बीकानेर. हिंदू धर्म शास्त्रों में भगवान शंकर देवाधिदेव महादेव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है. वैसे तो साल में महाशिवरात्रि तिथि भगवान शिव की पूजा आराधना के लिए मानी जाती है और इसके अलावा तिथि अनुसार प्रदोष, साप्ताहिक वार में सोमवार और मासिक शिवरात्रि के रूप में चतुर्दशी को भगवान शिव का पूजन करने का विधान है.
शिव भक्ति में पूरा महीना: पंचांग अनुसार पूरे वर्ष में एकबार यानी कि श्रावण मास भगवान शिव की पूजा आराधना के लिए माना जाता है. इस मास में आशुतोष भगवान् शंकर की पूजा का विशेष महत्व है. जो प्रतिदिन पूजन न कर सकें, उन्हें सोमवार के दिन शिव पूजा और व्रत रखना चाहिए. श्रावण में पार्थिव शिवपूजा का विशेष महत्व है. अतः प्रतिदिन अथवा प्रति सोमवार व प्रदोष को शिवपूजा या पार्थिव शिवपूजा अवश्य करनी चाहिए. इस मास में लघु रुद्र, महारुद्र अथवा अतिरुद्र पाठ कराने का भी विधान है. श्रावण मास में जितने भी सोमवार पड़ते हैं, उन सब में शिवजी का व्रत किया जाता है.
ऐसे करें पूजा : पञ्चांगकर्ता पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि प्रातःकाल स्नानादि कर्मों से निवृत्त होकर देव-मंदिर में भगवान शिव के स्थापित शिवलिंग की या अपने घर में पार्थिव मूर्ति बनाकर यथाविधि षोड़शोपचार पूजन करना चाहिए. प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश की आराधना करने के बाद भगवान शिव की पूजा के साथ ही भगवान शिव के परिवार का पूजन करना चाहिए.
कब शुरू होगा सावन: इस बार सावन महीने का एक विशेष संयोग है कि सोमवार के दिन से ही सावन महीने की शुरुआत और समापन हो रहा है और लंबे अंतराल के बाद इस बार सावन में पांच सोमवार आएंगे. सावन के महीने का आरंभ 22 जुलाई सोमवार से हो रहा है और इसका समापन 19 अगस्त 2024 को होगा. इस बार सावन के महीने में पांच सोमवार पड़ेंगे जो बेहद शुभ माने जाते हैं. साल 2024 में सावन की शुरुआत और समाप्ति दोनों ही सोमवार से हो रही है. इससे इसका महत्व दोगुना हो गया है.
- 22 जुलाई 2024 - पहला सोमवार
- 29 जुलाई 2024 - दूसरा सोमवार
- 05 अगस्त 2024 - तीसरा सोमवार
- 12 अगस्त 2024 - चौथा सोमवार
- 19 अगस्त 2024 - पांचवा सोमवार
शिव भक्ति में खुद को करें समर्पित: पञ्चांगकर्ता पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष फल प्राप्त होता है. इस महीने जो भी माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ की आराधना करता है उसे सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. भगवान शिव अपने भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य पूरी करते हैं. मान्यता है कि जो भी सावन के सोमवार में भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करता है उसे मनचाहा वर-वधू प्राप्त होता है. इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत रखने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और राहु-केतु का अशुभ प्रभाव दूर होता है.
पूजन के बाद जरूर करें यह काम: पूजन के पश्चात् केवल एक बार ही भोजन करने का विधान है. श्रावण के महीने में ब्राह्मणों से रुद्राभिषेक अवश्य कराना चाहिए. श्रावण माहात्म्य और शिवमहापुराण की कथा भी सुननी चाहिए.