जयपुर. राजधानी जयपुर के झालाना लेपर्ड रिजर्व से खुश खबर सामने आई है. झालाना लेपर्ड रिजर्व में मादा लेपर्ड शर्मीली अपने दो नन्हें शावकों के साथ नजर आई है. शर्मीली दोनों शावकों के साथ वाटर प्वाइंट पर पानी पीती दिखी. वाइल्डलाइफर सीपी सैनी और सौरव मुखर्जी ने इस मनमोहक दृश्य को अपने कैमरे में कैद किया. पर्यटकों को भी इन नन्हें शावकों की शानदार साइटिंग हो रही है. वाइल्डलाइफर सीपी सैनी ने बताया कि झालाना लेपर्ड रिजर्व में फूटा बंधा क्षेत्र के पंजा वाटर प्वाइंट पर मादा लेपर्ड शर्मीली दो नन्हें शावकों के साथ पानी पीते नजर आई. यह मनमोहक तस्वीर कैमरे में कैद की गई. इन दिनों झालाना में नन्हें शावकों की जोरदार साइटिंग हो रही है. लेपर्ड के साथ उनके शावकों को देखकर पर्यटक भी रोमांचक अनुभव ले रहे हैं. लेपर्ड रिजर्व में नन्हें शावक नजर आने से वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही वन्यजीव प्रेमी खासा खुश है.
डीसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि जयपुर शहर के बीचो बीच झालाना जंगल का अद्भुत दृश्य देख पर्यटक भी रोमांचित हो रहे हैं. झालाना में लगातार लेपर्ड का कुनबा बढ़ रहा है. नन्हें शावक नजर आने के बाद से ही वन विभाग की ओर से लेपर्ड शर्मीली और उसके शावकों की विशेष निगरानी की जा रही है. इस वर्ष अभी तक चार मादा लेपर्ड छह शावकों के साथ नजर आ चुकी हैं. इससे पहले मादा लेपर्ड जलेबी, फ्लोरा और एलके भी अपने नन्हें शवकों के साथ दिखी थी. नए शावकों के जन्म के दो-तीन महीने तक मादा लेपर्ड उन्हें छुपा कर रखती हैं. आने वाले दिनों में और भी नन्हें शावक अन्य मादा लेपर्ड के साथ देखने को मिल सकते हैं.
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वन्यजीव प्रेमियों ने भी नए शावकों के आने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि झालाना में लेपर्ड का कुनबा बढ़ने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. लगातार झालाना में लेपर्ड्स का कुनबा बढ़ रहा है. लेपर्ड रिजर्व में करीब 40 से अधिक लेपर्ड्स हो चुके हैं. दूरदराज से पर्यटक झालाना लेपर्ड सफारी करने के लिए पहुंचते हैं. यहां पर जंगल की खूबसूरती और लेपर्ड्स की साइटिंग पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रहती है. झालाना जंगल में कई प्रजातियों के पक्षी भी देखने को मिलते हैं.