कोडरमा: आज सावन की पहली सोमवारी है और आज से ही सावन का पवित्र महीना भी शुरू हो गया है. कोडरमा के झुमरी तिलैया में जंगलों के बीच स्थित झरनाकुंड धाम में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. यहां आने वाले श्रद्धालु पत्थर के रूप में स्थापित भगवान भोले के शिवलिंग का जलाभिषेक कर रहे हैं. भक्त मंदिर के बाहर से गुजर रही उत्तर वाहिनी नदी के पवित्र जल को कलश और लोटा में भरकर भगवान भोले का जलाभिषेक कर रहे हैं.
मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. पत्थर के रूप में भगवान भोले का यह शिवलिंग पिछले 100 वर्षों से यहां स्थापित है. सदियों पहले भयंकर तूफान में फंसे एक चरवाहे ने भगवान भोले का आह्वान किया था. जिसके बाद शिवलिंग के रूप में स्थापित इसी पत्थर पर गिरने से उसकी जान बच गई थी.
सावन के आखिरी सोमवार को इस मंदिर से कांवड़ पदयात्रा का आयोजन किया जाता है. जिसमें इस उत्तर वाहिनी नदी का पवित्र जल एकत्र कर 13 किलोमीटर पैदल चलकर लोग ध्वजाधारी पर्वत पर विराजमान भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. मंदिर के पुजारी लाल बाबा ने बताया कि यहां कोडरमा ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों से भी श्रद्धालु आते हैं.
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