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मौसमी बीमारियों को लेकर केंद्र का अलर्ट, चिकित्सा विभाग आज से शुरु करेगा क्रैश प्रोग्राम - Utility News

डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रदेश के चिकित्सा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से 1 अप्रैल से क्रैश प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है.

MEDICAL DEPARTMENT CRASH PROGRAM
चिकित्सा विभाग शुरु करेगा क्रेश प्रोग्राम
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 1, 2024, 7:49 AM IST

जयपुर. राजस्थान में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. अब इन मौसमी बीमारियों के बढ़ते केस को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने भी ऐहतियातन कदम उठाना शुरू कर दिया है. इन रोगों से बचाव और रोकथाम के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एक क्रेश प्रोग्राम चला रहा है, जिसका प्रारंभ 1 अप्रैल यानी आज से होगा.

क्या है क्रेश प्रोग्राम ? : इन क्रेश प्रोग्राम के तहत संबंधित विभागों में नोडल अधिकारी बनाए जाएंगे. साथ ही, स्वास्थ्य निदेशालय में प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम की भी शुरुआत होगी. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने डेंगू, मलेरिया सहित अन्य मौसमी बीमारियों के बढ़ने का अनुमान लगाया है. इसी के मद्देनजर प्रदेश में मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए तैयारियां पुख्ता की जा रही है.

मॉनिटरिंग के निर्देश : उन्होंने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं. पूर्ण समन्वय से साथ काम करने के निर्देश दिए है. उन्होंने कहा कि विभाग अपने-अपने विभाग से संबंधित गतिविधियों को प्रभावी ढंग से अंजाम दें. सभी विभाग चेक लिस्ट बनाकर साप्ताहिक समीक्षा करें और डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस, चिकनगुनिया सहित अन्य मौसमी बीमारियों की नियमित मॉनिटरिंग करें. जिन क्षेत्रों में केस ज्यादा सामने आएं, वहां विशेष फोकस करते हुए सर्विलेंस, एंटीलार्वा, सोर्स रिडक्शन, स्प्रे आदि गतिविधियां की जाएं. पॉजिटिव केसों की दैनिक रिपोर्टिंग आवश्यक रूप से भारत सरकार के आईएचआईपी पोर्टल पर कि जाए ताकि बीमारी के प्रसार को रोकने में आसानी रहे.

इसे भी पढ़ें : अगर बच्चों में दिखें ये लक्षण तो हो जाएं सावधान, 'मम्प्स' के चलते जा सकती है सुनने की क्षमता - Mumps Disease

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि पानी जमाव की स्थिति रोकने के लिए आवश्यकतानुसार एरियल सर्वे भी करवाया जा सकता है. समझाइश के बाद भी अगर पानी जमाव की स्थिति सामने आए, तो स्थानीय निकाय विभाग चालान की कार्रवाई करेगा. उन्होंने मानव संसाधन के क्षमता संवर्द्धन, अस्पतालों में जांच, दवा एवं उपचार के पर्याप्त इंतजाम करने, रेपिड रेस्पांस टीम का गठन करने, केसेज की समय पर लाइन लिस्ट तैयार करने, ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल तैयार करने, हाईरिस्क मरीजों को चिन्हित करने सहित सभी आवश्यक तैयारियां समय रहते करने के निर्देश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. अब इन मौसमी बीमारियों के बढ़ते केस को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने भी ऐहतियातन कदम उठाना शुरू कर दिया है. इन रोगों से बचाव और रोकथाम के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एक क्रेश प्रोग्राम चला रहा है, जिसका प्रारंभ 1 अप्रैल यानी आज से होगा.

क्या है क्रेश प्रोग्राम ? : इन क्रेश प्रोग्राम के तहत संबंधित विभागों में नोडल अधिकारी बनाए जाएंगे. साथ ही, स्वास्थ्य निदेशालय में प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम की भी शुरुआत होगी. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने डेंगू, मलेरिया सहित अन्य मौसमी बीमारियों के बढ़ने का अनुमान लगाया है. इसी के मद्देनजर प्रदेश में मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए तैयारियां पुख्ता की जा रही है.

मॉनिटरिंग के निर्देश : उन्होंने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं. पूर्ण समन्वय से साथ काम करने के निर्देश दिए है. उन्होंने कहा कि विभाग अपने-अपने विभाग से संबंधित गतिविधियों को प्रभावी ढंग से अंजाम दें. सभी विभाग चेक लिस्ट बनाकर साप्ताहिक समीक्षा करें और डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस, चिकनगुनिया सहित अन्य मौसमी बीमारियों की नियमित मॉनिटरिंग करें. जिन क्षेत्रों में केस ज्यादा सामने आएं, वहां विशेष फोकस करते हुए सर्विलेंस, एंटीलार्वा, सोर्स रिडक्शन, स्प्रे आदि गतिविधियां की जाएं. पॉजिटिव केसों की दैनिक रिपोर्टिंग आवश्यक रूप से भारत सरकार के आईएचआईपी पोर्टल पर कि जाए ताकि बीमारी के प्रसार को रोकने में आसानी रहे.

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अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि पानी जमाव की स्थिति रोकने के लिए आवश्यकतानुसार एरियल सर्वे भी करवाया जा सकता है. समझाइश के बाद भी अगर पानी जमाव की स्थिति सामने आए, तो स्थानीय निकाय विभाग चालान की कार्रवाई करेगा. उन्होंने मानव संसाधन के क्षमता संवर्द्धन, अस्पतालों में जांच, दवा एवं उपचार के पर्याप्त इंतजाम करने, रेपिड रेस्पांस टीम का गठन करने, केसेज की समय पर लाइन लिस्ट तैयार करने, ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल तैयार करने, हाईरिस्क मरीजों को चिन्हित करने सहित सभी आवश्यक तैयारियां समय रहते करने के निर्देश दिए हैं.

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