रामपुर बुशहर: शिमला जिले के समेज में बादल फटने से आई बाढ़ में कई लोगों ने अपनो को खो दिया. अपनों की तलाश में परिजन दो दिन से लगातार समेज में खड्ड के किनारे पहुंच रहे हैं और उनके मिलने की राह देख रहे हैं. वहीं, रोते बिलखते लोग एक दुसरे को दिलासा देते हुए भी नजर आ रहे हैं. इस दौरान ईटीवी भारत की एक ऐसे ही बुजुर्ग पर नजर पड़ी, जिनकी दर्दनाक आप बीती कहानी सुनकर आपकी भी आंखे नम हो जाएंगी.
आपदा में प्रेम चंद ने अपनी पत्नी को खो दिया: समेज गांव के रहने वाले 76 वर्षीय प्रेम चंद से हमारी मुलाकात हुई. इस दौरान उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने बताया कि जब बुधवार रात को बाढ़ आई उस समय उनको किसी अनहोनी होने का अंदाजा हो गया था. सुबह चार बजे के करीब जब वो अपने घर से बाहर निकले, तभी उन्हें मालूम हुआ कि बाहर भारी बारिश हो रही है. इस दौरान उन्होंने देखा की घर के साथ पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है. जिसके बाद वो घर के अंदर गए और अपनी पत्नी नेवता देवी (65 वर्ष) को उठाने का प्रयास किया, लेकिन वह उठ नहीं पाई.
प्रेम चंद के आंखों के सामने घर सहित बाढ़ में बह गई पत्नी: प्रेम चंद ने बताया कि वे घर से बाहर आ गए और एक लकड़ी के सहारे ऊपर की ओर चढ़ गए. देखते ही देखते उनके सामने उनका घर और उनकी पत्नी बाढ़ में बह गई. प्रेम चंद ने बताया कि दोनों पति-पत्नी लगभग 40 साल से समेज में रहते थे. वे एक छोटी सी चाय की दुकान चलाकर घर का गुजारा किया करता थे. उनकी एक बेटी है, उसकी शादी हो चुकी है. अब कोई भी उन्हें इस बुढ़ापे में देखने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरे मुंह के सामने मेरी पत्नी को बाढ़ बहा ले गई.
बाढ़ में घर के साथ बह गए जयपाल की पत्नी और बच्चे: वहीं, गांव कांदरी के जयपाल के साथ भी बेहद दुखद घटना घटी है. जब जयपाल किसी काम से अपने घर गए थे तो उनकी पत्नी और दो बच्चे समेज में रह रहे थे. यहां पर उनकी पत्नी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में नौकरी करती थी. उनकी पांच साल की एक बेटी और तीन साल का एक बेटा था, वह भी इस बाढ़ में लापता हो गए हैं. अब अकेले जयपाल रह गए हैं. जयपाल को दुख इस बात का है कि क्यों नहीं वे भी अपने बच्चे और पत्नी के साथ ही बढ़ा में बह गए, अब वे इस दुनिया में अपनों के बिना अकेले रह गए हैं.
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