अयोध्या : रामनगरी में शुक्रवार को श्रीराम विवाह उत्सव का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया. शाम होते ही कड़ी सुरक्षा के बीच भव्य श्रीराम बारात निकाली गई. कहीं पालकी से तो कहीं बैंड बाजा, घोड़ा, हाथी के साथ फूलों से सजे रथ पर भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के स्वरूप के साथ नगर भ्रमण कराया गया, वहीं देर रात प्रभु श्रीराम और माता सीता का प्रतीकात्मक विवाह सम्पन्न हुआ.
मार्गशीष शुक्ल पंचमी तिथि विवाह पंचमी के रूप में मनाया गया. इस दौरान राम विवाह के धार्मिक आयोजन संपन्न हुए, जिसमें देश भर से आए श्रद्धालु शामिल रहे. दर्जनों मंदिरों में विवाहोत्सव धूमधाम से किया गया. रंगमहल मंदिर के महंत राम शरण दास ने बताया कि सबसे पहले राम हर्षण कुंज, कनक भवन, विअहुती भवन, स्मारक सदन, रंगमहल, दशरथ महल, बड़ा स्थान, दिव्य कला मंदिर तथा रामसखी मंदिर आदि एक दर्जन मंदिरों से शाम गाजे-बाजे और ढोल-नगाड़ों के साथ रथों पर सवार श्रीराम की बारात धूमधाम से निकाली गई, वहीं कनक भवन से भगवान श्रीराम की बारात कहारों के कंधे पर सवार होकर निकली.
उन्होंने बताया कि वासुदेव घाट स्थित जानकी महल मन्दिर में विराजमान श्री सीताराम विग्रह को सोने से बने 5 किलो का आभूषण धारण कराया गया. वहीं दशरथ महल मंदिर में महाराष्ट्र और चित्रकूट समेत पांच राज्यों से आए शहनाई और वादयंत्र की धुन में मग्न होकर हजारों श्रद्धालु बारात में नाचते गाते हुए शामिल हुए. रंगमहल मंदिर में 250 वर्ष पुराने लकड़ी के 10 दरवाजे वाला मंडप विवाहोत्सव के आकर्षण का विशेष केंद्र बना हुआ है, जहां देर रात सभी रस्मों के साथ विवाह सम्पन्न हुआ. अयोध्या की सिद्ध पीठ कनक भवन में सुबह से ही भगवान श्रीराम को सेहरा पहनाकर उनका शृंगार किया गया था. भगवान के मनमोहक स्वरूप को देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, वहीं शाम को निकाली गई बारात में भगवान श्रीराम की झलक पाने के लिए भारी भीड़ पहुंची.
लग्जरी कार पर सवार होकर निकले भगवान श्रीराम : दशरथ महल में राम विवाह पर खास तौर पर लग्जरी कार के साथ घोड़ा, हाथी, रथ, पंजाबी भांगड़ा और नित्य के साथ पटाके फोड़ते हुए राम बारात निकली गई. बारात को देखने के लिए भारी संख्या में भक्त व साधु संत सम्मलित हुए.
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300 वर्ष पुराने आम की लकड़ी के मंडप में हुआ राम विवाह : उन्होंने बताया कि रंग महल में 300 वर्ष पुराने आम की लकड़ी के बने मंडप में भगवान श्रीराम विवाह का आयोजन हुआ. जिसके बाद यहां से भगवान श्रीराम की भव्य बारात भी निकली. यहां पहुंचे विभिन्न प्रांतों के लोगों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम इस उत्सव में सम्मिलित होकर खुद को बहुत सौभाग्यशाली समझ रहे हैं. भगवान राम की ही कृपा थी जो हम यहां उनके विवाह उत्सव में पहुंच सके.
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