नई दिल्ली: शाहदरा जिला पुलिस ने सीमापुरी इलाके के ऐसे 22 नाबालिगों का बॉयज क्लब बनाया है जोकि हत्या, स्नैचिंग, चोरी और लूट जैसी वारदातों में संलिप्त रहे थे. इन सभी की उम्र 13 से 18 के बीच है. अब पुलिस इन्हे जीवन की नई राह दिखाने की कोशिश में है. दिल्ली पुलिस का प्रयास है कि इन नाबालिग अपराधियों को अपराध की दुनिया से बाहर लाकर उनके पैरेंट्स के सपनों को साकार करे.
इस मामले में शाहदरा जिला के डीसीपी सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि, "दिल्ली पुलिस ऐसे नाबालिगों के जीवन में कुछ सुधार करने का प्रयास कर रही है जोकि बुरी संगत में आकर अपराध कर बैठे. पुलिस इनको इससे बाहर निकालकर मेन स्ट्रीम में लाने का प्रयास कर रही है. पुलिस की देखरेख में इन सभी का आत्मविश्वास बढ़ेगा. पुलिस की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं कि जो पढ़ना चाहते हैं वो पढ़ाई करे और जिसको स्वरोजगार करना है, वो उस दिशा में आगे बढ़े."
डीसीपी ने कहा कि, "इसके लिए हरसंभव मदद की जाएगी. एसीपी मुकेश वालिया और एसएचओ सीमापुरी देविंदर सिंह इन नाबालिगों को नई दिशा देने में पूरी मदद कर रहे हैं. इनको स्पोर्ट्स एक्टिविटी के साथ भी जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इनको बैंडमिंटन से लेकर बॉस्केबॉल और वॉलिबॉल आदि खेलने का मौका दिया जा रहा है जिस पर पुलिस की पूरी नजर रहती है. उम्मीद है कि इस सब के आने वाले समय में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे"
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इसी कड़ी में बुधवार को सीमापुरी इलाके में पौधरोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें कई नाबालिग के अलावा उनके पैरेंट्स ने भी शिरकत की. इन नाबालिग में से कोई सीए बनना चाहता है तो सरकारी नौकरी करना चाहता है. कुछ की इच्छा इंजीनियर बनने की है तो किसी का मन पढ़ाई में नहीं लगता है. वे स्किल डेवलप कर ऑटो मोबाइल मैकेनिक बनकर काम करना चाहते हैं.
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