भोपाल। नई दिल्ली में आईसीएमआर (ICMR) के कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान का संबोधन अब चर्चा में है. दरअसल, शिवराज सिंह चौहान संबोधन के दौरान खुद को बार-बार मुख्यमंत्री बता रहे थे. अंततः उन्होंने संबोधन के दौरान ही स्वीकार किया "मैं बार-बार खुद को मुख्यमंत्री बोल गया हूं." हंसते हुए शिवराज ने साफ किया "चूंकि वह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर 18 साल से ज्यादा समय तक रहे. इसलिए इस आदत को सुधारने में कुछ वक्त लगेगा."
नई दिल्ली के कार्यक्रम में खुद को सीएम बताते रहे
कृषि विषय पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा ''हमें कृषि को आगे ले जाना है और किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है. प्रधानमंत्री का विजन ही हमारा मिशन है. जिस दिन से मैं कृषि मंत्री बना हूं. दिन-रात यही सोचते रहते हैं कि इसे बेहतर कैसे किया जाए..." इसी संबोधन के दौरान शिवराज सिंह चौहान खुद को मुख्यमंत्री के रूप में पेश करते रहे. संबोधन के अंत में शिवराज खुद हंस पड़े और कहा "मैं खुद को बार-बार मुख्यमंत्री बोल रहा हूं. आदत धीरे-धीरे जाएगी."
जानबूझकर बोले शिवराज या अनायास ही
गौरतलब है कि दिसंबर 2023 में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी दम पर बीजेपी को बंपर जीत दिलाने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने अंत समय तक फिर से मुख्यमंत्री बनने का प्रयास किया. लेकिन मोदी व अमित शाह ने उन्हें फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया. विधानसभा चुनाव के पहले और बाद में भी शिवराज यही कहते रहे कि वह दिल्ली नहीं जाएंगे और मध्यप्रदेश में ही रहेंगे. लेकिन जब राज्य में कोई जगह नहीं बनी तो उन्हें लोकसभा चुनाव लड़वाया गया.
फिर से सीएम न बनने की टीस मन में
अब शिवराज केंद्र में कृषि मंत्री हैं. लेकिन फिर से मुख्यमंत्री न बन पाने की टीस लगता है शिवराज के मन में अभी भी है. शायद इसी टीस के कारण वह कार्यक्रम में खुद को मुख्यमंत्री के रूप में प्रदर्शित करते हैं. ये भूलने की बीमारी है, इसे कोई मानने को तैयार नहीं होगा. शिवराज से जैसा सियासत का खिलाड़ी खुद भूल नहीं सकता, सामने वाले को भुलवा देगा.