जयपुर : ट्रेडिंग योजनाओं के जरिए लोगों के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं हो रही हैं. इस संबंध में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी के माध्यम से सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. इसमें धोखाधड़ी व्यवहारों की पहचान और ऑनलाइन ट्रेडिंग कोर्स, सेमिनार और शेयर बाजार में मेंटरशिप प्रोग्राम के जरिए लुभाने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
डीजी साइबर क्राइम हेमंत प्रियदर्शी के मुताबिक साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने और आमजन में साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रदेश में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को धोखाधड़ी वाली ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों के संबंध में शिकायतें प्राप्त हो रही हैं.
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धोखाधड़ी व्यवहारों की पहचानः डीजी साइबर क्राइम ने बताया कि ऑनलाइन ट्रेडिंग कोर्स, सेमीनार और शेयर बाजार में मेंटरशिप प्रोग्राम के जरिए पीड़ितों को लुभाया जा रहा है. इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ-साथ लाइव प्रसारण का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. धोखाधड़ी करने वाले सेबी-पंजीकृत एफपीआई के कर्मचारी या सहयोगी बनकर लोगों को ऐसे एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करते हैं. उन्होंने बताया कि साइबर अपराध की योजनाओ को अंजाम देने के लिए झूठे नामों से पंजीकृत मोबाइल नंबरों का उपयोग करते हैं.
निवेशकों के लिए स्पष्टीकरण : डीजीपी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि जनता के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि एफपीआई निवेश मार्ग भारतीय निवासियों के लिए उपलब्ध नहीं है. कुछ सीमित अपवादों के साथ जैसा कि सेबी (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) विनियम 2019 में उल्लेखित है. ट्रेडिंग में "संस्थागत खाते" का कोई प्रावधान नहीं है और इक्विटी बाजार तक सीधी पहुंच के लिए निवेशकों के पास सेबी-पजीकृत ब्रोकर, ट्रेडिंग और डीपी के साथ ट्रेडिंग और डीमेट खाता होना आवश्यक है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बरते सावधानी : सेबी ने निवेशकों से सावधानी बरतने की सलाह दी है. ऐसे किसी भी सोशल मीडिया संदेश या ऐप से दूर रहें जो कि एफपीआई या सेबी के साथ पंजिकृत फाइल्स के माध्यम से शेयर बाजार तक पहुंच की सुविधा देने का दावा करते हैं. ऐसी धोखाधड़ी वाली योजनाएं सेबी की ओर से समर्थित नहीं हैं.