बेगूसराय: बिहार में भीषण गर्मी के बावजूद सरकार की ओर से स्कूलों में छुट्टी नहीं दी गई है. ऐसे में कई बच्चे लगातार लू की चपेट में आ रहे हैं. बेगूसराय के सरकारी स्कूल में एक के बाद 14 छात्राएं बेहोश होकर गिर पड़ी. इस घटना के बाद स्कूल में हरकंप मच गया. स्कूल प्रशासन ने तुंरत इसकी सूचना ग्रामीणों को दी गई. जिसके बाद आनन-फानन में सभी को स्थानीय पीएससी में भर्ती कराया गया है.
14 बच्ची बेहोश होकर गिरी: मिली जानकारी के अनुसार, जिले के मटिहानी प्रखंड के डॉक्टर अनुग्रह नारायण सिंह राजकीय कृत मध्य विद्यालय में उस वक्त अजीबो गरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब बढ़ती गर्मी के बीच एक के बाद एक एक दर्जन से अधिक बच्ची बेहोश होकर गिरने लगीं, जिससे स्कूल में अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हो गया. सूचना के बाद बच्चों के अभिभावक और ग्रामीण स्कूल पहुंचने लगे और जैसे तैसे बच्चो को स्थानीय मटिहानी पीएससी में भर्ती कराया गया. जहां उनका इलाज चल रहा है.
सरकार के फैसले को लेकर नाराजगी: फिलहाल इस घटना में सभी बच्चें की हालत ठीक है. घटना से अभिभावक और स्कूल के शिक्षकों में सरकार के फैसले को लेकर नाराजगी देखी जा रही है. इस घटना के बाद मध्यान भोजन के बाद सभी बच्चों को छुट्टी दे दी गई है. बताते चले कि बेगूसराय में बेहद गर्मी के बीच सामान्य दिनों की तरह बच्चे स्कूल आए थे. इसी बीच एक के बाद एक लगभग 14 बच्ची बेहोश होकर गिरने लगीं, जिसके बाद जैसे तैसे बच्चों को इलाज के लिए स्थनीय पीएचसी में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज चल रहा है.
"सरकार के तुगलकी फरमान के कारण हम लोग विवश है. घटना के बाद हम लोगों ने मध्यान भोजन के बाद सभी स्कूली बच्चों को अवैधानिक रूप से छुट्टी दे दिया है. घटना के बाद बड़ी संख्या में अभिभावक स्कूल पहूंच गए, जिनसे हमे डर भी लग रहा था. 45 डिग्री गर्मी के बाद भी सरकार स्कूल खुलवा कर बच्चों को पढ़ा रही है, ये बेहद गलत फैसला है." - चंद्रकांत सिंह, प्रधानाचार्य
ओआरएस का घोल भी पिलाया गया: चंद्रकांत सिंह ने बताया कि बेहद गर्मी के कारण हम लोग स्कूल में जेनरेटर चला कर सभी वर्ग में पंखा चलवा रहे है. बावजूद भीषण गर्मी के कारण स्कूल में बच्चे बेहोश होकर गिरने लगे है. इसके पहले स्कूल मे ही बच्चों को ओआरएस आदि का घोल पिलाया गया था. वहीं असपताल में मौजूद डॉक्टर राहुल कुमार ने बताया कि गर्मी के कारण बच्चों में पानी की कमी हो गई थी, जिसके कारण बच्चे बेहोश हो रहे है. अस्पताल में जो भी सुविधा उपलब्ध है उस हिसाब से बच्चों का इलाज किया जा रहा है.