जयपुर. आर्थिक रूप से पिछड़े और वंचित वर्ग के परिवारों को मुख्य धारा से जोड़ने का काम कर रही सेवा भारती अब इन परिवारों के बच्चों की शादी की शहनाई बजवाने जा रही है. जानकी नवमी पर जयपुर के अंबाबाड़ी स्थित आदर्श विद्या मंदिर में सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित होगा, जिसमें एक साथ 15 समाजों के 45 जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे. इन्हें आशीर्वाद देने के लिए संत समाज सहित 4000 से ज्यादा लोग पहुंचेंगे.
आज चकाचौंध भरे विवाह समारोह के चलन के बीच बेटियों का विवाह एक चुनौती से कम नहीं रहा. कई बार पैसों की कमी के चलते लोग अपनी बेटियों का बेमेल विवाह कर देते हैं. कई बार बेटी अच्छे घर में जाए इसके लिए माता-पिता कर्ज लेकर सामर्थ्य से ज्यादा खर्च कर देते हैं. ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विंग सेवा भारती ने पहल करते हुए सर्वजातीय विवाह सम्मेलन की शुरुआत की, जिसमें सभी समाजों के गरीब, आर्थिक रूप से पिछड़े और वंचित वर्ग को शामिल किया गया.
अब तक 375 जोड़ों का विवाह : सेवा भारती समिति 13वां श्रीराम जानकी सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन कर रही है. आयोजन समिति के सहसंयोजक और सेवा भारती राजस्थान के मंत्री गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि सेवा भारती का कार्य क्षेत्र आर्थिक दृष्टि से पिछड़े, सामाजिक न्याय और पहचान से वंचित समाज है. ऐसे परिवारों को अपने घर के बच्चों की शादी कराने में किसी तरह की समस्या ना आए, इसलिए सर्वजातीय विवाह सम्मेलन की शुरुआत की गई. इस बार सामूहिक विवाह सम्मेलन में 15 समाजों के 45 जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे. इसमें 38 सजातीय और सात जोड़े अंतरजातीय हैं. उन्होंने बताया कि सेवा भारती ने राजस्थान में सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन की शुरुआत 2010 में भवानी मंडी से की थी. अब तक राजस्थान के 22 जिलों के 33 स्थानों पर 2 हजार 375 जोड़ों का विवाह कराया जा चुका है.
विवाह सम्मेलन में ये रहेगा खास : आयोजन समिति के मंत्री हनुमान सिंह भाटी ने बताया कि इस विवाह सम्मेलन में 45 जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे, जिसमें 38 सजातीय और सात जोड़े अंतरजातीय हैं. प्रति जोड़ा परिवारों से महज 5100 पंजीयन शुल्क लिया गया है. आयोजम में 4000 लोगों के खाने की व्यवस्था की गई है. बारात पर कॉलोनियों से फूल भी बरसाए जाएंगे. इसके साथ ही हर जोड़े को घर-गृहस्थी का सभी साजोसामान दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस आयोजन में भामाशाह और समाज के सहयोग से सभी व्यवस्था होती है. इसमें दुल्हनों को जेवर और दूल्हों को दिए गिफ्ट भी दिए जाएंगे.
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आयोजन समिति के मंत्री हनुमान सिंह भाटी ने बताया कि विवाह स्थल पर आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. खास बात ये है कि विवाह का आयोजन घर जैसे माहौल में होगा. 16 मई को सुबह सभी मेहमान और जोड़े विवाह स्थल पहुंच जाएंगे. यहां अल्पाहार के बाद स्तंभ पूजन और प्रधान पूजा होगी. इसके बाद सियारामदास बाबा की बगीची से गाजेबाजे के साथ सामूहिक बारात निकासी होगी. उन्होंने बताया कि हर वर-वधू की अपनी शादी को लेकर कुछ सपने होते हैं, उन्हें भी पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. सभी दूल्हों की अलग-अलग घोड़ियों पर बैठकर तीन बैंड के साथ बारात सजेगी. बारात पर जगह-जगह पुष्प वर्षा होगी. वहीं, विवाह स्थल पर तोरण मारने की रस्म के बाद स्टेज पर वरमाला की रस्म होगी. इसके बाद अलग-अलग वेदियों पर पाणिग्रहण संस्कार होगा और प्रीतिभोज के बाद विदाई समारोह होगा.