गोरखपुर : प्रदेश का दूसरा साइंस पार्क गोरखपुर में बनेगा. वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला परिसर के अंदर इसका निर्माण होगा. इसका नाम महंत अवेद्यनाथ साइंस पार्क होगा. महंत अवेद्यनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के धर्म पिता और राजनीतिक गुरु रहे हैं. वह देश की संसद में चार बार गोरखपुर से चुनकर पहुंचे थे. इस पार्क का निर्माण जून 2024 से शुरू हो जाएगा.
वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला परिसर में 17 करोड़, 20 लाख की लागत से बनने वाले इस पार्क के लिए शासन ने बजट फरवरी 2024 में ही आवंटित कर दिया था. हालांकि काम शुरू नहीं हो पाया था. इस बीच इसके निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. गोरखपुर विकास प्राधिकरण साइंस पार्क को बनाएगा. महंत अवेद्यनाथ साइंस पार्क में देश के कई वैज्ञानिकों के स्टैच्यू भी लगेंगे.
इस पार्क में लैंडस्केपिंग के जरिए सुंदर आकृतियों को भी उकेरा जाएगा, इसमें स्पेस साइंस गैलरी भी बनाई जाएगी. इसके माध्यम से विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में आए बदलाव से छात्रों को अवगत कराया जाएगा. वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय कहते हैं कि साइंस पार्क में स्टूडेंट को खेल-खेल में साइंस को करीब से जानने का मौका मिलेगा.
उन्होंने बताया कि इससे छात्रों में वैज्ञानिक सोच विकसित होगी. नक्षत्रशाला के प्रति पहले से ही छात्रों का आकर्षण था लेकिन समय की मांग थी कि विज्ञान की आधुनिक तकनीक, और हो रहे परिवर्तनों की छात्रों को जानकारी मिले. इसके क्रम में साइंस पार्क का निर्माण एक बड़ी उपलब्धि होगी. गोरखपुर विकास प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता नरेंद्र कुमार ने बताया कि साइंस पार्क बेहद ही अद्भुत होगा.
अधिशासी अभियंता ने बताया कि पार्क के टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. कार्यदायी संस्था जून से इसके निर्माण का काम शुरू कर देगी. चुनाव आचार संहिता नहीं होती तो यह कार्य पहले भी शुरू हो सकता था. यहां एक स्पेस साइंस गैलरी भी बनाई जाएगी. इसके माध्यम से विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में आए बदलावों को छात्रों को दिखाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि स्टूडेंट साइंस की विकास यात्रा को भी समझ सकेंगे. ज्ञान विज्ञान पार्क में एक एमपी थिएटर और कैफेटेरिया भी बनाया जाएगा. इसमें तीन ओर बैठने के लिए गोलाकार सीढ़ियां भी होगी. इसके अलावा एक डायनासोरियम भी बनाया जाएगा. डायनासोर की आकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी.
पूर्व आईआईटियन सुरेंद्र अग्रवाल कहते हैं कि पूरी दुनिया विज्ञान के चमत्कार से आज प्रभावित है. ऐसे में साइंस पार्क छात्रों को विज्ञान की नवीन जानकारी देने में मददगार बनेगा. छात्रा आकांक्षा कहती हैं कि सिटी में साइंस पार्क बनने से स्टूडेंट विज्ञान की दुनिया को करीब से जान पाएंगे.
इसी प्रकार शहर के अंदर एक गौरव संग्रहालय के निर्माण का कार्य भी शुरू हो चुका है. यह शहर के लोगों को बुद्ध और वैदिक काल से जुड़ी स्थानीय कला, संस्कृति, वास्तुकला और शिल्प के माध्यम की जानकारी उपलब्ध कराएगा. करीब 20 करोड़ 16 लाख रुपए की लागत से यह संग्रहालय सिविल लाइंस क्षेत्र में बनाया जा रहा है. यह काफी समय से अधूरा पड़ा हुआ था.
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