रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अनुशासन तोड़ने वाले पार्टी के दो बड़े नेताओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन ने अपनी बड़ी बहू और जामा की विधायक सीता सोरेन के साथ-साथ बोरियों से झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम को छह साल के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने निष्कासित कर दिया है.
सोरेन परिवार की बड़ी बहू और पार्टी में केंद्रीय महासचिव पद पर रहीं जामा विधायक सीता सोरेन ने 19 मार्च 2024 को झामुमो छोड़ भाजपा में शामिल हो गयी थीं. उसके बाद भाजपा ने उन्हें दुमका से अपना प्रत्याशी भी घोषित किया था. झामुमो आलाकमान को इस्तीफा भेजने के बाद भी उनके भेजे इस्तीफे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी.
लगातार झामुमो नेतृत्व के खिलाफ मुखर रहने वाले बोरियो के विधायक पर भी अनुशासनहीनता की गाज गिरी है. राजमहल लोकसभा सीट पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी विजय हांसदा के खिलाफ निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने और समय-समय पर पार्टी नेतृत्व के लिए फैसले के खिलाफ लोबिन हेम्ब्रम पर भी कार्रवाई की गई है. उनके बयान को पार्टी विरोधी मानते हुए केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन ने सभी पदों से लोबिन हेम्ब्रम को हटाते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया.
अब तक पांच बागियों पर कार्रवाई कर चुका है झामुमो
पार्टी के अंदर अनुशासन बनाए रखने और INDIA अलायंस की मजबूती बनाए रखने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा अभी तक पांच बागी नेताओं पर कार्रवाई कर चुका है. इसमें से तीन वर्तमान में विधायक हैं जबकि दो पूर्व विधायक रहे हैं.
पार्टी नेतृत्व के फैसले के खिलाफ जाकर खूंटी लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले पूर्व विधायक बसंत लौंगा, भाजपा में शामिल होकर दुमका से उम्मीदवार बनीं जामा विधायक सीता सोरेन और राजमहल लोकसभा सीट से बागी उम्मीदवार बनें बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम को जहां पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है. वहीं लोहरदगा लोकसभा सीट से महागठबंधन के कांग्रेसी उम्मीदवार सुखदेव भगत के खिलाफ निर्दलीय उतरे झामुमो के बिशुनपुर विधायक चमरा लिंडा और कोडरमा से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे पूर्व विधायक जेपी वर्मा को निलंबित किया गया है.
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