पटना: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है. नीतीश सरकार आज विधानसभा में पेपर लीक रोकने के लिए विधेयक लाएगी. बिहार सरकार जो कानून ला रही है उसमें 10 साल तक की सजा और एक करोड़ तक के जुर्माना का प्रावधान किया जा रहा है. आज विधानसभा की कार्यवाही 11:00 से शुरू होगी. पहले प्रश्न कल होगा फिर शून्य काल होगा और उसके बाद ध्यानकर्षण होगा दूसरे हाफ में सरकार विधेयक पेश करेगी.
इन मुद्दों पर घेरेगा विपक्ष: प्रश्न काल में आज शिक्षा विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग, समाज कल्याण विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग जैसे अन्य महत्वपूर्ण विभागों से प्रश्न किए जाएंगे. हालांकि विपक्ष की ओर से कानून व्यवस्था, पेपर लीक मामला और पुल गिरने के मामले को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी है. ऐसे में सदन की कार्यवाही हंगामेदार होने के आसार हैं.
पेपर लीक करने वाले सावधान!: नीट पेपर लीक मामले के बाद नीतीश सरकार ने पेपर लीक रोकने के लिए कानून बनाने का फैसला लिया था और आज सरकार की ओर से विधानसभा में विधायक पेश किया जाएगा. विधेयक में पेपर लीक या उससे जुड़ी किसी भी गतिविधि में शामिल होने पर कानून के तहत दोषी होंगे और इस मामले में 10 साल तक की सजा और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने की तैयारी है. सरकार जो कानून ला रही है, उसमें जुर्माना तो लगेगा ही साथ ही इसे संगीन अपराध की श्रेणी में रखा गया है जो गैर जमानती होगा.
कई राज्यों के कानून को देखकर लिया फैसला: सरकार जो विधेयक ला रही है उसमें दूसरे राज्यों में लागू कानून को भी देखा गया है और केंद्र सरकार ने जो कानून लागू किया है उसे भी ध्यान में रखा गया है. बिहार में पिछले दशक में एक दर्जन से अधिक पेपर लीक की घटनाएं हो चुकी है और उसके बाद ही नीतीश सरकार ने सख्त कानून बनाने का बड़ा फैसला लिया है.
पेपर लीक कानू में क्या है खास?: बिहार सरकार के पेपर लीक कानून में कई प्रमुख बातें हैं. जैसे पेपर लीक में शामिल होने पर 10 साल की सजा और एक करोड़ तक का जुर्माना, न्यूनतम 3 वर्ष से 5 साल तक की सजा हो सकती है, परीक्षा में शामिल सेवा प्रदाता को 4 साल के लिए ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाएगा, परीक्षा की लागत भी वसूली जाएगी. यदि किसी आधार अधिकारी की संलिप्त है तो उसे 10 साल तक की जेल और एक करोड़ तक का जुर्माना लगेगा. किसी संस्था के संलिप्त होने पर उसकी संपत्ति की कुर्की का भी प्रावधान है, जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी करेंगे और बिहार लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक इसका नाम दिया गया है.
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