शहडोल: आज के समय में सब्जियों की महंगाई से हर कोई वाकिफ है और परेशान भी है. वहीं, अधिक पैदावार के लिए रासायनिक खाद का भी भरपूर उपयोग किया जा रहा है. ये सब जानते हुए भी लोग बाजार से सब्जी लेने को मजबूर हैं. लेकिन यदि आपके पास थोड़ी सी भी जमीन है, तो आप 'पोषण वाटिका' तैयार कर आसानी से रोजाना अलग-अलग फ्रेश और हेल्दी हरी सब्जी खा सकते हैं. पोषण वाटिका के लिए कितनी जमीन चाहिए और इसको कैसे तैयार किया जाता है, जिससे हर दिन हरी सब्जी खाने को मिल जाए, आइए जानते हैं खाद्य वैज्ञानिक डॉ. अल्पना शर्मा से...
पोषण वाटिका से मिलेगी ताजी सब्जियां
खाद्य वैज्ञानिक डॉ. अल्पना शर्मा बताती हैं कि "आज के समय में जितनी भी सब्जी या फल बाजार में आ रहे हैं उसमें से ज्यादातर फसलों में रासायनिक कीटनाशक, उर्वरक का इस्तेमाल होता है. ये सब्जियां सेहत के लिए सही नहीं होती हैं और शरीर के लिए नुकसानदायक भी होती हैं. इससे बचने के लिए अक्सर सलाह दी जाती है कि आपके पास जो भी छोटी-बड़ी जमीन है या घर के अंदर छोटी सी जमीन खाली छोड़ी हुई है उसमें आप स्वयं के लिए छोटी सी एक पोषण वाटिका तैयार कर सकते हैं. उसमें आप किसी भी तरह की रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक का उपयोग नहीं करेंगे. टोटल जैविक खेती करेंगे, तो उससे आपको पोषक और उच्च गुणवत्ता वाली सब्जी भाजी खाने को मिलेगी. ये आपको किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाएगी."
छोटी-सी जमीन में तैयार करें पोषण वाटिका
खाद्य वैज्ञानिक आगे बताती हैं कि "सामान्य तौर पर कोई भी फैमिली में 5 से 6 लोग रहते हैं. 5 से 6 लोगों के लिए 200 से 250 वर्ग मीटर में पोषण वाटिका अच्छे तरीके से तैयार की जा सकती है. इस पोषण वाटिका से एक परिवार के लिए हर दिन आवश्यक होने वाली सब्जियों की पूर्ति हो जाएगी." उन्होंने कहा कि 300 ग्राम सब्जियों की दैनिक आवश्यकता प्रति व्यक्ति को हर दिन रहती है. ऐसे में लगभग 280 से 310 ग्राम तक की पूर्ति इस पोषण वाटिका से प्रत्येक व्यक्ति के लिए हो जाती है.
कैसे होती है पोषण वाटिका
पोषण वाटिका में पूरी व्यवस्थित तरीके से क्यारी बनाई जाती है. ये गोलाकार या चौकोर क्यारी हो सकती है जिसमें इस बात का ध्यान रखना होता है कि हर क्यारी में अलग अलग सब्जियां लगी हों. इसमें हरे पत्ते वाली सब्जियों से लेकर हर तरह की सब्जियों का कंबीनेशन हो. इसमें पत्तेदार सब्जियां, कंद वाली सब्जियां, दलहन वाली सब्जी, लता वाली सब्जियां और टमाटर आदि भी शामिल होती है. लौकी, कद्दू और रेरुआ (गिलकी) जैसी बेल (लता) वाली सब्जियां को सबसे आखिरी में रखें, जिससे उन्हें कुछ बेस लगा करके ऊपर चढ़ाया जा सके.
हर दिन मिलेगी पौष्टिक सब्जियां
पोषण वाटिका से आपको हर तरह की सब्जी घर में बैठे-बैठे खाने को मिल जाएगी. यह इतनी पौष्टिक सब्जियां होती हैं कि उनके कई तरीके के फायदे भी होते हैं. ये उच्च गुणवत्ता की सब्जी होती है. इसमें जैविक कीटनाशक, उर्वरक का उपयोग करते हैं. इसलिए इन सब्जियों को खाने से किसी तरह का खतरा नहीं होता है. इसे पोषण वाटिका से तुरंत तोड़ कर खा सकते हैं. यह किसी भी परिवार के लिए बहुत फायदेमंद है.
7 दिन 7 क्यारी मॉडल की खेती
खाद्य वैज्ञानिक डॉ. अल्पना शर्मा बताती हैं कि "हमारा शहडोल कृषि विज्ञान केंद्र 7 दिन 7 क्यारी पोषण वाटिका को बहुत ज्यादा बढ़ावा दे रहा है. हमने आदिवासी बहुल इस इलाके में कई पोषण वाटिका लगवाई है. 7 दिन 7 क्यारी के नाम से ही पता चल रहा है कि सप्ताह के सातों दिन 7 अलग-अलग क्यारी से आपको अलग-अलग तरह की सब्जी खाने को देता है. हर सब्जी जो पोषण वाटिका में लगी होती है उसके कई फायदे होते हैं. हर सब्जी में अलग-अलग पोषक तत्व की भरमार होती है. बरसात के समय में पोषण वाटिका को थोड़ी ऊंचाई पर तैयार करना होता है, जिससे उसमें पानी न भरे और फसल अच्छी हो.
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इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार
कोरोना के बाद से लोगों में सेहत के प्रति काफी सजगता देखी गई है. लोग सेहत का काफी ख्याल भी रख रहे हैं. इम्युनिटी को बढ़ाने और रोगों से बचने के लिए खानपान पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए आपकी सब्जियों में पोषक तत्व की मात्रा भरपूर होना चाहिए और रासायनिक उर्वरक वाली सब्जियों से बचना चाहिए. ऐसे में पोषण वाटिका लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है. गांव हो या शहर कहीं भी छोटी सी जमीन पर पोषण वाटिका तैयार कर सकते हैं.