भोपाल। मध्य प्रदेश की सबसे चर्चित लोकसभा सीटों में से एक गुना-शिवपुरी को लेकर कांग्रेस में मंथन खत्म नहीं हो पा रहा है. बीजेपी ने इस सीट से मौजूदा सांसद केपी यादव का टिकट काटकर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव मैदान में उतारा है. अब कांग्रेस सिंधिया की जीत की राह को मुश्किल बनाने के लिए दमदार उम्मीदवार के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारने की रणनीति बना रही है, लेकिन बताया जा रहा है कि इस मामले में दिग्विजय सिंह अभी तक अपना पूरा मन नहीं बना सके हैं. हालांकि, चुनाव की तैयारी को लेकर वे कहते हैं कि "मेरी तैयारी हर जगह हमेशा होती है".
दिग्गी बोले मेरी तैयारी हमेशा रहती है...
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुना लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरने के बाद कांग्रेस इस सीट से मजबूत कैंडीडेट उतारने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस प्रदेश की 29 सीटों में से 10 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है, लेकिन इसमें गुना सीट का नाम नहीं है. अभी तक दिग्विजय सिंह का नाम भी किसी दूसरी लोकसभा सीट के लिए नहीं आया है, इसलिए यह माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह को पार्टी इस सीट से उतार सकती है.
हालांकि, दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हैं, वे कई बार कह चुके हैं कि वे राज्यसभा सदस्य हैं और अभी इसका कार्यकाल बाकी है. वे यह भी कहते रहे हैं कि पार्टी जिस सीट से कहेगी वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. इस संदर्भ में ग्वालियर में दिग्विजय सिंह ने ताजा बयान दिया है. उनसे जब गुना लोकसभा सीट पर महाराज को उतारे जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने सिंधिया का नाम लिए बिना तंज कसते हुए कहा कि "देश में 1947 के बाद से राजा-महाराजा रहे ही नहीं. चुनाव के लिए मेरी तैयारी हर जगह हमेशा होती है."
गुना सीट से दिग्गी इसलिए जरूरी
गुना जिले में आने वाला राघोगढ़ क्षेत्र दिग्विजय सिंह का पुराना गढ़ रहा है. यहीं से वे 1971 में राजनीति में कदम रखते हुए राघोगढ़ के नगर पालिका अध्यक्ष बने थे. बाद में वे राघोगढ़ सीट से ही जीतकर विधानसभा पहुंचे. दिग्विजय सिंह का कांग्रेस के दूसरे किसी नेता की अपेक्षा यहां ज्यादा प्रभाव माना जाता है, यही वजह है कि पार्टी दिग्विजय सिंह को यहां से चुनाव लड़ाने का विचार कर रही है. गुना लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह का भी नाम चर्चा में है, लेकिन बताया जा रहा है कि उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. बताया जा रहा है कि यदि इस सीट से दिग्विजय सिंह को चुनाव में उतारा जाए, तो चुनाव सिंधिया के लिए चुनौती पूर्ण हो सकता है. दिग्विजय सिंह ने पिछली बार 2019 में भोपाल से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे.
गुना सीट यानी सिंधिया परिवार
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सिंधिया परिवार ने युगों तक राजा के रूप में शासन किया है. गुना लोकसभा सीट पर सिंधिया परिवार का होल्ड माना जाता रहा है. आजादी के बाद इस लोकसभा सीट पर 19 चुनाव हुए हैं, जिसमें से 14 चुनावों में सिंधिया परिवार का सदस्य ही इस सीट से चुनकर आया है. इस सीट से जीत का सिलसिला ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी राजमाता सिंधिया ने शुरू किया था. इस जीत के सिलसिले को 2019 के चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया जारी नहीं रख पाए थे. कांग्रेस के टिकट पर वे यहां से हार गए थे, लेकिन अब वे बीजेपी के टिकट पर मैदान में हैं.