पटनाः 2024 के लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमानेवाले अधिकतर प्रत्याशी करोड़पति हैं. बिहार में भी चुनाव लड़नेवाले दिग्गजों की औसत संपत्ति 3 करोड़ से अधिक है. इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं कि सिर्फ करोड़पति ही चुनाव लड़ सकते हैं. राज्य की कई सीटों पर ऐसे प्रत्याशियों ने भी लड़ने का दम दिखाया है जिनकी जेब में दाम में नहीं है.
कई प्रत्याशियों के पास अचल संपत्ति नहींः बिहार में जिन सीटों पर पांचवें चरण के दौरान वोटिंग होनेवाली है उन सीटों पर करीब 6 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके पास एक कट्ठा भी जमीन नहीं है. अचल संपत्ति की तो बात छोड़ ही दीजिए चल संपत्ति के मामले में भी उनके हाथ काफी तंग हैं.
मुकेश कुमार के पास सिर्फ 700 रुपयेः मिसाल के तौर पर मुजफ्फरपुर से चुनाव लड़ रहे मुकेश कुमार के पास सिर्फ 700 रुपये की चल संपत्ति है. जबकि इनके पास अचल संपत्ति का नामोनिशान तक नहीं है. वहीं सारण से जन सुरक्षा पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे वरुण कुमार दास के चल संपत्ति के तौर पर 32 हजार रुपये हैं जबकि अचल संपत्ति शून्य है.
मधुसूदन के पास 50 हजार की संपत्ति: हाजीपुर से मधुसूदन पासवान चुनाव लड़ रहे हैं. अनुसूचित जाति से आनेवाले मधुसूदन के पास 50 हजार की चल संपत्ति है, लेकिन अचल संपत्ति शून्य है. वहीं सारण से भारतीय एकता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे ज्ञानी कुमार शर्मा के पास 51 हजार रुपये हैं और अचल संपत्ति शून्य है.
सरोज और अजितांश के पास भी अचल संपत्ति नहींः मुजफ्फरपुर से चुनाव लड़ रहे सरोज कुमार चौधरी के पास 95 हजार392 रुपये तो हैं लेकिन अचल संपत्ति नहीं है वहीं मुजफ्फरपुर से ही चुनाव लड़ रहे अजितांश गौर के पास 1 लाख 35 हजार की चल संपत्ति और और अचल संपत्ति शून्य है.
छठे चरण में भी कम पैसे वाले कई उम्मीदवारः छठे चरण में भी कई ऐसे उम्मीदवार हैं जिनके पास कम दाम होने के बावजूद चुनावी रण मेें दम दिखा रहे हैं. देवकांत मिश्रा सिवान लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और उनके पास 18 हजार 864 रुपए की चल संपत्ति है. लेकिन अचल संपत्ति शून्य है.
नरेश और दिलीप के पास भी नहीं है अचल संपत्तिः वैशाली से SUCI के टिकट पर चुनाव लड़ रहे नरेश राम के पास 39 हजार 664 रुपये की चल संपत्ति है लेकिन अचल संपत्ति नहीं है. ऐसे ही सिवान से चुनाव लड़ रहे दिलीप कुमार सिंह के पास 50 हजार रुपये तो हैं लेकिन अचल संपत्ति बिल्कुल भी नहीं है.
प्रमोद, ममता और परमहंस का भी यही हालः प्रमोद कुमार सिवान से चुनाव लड़ रहे हैं और उनके पास चल संपत्ति 66 हजार रुपये की है, लेकिन अचल संपत्ति शून्य है.शिवहर से समता पार्टी के टिकट पर ममता कुमारी चुनाव लड़ रहे हैं इनके पास चल संपत्ति 88000 की है जबकि अचल संपत्ति शून्य है.परमहंस सिंह वैशाली से चुनाव लड़ रहे हैं इनके पास 1 लाख 86000 की चल संपत्ति है लेकिन अचल संपत्ति शून्य है.
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?: लोकसभा चुनाव में नामांकन भरने की फीस ही 25 हजार रुपये है. ऐसे में सवाल है कि आखिर किसी भी संभावना के बिना आखिर ऐसे लोग चुनाव में क्यों खड़े होते हैं ? इसको लेकर राजनीतिक विश्लेषक अरुण पांडेय का का कहना है कि "कई बार ऐसे प्रत्याशी डमी होते हैं और बाद में किसी खास प्रत्याशी के पक्ष में बैठ जाते हैं. इसके अलावा कई ऐसे भी लोग हैं जो चुनाव लड़कर चर्चा में बने रहना चाहते हैं."