुख्यमंत्री ने फिर से उनके समर्थकों के साथ पार्टी में शामिल करा लिया.
बीजेपी लोकसभा चुनाव में अंबाला सीट पर कड़े मुकाबले में हार गई थी. अंबाला लोकसभा क्षेत्र में आने वाले यमुनानगर जिले में पार्टी उम्मीद के मुताबिक हर विधानसभा से वोट हासिल नहीं कर पाई थी. अब श्याम सिंह राणा के बीजेपी में वापसी से यमुनानगर के आस-पास के इलाकों में बीजेपी को राजपूत वोट बैंक को मजबूती मिल सकती है. इसके साथ ही प्रदेश के राजपूत वोट बैंक में भी कुछ फायदा मिल सकता है.
श्याम सिंह राणा की बीजेपी में वापसी को लेकर क्या कहते हैं जानकार?
राजनीतिक मामलों के जानकार धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि बीजेपी के पुराने नेताओं के पार्टी में वापसी से पार्टी अपने उस वोट बैंक को कंसोलिडेट कर सकती है जो कहीं ना कहीं उससे दूरी बनाता हुआ नजर आ रहा था. वे कहते हैं कि श्याम सिंह राणा की बीजेपी में वापसी से उनको जहां रादौर से फिर टिकट मिलने की उम्मीद की जा रही है, वहीं यमुनाननगर और कुरुक्षेत्र के साथ ही इससे सटे जिलों के राजपूत वोट बैंक में भी पार्टी को फायदा मिल सकता है.
वरिष्ठ पत्रकार राजेश मोदगिल कहते हैं कि बीजेपी पुराने साथियों की घर वापसी कर विधानसभा चुनाव में जिन-जिन इलाकों में वो कमजोर रही उनको मजबूत करने में जुटी है. बीजेपी जानती है कि इस बार कांग्रेस से उसे कड़ी टक्कर मिलने वाली है. ऐसे में पार्टी हर इलाके के वोट बैंक के समीकरणों का ध्यान रख रही है. श्याम सिंह राणा की वापसी से बीजेपी को यमुनानगर और उससे सटे इलाकों में फायदा हो सकता है.