सिवनी : पेंच टाइगर रिजर्व के बफर जोन में एक टाइगर के हमले से युवक की जान चली गई. युवक जंगल में मवेशी चराने गया था, इसी दौरान उसका टाइगर से सामना हो गया. घटना पेंच टाइगर जोन के रुखड़ परिक्षेत्र के बावनथड़ी गांव के पास की है. टाइगर के इस हमल में बावनथड़ी गांव के रहने वाले 20 साल के कृष्ण कुमार भलावी की मौत हो गई.
टाइगर के हमले से टूटी गर्दन, शरीर पर गहरे घाव
पुलिस के मुताबिक शुक्रवार सुबह युवक मवेशी चराने बफर जोन के हिस्से में जंगल के अंदर गया था. जब दोपहर 12:30 बजे तक मवेशी लौटकर गांव आ गए पर युवक नहीं आया तो परिवार वालों को चिंता होने लगी. इसके बाद परिजनों ने बीटगार्ड को जानकारी दी और बीटगार्ड के साथ युवक को जंगल में खोजने गए. गांव से लगभग डेढ़ किलोमीटर अंदर जंगल में कुछ खून के निशान मिले और बाघ के गुर्राने की आवाज आई. बीटगार्ड व ग्रामीणों के शोर से बाघ वहां से चला गया और उसी जगह पर 20 साल के कृष्ण कुमार का शव मिला. ग्रामीणों के मुताबिक बाघ के हमले से युवक की गर्दन टूट गई और उसके शरीर पर पंजों के गहरे घाव भी थे.
इलाका छोटा होने से बफर जोन में आ रहे टाइगर
इस घटना के संबंध में जब ईटीवी भारत ने पेंच टाईगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीश कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने बताया, '' टाइगर के हमले में एक युवक की मौत हुई है. वन अमले, ग्रामीणों, पुलिस व स्थानीय प्रशासन के सहयोग से शव को जंगल से मृतक के घर ले जाया गया, जिसके बाद सभी कार्रवाई कर शव का अंतिम संस्कार किया गया. दरअसल, पेंच टाइगर रिजर्व के कोर जोन में बाघों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है, जिसकी वजह से अधिकतर बाघ अपना इलाका अब बफर जोन में भी बना रहे हैं.''
पेंच टाइगर रिजर्व से जुड़ी अन्य जानकारी
- पेंच टाइगर रिजर्व भारत का एक प्रमुख नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व है.
- पेंच टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के सिवनी और छिन्दवाड़ा जिलों में स्थित है.
- पेंच टाइगर रिजर्व का कुछ हिस्सा महाराष्ट्र के हिस्से में भी आता है.
- पेंच नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व का दर्ज 1993 में मिला था.
- मध्यप्रदेश में आने वाले पेंच टाइगर रिजर्व के हिस्से में 2018 तक बाघों की संख्या 87 तक पहुंच गई थी.
- पेंच टाइगर रिजर्व में बाघों के अलावा विभिन्न प्रजातियों के जानवरों की भरमार है.
- यहां हिमालयी क्षेत्रों के लगभग 210 प्रजातियों के पक्षी भी प्रवास पर आते हैं.
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