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अनोखी शवयात्रा, डीजे-ढोल के साथ सजाकर निकाली अर्थी, 110 वर्षीय मां को बेटों ने खुशी-खुशी दी विदाई - SHIVPURI FUNERAL WITH DJ AND DRUMS

कोलारस में वृद्ध महिला ने शतायु होने पर कहा था कि उनकी मृत्यु पर कोई दुखी न हों. खुशी-खुशी अंतिम विदाई की इच्छा थी.

SHIVPURI FUNERAL WITH DJ AND DRUMS
110 वर्षीय मां को बेटों ने खुशी-खुशी दी अंतिम विदाई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

शिवपुरी: कोलारस थाना क्षेत्र में एक वृद्ध महिला की शव यात्रा डीजे और ढोल-नगाड़े बजाते हुए निकाली गई. दरअसल, मंगलवार को जेल कालोनी में रहने वाले 110 वर्षीय महिला भंमरी बाई का देहांत हो गया, जिसके बाद परिजन डीजे और ढोल की व्यवस्था करने लगे. ये सब देखकर आस पड़ोस के लोग अचरज में पड़ गए. बताया गया कि वृद्ध महिला नहीं चाहती थी कि उनके देहांत के बाद कोई दुखी हो, इसलिए परिजनों ने खुशी से शव यात्रा निकाली.

डोली की तरह सजकर निकली अर्थी

इस बारे में मृतक वृद्ध महिला के बेटे लक्ष्मण कुशवाह ने बताया, '' मां हमेशा कहती थी कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी जी ली है. बेटे, पोते और उनके बच्चे भी देख लिए. जब मैं पूरे परिवार को हंसते और खिलखिलाते हुए देखती हूं, तो बेहद खुश होती हूं. ऐसे में मैं चाहती हूं कि जब मेरा देहांत हो तो घर में मायूसी, रुदन और दुख नहीं होना चाहिए. मेरी शव यात्रा को खुश होकर निकालना. यही कारण है कि मां की अर्थी को भी उसी तरह निकाल रहे हैं, जैसे इस घर में उनकी डोली आई थी"

डोली की तरह ही डीजे और ढोल के साथ निकली अर्थी (ETV Bharat)

100वें जन्मदिन पर जताई थी अंतिम इच्छा

परिजनों ने बताया कि भंमरी बाई ने अपने 100वें जन्मदिन पर कहा था कि जब भी उनकी मृत्यु हो तो परिवार का कोई भी सदस्य नहीं रोएगा. जब उन्हें घर से अंतिम बार निकालें तो सभी सदस्य खुशी-खुशी विदा करें. उनकी इच्छा अनुसार ही उन्हें अंतिम विदाई दी गई. डीजे और ढोल-नगाड़े बजाते हुए कस्बे से करीब 3 किलोमीटर की दूरी तय कर अंतिम यात्रा घर से मुक्ति धाम पहुंची. इसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूर्ण किया गया.

शिवपुरी: कोलारस थाना क्षेत्र में एक वृद्ध महिला की शव यात्रा डीजे और ढोल-नगाड़े बजाते हुए निकाली गई. दरअसल, मंगलवार को जेल कालोनी में रहने वाले 110 वर्षीय महिला भंमरी बाई का देहांत हो गया, जिसके बाद परिजन डीजे और ढोल की व्यवस्था करने लगे. ये सब देखकर आस पड़ोस के लोग अचरज में पड़ गए. बताया गया कि वृद्ध महिला नहीं चाहती थी कि उनके देहांत के बाद कोई दुखी हो, इसलिए परिजनों ने खुशी से शव यात्रा निकाली.

डोली की तरह सजकर निकली अर्थी

इस बारे में मृतक वृद्ध महिला के बेटे लक्ष्मण कुशवाह ने बताया, '' मां हमेशा कहती थी कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी जी ली है. बेटे, पोते और उनके बच्चे भी देख लिए. जब मैं पूरे परिवार को हंसते और खिलखिलाते हुए देखती हूं, तो बेहद खुश होती हूं. ऐसे में मैं चाहती हूं कि जब मेरा देहांत हो तो घर में मायूसी, रुदन और दुख नहीं होना चाहिए. मेरी शव यात्रा को खुश होकर निकालना. यही कारण है कि मां की अर्थी को भी उसी तरह निकाल रहे हैं, जैसे इस घर में उनकी डोली आई थी"

डोली की तरह ही डीजे और ढोल के साथ निकली अर्थी (ETV Bharat)

100वें जन्मदिन पर जताई थी अंतिम इच्छा

परिजनों ने बताया कि भंमरी बाई ने अपने 100वें जन्मदिन पर कहा था कि जब भी उनकी मृत्यु हो तो परिवार का कोई भी सदस्य नहीं रोएगा. जब उन्हें घर से अंतिम बार निकालें तो सभी सदस्य खुशी-खुशी विदा करें. उनकी इच्छा अनुसार ही उन्हें अंतिम विदाई दी गई. डीजे और ढोल-नगाड़े बजाते हुए कस्बे से करीब 3 किलोमीटर की दूरी तय कर अंतिम यात्रा घर से मुक्ति धाम पहुंची. इसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूर्ण किया गया.

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