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सिवनी में 50 गांवों को जोड़ने वाला पुल डूबा, जान जोखिम में डालकर निकल रहे ग्रामीण - Seoni Bijna river bridge drowns

सिवनी जिले में बिजना नदी पर बने पुल पर दो फीट ऊपर तक पानी बह रहा है. इसके बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर पुल पार कर रहे हैं. कलेक्टर के निर्देश के बावजूद पुल पर न तो बैरिकेटिंग की गई है न कोई सुरक्षाकर्मी तैनात है.

SEONI BIJNA RIVER BRIDGE DROWNS
तेज बहाव में पुल पार कर रहे ग्रामीण (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 1, 2024, 6:32 PM IST

Updated : Aug 1, 2024, 6:58 PM IST

सिवनी: जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते कई पुल और पुलिया उफान पर हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन ने चेतावनी भी जारी की है. उफान वाले पुल को पार न करने की सख्त हिदायत दी गई है. प्रशासन द्वारा बाढ़ जैसी स्थिति वाले क्षेत्र में पुल और पुलियों पर बैरिकेडिंग भी की गई है. कई जगह विभागीय कर्मचारियों की तैनाती भी की गई है. लेकिन इन सब के बावजूद खतरों से अंजान लोग दुर्घटना को दावत देते हुए पुल पार कर रहे हैं. इसकी लगातार तस्वीरे भी आ रही है.

तेज बहाव में लोग पुल कर रहे हैं पार (ETV Bharat)

तेज बहाव में लोग पुल कर रहे हैं पार

ऐसा ही एक मामला सिवनी के छपारा तहसील से सामने आया है. जहां चमारी से आदेगांव जाने वाले रास्ते पर डांगावानी गांव में बिजना नदी पर बने पुल के उपर से पानी बह रहा है. पानी करीब 2 फीट उपर से बह रहा है. पानी का बहाव काफी तेज है इसके बावजूद ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर पुल पार कर रहे हैं. बहाव तेज होने के कारण कई घंटों तक पुल से आवागमन रुका रहा, लेकिन फिर इसके बाद ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पुल पार करने लगे.

50 गांवों को जोड़ता है पुल

मिली जानकारी के अनुसार, यह रास्ता प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत आता है, जो चमारी और आदेगांव क्षेत्र से लगे लगभग 50 गांवों को जोड़ता है. पुल की ऊंचाई कम होने की वजह से थोड़ी बारिश में भी पानी पुल के उपर से बहने लगता है. जिस वजह से अक्सर कई बार आवागमन प्रभावित होता है. इस रास्ते से स्कूल जाने वाले बच्चों और मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्कूल जाने के लिए अक्सर बच्चे जान जोखिम में डालकर पुल पार करते हैं.

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मंत्री जी आपका इलाका है, देखिए तो जान हथेली पर लिए बच्चे स्कूल जा रहे हैं

पुल ऊंचा करने की चल रही है मांग

कलेक्टर के निर्देश के बावजूद इस पुल पर दोनों तरफ न ही बैरिकेडिंग की गई है और न ही किसी कर्मचारी की तैनाती की गई है. यही कारण है कि लोग उफान में भी जान जोखिम में डालकर पुल पार करते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि, 'पुल को और ऊंचा करने की मांग काफी समय से चल रही है. इसको लेकर संबधित विभागों में आवेदन भी दिया गया है. लेकिन अभी तक प्रशासन इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. यह महत्वपूर्ण पुल है यहा छपारा से लखनादौन जाने वाले रास्ते में पड़ता है.'

सिवनी: जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते कई पुल और पुलिया उफान पर हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन ने चेतावनी भी जारी की है. उफान वाले पुल को पार न करने की सख्त हिदायत दी गई है. प्रशासन द्वारा बाढ़ जैसी स्थिति वाले क्षेत्र में पुल और पुलियों पर बैरिकेडिंग भी की गई है. कई जगह विभागीय कर्मचारियों की तैनाती भी की गई है. लेकिन इन सब के बावजूद खतरों से अंजान लोग दुर्घटना को दावत देते हुए पुल पार कर रहे हैं. इसकी लगातार तस्वीरे भी आ रही है.

तेज बहाव में लोग पुल कर रहे हैं पार (ETV Bharat)

तेज बहाव में लोग पुल कर रहे हैं पार

ऐसा ही एक मामला सिवनी के छपारा तहसील से सामने आया है. जहां चमारी से आदेगांव जाने वाले रास्ते पर डांगावानी गांव में बिजना नदी पर बने पुल के उपर से पानी बह रहा है. पानी करीब 2 फीट उपर से बह रहा है. पानी का बहाव काफी तेज है इसके बावजूद ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर पुल पार कर रहे हैं. बहाव तेज होने के कारण कई घंटों तक पुल से आवागमन रुका रहा, लेकिन फिर इसके बाद ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पुल पार करने लगे.

50 गांवों को जोड़ता है पुल

मिली जानकारी के अनुसार, यह रास्ता प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत आता है, जो चमारी और आदेगांव क्षेत्र से लगे लगभग 50 गांवों को जोड़ता है. पुल की ऊंचाई कम होने की वजह से थोड़ी बारिश में भी पानी पुल के उपर से बहने लगता है. जिस वजह से अक्सर कई बार आवागमन प्रभावित होता है. इस रास्ते से स्कूल जाने वाले बच्चों और मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्कूल जाने के लिए अक्सर बच्चे जान जोखिम में डालकर पुल पार करते हैं.

बन रहा था हैवी ड्राइवर, बीच मझधार में फंसा दी गाड़ी, जेसीबी से बच्चों का किया गया रेस्क्यू

मंत्री जी आपका इलाका है, देखिए तो जान हथेली पर लिए बच्चे स्कूल जा रहे हैं

पुल ऊंचा करने की चल रही है मांग

कलेक्टर के निर्देश के बावजूद इस पुल पर दोनों तरफ न ही बैरिकेडिंग की गई है और न ही किसी कर्मचारी की तैनाती की गई है. यही कारण है कि लोग उफान में भी जान जोखिम में डालकर पुल पार करते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि, 'पुल को और ऊंचा करने की मांग काफी समय से चल रही है. इसको लेकर संबधित विभागों में आवेदन भी दिया गया है. लेकिन अभी तक प्रशासन इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. यह महत्वपूर्ण पुल है यहा छपारा से लखनादौन जाने वाले रास्ते में पड़ता है.'

Last Updated : Aug 1, 2024, 6:58 PM IST
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