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कोलारस मंडी में 'नकली सरसों' बेचने पहुंचा किसान! व्यापारियों ने किया हंगामा, फूड इंस्पेक्टर ने बताई हकीकत - kolaras mandi fake mustard - KOLARAS MANDI FAKE MUSTARD

शिवपुरी जिले की कोलारस कृषि उपज मंडी में शनिवार को व्यापारियों को एक किसान पर आशंका हुई कि किसान उन्हें नकली सरसों बेचने की फिराक में हैं. देखते ही देखते ये बात पूरी मंडी में फैल गई. व्यापारियों ने हंगामा करते हुए मंडी सचिव को इस बात की जानकारी दी. फूड इंस्पेक्टर द्वारा जांच करने पर पता चला कि किसान द्वारा लाई गई फसल सरसों की ही है.

KOLARAS MANDI FAKE MUSTARD
कोलारस मंडी में 'नकली सरसों' बेचने पहुंचा किसान (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 19, 2024, 2:08 PM IST

कोलारस मंडी में 'नकली सरसों' बेचने पहुंचा किसान (Etv Bharat)

शिवपुरी। कोलारस कृषि उपज मंडी में शनिवार को व्यापारियों ने एक किसान की ट्रॉली में भरी सरसों को नकली समझकर खुद को ठगा सा महसूस किया और विरोध जताते हुए डाक बंद कर दी. विवाद बढ़ने के बाद सरसों की जांच के लिए फूड इंस्पेक्टर को मंडी में बुलाना पड़ा. फूड इंस्पेक्टर द्वारा सरसों को असली बताने के बाद मंडी में दोबारा से खरीदी शुरू हो सकी. इस दौरान करीब एक घंटे तक मंडी में विवाद होता रहा और खरीदी बंद रही.

व्यापारियों ने किया विरोध

जानकारी के अनुसार, बामौरकलां का एक किसान सिरनाम रावत शनिवार को एक ट्रॉली सरसों लेकर मंडी में बेचने आया था. उसी ट्रॉली में दो कट्टे (बोरी) हल्की क्वालिटी के भी रखे हुए थे, जो सरसों के नीचे दब गए थे. जब व्यापारियों को इस बात का पता चला तो उन्होंने वह कट्टे निकलवाए. सरसों रंग छोड़ रही थी. ऐसे में व्यापारियों को लगा कि किसान सरसों के नाम पर कोई अन्य सस्ती चीज उन्हें टिकाने के लिए आया है. व्यापारियों ने इस बात का विरोध दर्ज कराते हुए मंडी में खरीदी बंद कर दी और मंडी सचिव को इस बात की जानकारी थी.

फूड इंस्पेक्टर ने बताया असली सच

व्यापारियों का कहना था कि सरसों के नाम पर कोई नकली चीज यह मंडी में बेचने के लिए आया है, इस पर एफआईआर होना चाहिए. मंडी सचिव आरपी सिंह ने मामले का समाधान करने के लिए खाद्य निरीक्षक विष्णुदत्त शर्मा को मंडी में बुलवाया. विष्णुदत्त शर्मा ने जब कट्टों में रखी सरसों का परीक्षण किया तो वह सरसों ही निकली, लेकिन उसकी क्वालिटी हल्की थी. किसान का कहना था कि उसे अगर यह सरसों बेचनी होती वह पहले ही उसे पूरी ट्रॉली में मिला देता. वह तो इस सरसों का तेल निकलवाने के लिए लाया था, क्योंकि इसकी क्वालिटी कमजोर थी. करीब एक घंटे तक चले विवाद के बाद समाधान हाे सका और खरीदी दोबारा से चालू हो सकी.

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बोरी में मौजूद थी हल्की क्वालिटी की सरसों

इस मामले पर मंडी सचिव आरपी सिंह ने कहा कि ''व्यापारियों को लग रहा था कि किसान की ट्रॉली में सरसों की बजाय कुछ और रखा हुआ है. यही कारण है कि खाद्य निरीक्षक को मौके पर बुलाया गया. उन्होंने सरसों का टेस्ट करने के बाद उसे सरसों ही बताया, लेकिन उसी क्वालिटी कमजोर बताई. हमने किसान को हिदायत देकर छोड़ दिया है.''

कोलारस मंडी में 'नकली सरसों' बेचने पहुंचा किसान (Etv Bharat)

शिवपुरी। कोलारस कृषि उपज मंडी में शनिवार को व्यापारियों ने एक किसान की ट्रॉली में भरी सरसों को नकली समझकर खुद को ठगा सा महसूस किया और विरोध जताते हुए डाक बंद कर दी. विवाद बढ़ने के बाद सरसों की जांच के लिए फूड इंस्पेक्टर को मंडी में बुलाना पड़ा. फूड इंस्पेक्टर द्वारा सरसों को असली बताने के बाद मंडी में दोबारा से खरीदी शुरू हो सकी. इस दौरान करीब एक घंटे तक मंडी में विवाद होता रहा और खरीदी बंद रही.

व्यापारियों ने किया विरोध

जानकारी के अनुसार, बामौरकलां का एक किसान सिरनाम रावत शनिवार को एक ट्रॉली सरसों लेकर मंडी में बेचने आया था. उसी ट्रॉली में दो कट्टे (बोरी) हल्की क्वालिटी के भी रखे हुए थे, जो सरसों के नीचे दब गए थे. जब व्यापारियों को इस बात का पता चला तो उन्होंने वह कट्टे निकलवाए. सरसों रंग छोड़ रही थी. ऐसे में व्यापारियों को लगा कि किसान सरसों के नाम पर कोई अन्य सस्ती चीज उन्हें टिकाने के लिए आया है. व्यापारियों ने इस बात का विरोध दर्ज कराते हुए मंडी में खरीदी बंद कर दी और मंडी सचिव को इस बात की जानकारी थी.

फूड इंस्पेक्टर ने बताया असली सच

व्यापारियों का कहना था कि सरसों के नाम पर कोई नकली चीज यह मंडी में बेचने के लिए आया है, इस पर एफआईआर होना चाहिए. मंडी सचिव आरपी सिंह ने मामले का समाधान करने के लिए खाद्य निरीक्षक विष्णुदत्त शर्मा को मंडी में बुलवाया. विष्णुदत्त शर्मा ने जब कट्टों में रखी सरसों का परीक्षण किया तो वह सरसों ही निकली, लेकिन उसकी क्वालिटी हल्की थी. किसान का कहना था कि उसे अगर यह सरसों बेचनी होती वह पहले ही उसे पूरी ट्रॉली में मिला देता. वह तो इस सरसों का तेल निकलवाने के लिए लाया था, क्योंकि इसकी क्वालिटी कमजोर थी. करीब एक घंटे तक चले विवाद के बाद समाधान हाे सका और खरीदी दोबारा से चालू हो सकी.

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इस मामले पर मंडी सचिव आरपी सिंह ने कहा कि ''व्यापारियों को लग रहा था कि किसान की ट्रॉली में सरसों की बजाय कुछ और रखा हुआ है. यही कारण है कि खाद्य निरीक्षक को मौके पर बुलाया गया. उन्होंने सरसों का टेस्ट करने के बाद उसे सरसों ही बताया, लेकिन उसी क्वालिटी कमजोर बताई. हमने किसान को हिदायत देकर छोड़ दिया है.''

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