कुल्लू: भारत में लोग अपनी मेहनत की कमाई से पाई-पाई जोड़कर छोटी-छोटी बचत करते हैं. इस बचत को लोग बैंक या फिर डाकघर में जमा करते हैं. लोग अपनी बचत को सरकार की ओर से शुरू की गई योजनाओं में निवेश करते हैं, ताकि उन्हें भविष्य में इसका लाभ मिल सके. ऐसे में आज के समय में लोग बैंक और डाकघर में अपनी राशि जमा करना ही सबसे सुरक्षित समझते हैं, लेकिन अगर बैंक या डाकघर के कर्मचारी ही खाताधारकों से धोखाधड़ी को अंजाम देने में लग जाए तो बैकिंग संस्थाओं से लोगों का भरोसा उठना शुरू हो जाता है.
डाकघर में धोखाधड़ी का मामला इस साल जनवरी माह में कुल्लू जिला मुख्यालय में स्थित डाकघर में आया था. यहां एक महिला सब पोस्टमास्टर ने करोड़ों रुपये के घोटाले को अंजाम दे दिया. आरोपित महिला कुल्लू के सुल्तानपुर डाकघर में सब पोस्टमास्टर के पद पर तैनात थी. आरोपित महिला कर्मचारी ने डाकघर में ग्राहकों के बचत खाता राशि के अलावा सुकन्या योजना, आरडी सहित कई योजनाओं की जमा राशि का गबन कर दिया. डाकघर में इस मामले में सामने आने के बाद हड़कंप मच गया.
ऐसे मिला था घोटाले का पहला सुराग
डाक विभाग मंडी मंडल के अधीक्षक राम स्वरूप चंद्र ने बताया कि, '17 जनवरी 2024 में तब सामने आया जब एक शख्स ने अपनी पासबुक में एंट्री करवाई. एंट्री देखते ही खाताधारक के होश उड़ गए क्योंकि उसके खाते में पैसे थे ही नहीं. उसने अधिकारियों को पैसे जमा कराने की रसीदें दिखाई, जिसके बाद डाक विभाग के आला अधिकारी भी चिंता में आ गए. इसके बाद एक दिन आरोपी महिला सब पोस्ट मास्टर ने अलग-अलग योजनाओं के तहत डाकखाने में जमा हुए पैसे की रिपोर्ट तैयार की और कैश हैंड ओवर किया. इसे गिनने के बाद धनराशि कम पाई गई और घोटाले का पहला सुराग मिल गया. ये कुछ दिनों में लाखों और फिर करोड़ों में पहुंच गया.'
रिकॉर्ड के साथ रकम का नहीं हुआ मिलान
राम स्वरूप चंद्र ने बताया कि विभाग की जांच में सामने आया कि सुल्तानपुर डाकघर में पैसा तो जमा किया जा रहा था, लेकिन रकम रिकॉर्ड के साथ मिलान नहीं हुई. बाद में अन्य अधिकारियों ने जब फिर से गणना की तो भी रकम कम थी. डाक विभाग ने शुरुआत में अपने स्तर पर जांच की तो पता चला कि कई खाताधारकों के अकाउंट से गबन हुआ है.डाक विभाग ने खाता धारकों को इसकी जानकारी दी और सभी से अपने खाते को चेक करने के लिए कहा गया, ताकि पता चल सके कि कितने खाता धारक इस गबन का शिकार हुए हैं. जैसे जैसे विभाग की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि विभिन्न बचत योजनाओं के तहत करीब 6000 खाते खुले हैं, जिनमें से करीब 3 हजार खातों की जांच हुई तो 40 लाख के गबन की बात सामने आई. बाद में जब सभी खातों की जांच की गई तो ये रकम 1 करोड़ 23 लाख हो गई.
सीबीआई में हाथ में ली जांच
जांच के बाद डाक विभाग ने यहां तैनात महिला कर्मचारी को हटा दिया और उसे कुछ समय के लिए मुख्य डाकघर में तैनात किया गया था. इसके बाद फरवरी की शुरुआत में सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली. लिहाजा इस दौरान हुए लेन-देनों की जांच की गई. सीबीआई ने जांच में पाया कि करीब 150 अकाउंट से यह सारा गबन किया गया है. डाक विभाग के अधिकारियों के मुताबिक महिला अधिकारी इस ब्रांच में करीब दो साल से कार्यरत थी. जांच में सामने आया कि महिला अधिकारी ने ढाई साल में इन खातों की राशि का गबन कर डाला. महिला कर्मचारी से विभाग 36 लाख रुपये की रिकवरी कर चुका है. जबकि बाकी रकम की रिकवरी अभी भी शेष है. मामले में सीबीआई की टीम भी फरवरी माह में महिला के घर पर दबिश दे चुकी है. टीम को महिला के घर से कुछ दस्तावेज व दो लाख दो रुपये की राशि भी मिली थी. इसके अलावा कुछ खातों की पास बुक और अन्य दस्तावेज भी बरामद किए हैं.
पासबुक एंट्री न करवाने वाले ग्राहकों को बनाया निशाना
राम स्वरूप चंद्र ने बताया कि, 'जांच में पता चला है कि महिला अधिकारी ने ज्यादातर ऐसे लोगों का पैसा हड़पा है जो पासबुक में एंट्री न के बराबर करवाते थे, जिसके कारण खाता धारकों को पता ही नहीं चलता था कि उनकी दिए गए पैसे अकाउंट में जमा हुए हैं या नहीं. ऐसे में गबन का मामला सामने आने के बाद डाक विभाग ने भी ग्राहकों से आग्रह किया था कि वो डाकघर आकर अपने खातों की जांच करें.'
नाम न छापने के शर्त पर सुल्तानपुर डाकघर के खाता धारकों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण खाता धारक डाकघर की सब-पोस्ट मास्टर को अच्छी तरह जानते हैं. लोग अपने खातों में राशि जमा करवाने के लिए सीधा सब-पोस्ट मास्टर को देते थे और वो इसकी स्टैंप लगी हुई स्लिप देती थी. कई बार लोग डाकघर में पहुंचकर तो कई बार रास्ते में मिलकर ही सब-पोस्ट मास्टर को पैसा जमा करवाने के लिए देते थे. महिला अधिकारी उसके बदले स्लिप तो देती थी, लेकिन उसकी एंट्री अकाउंट में नहीं करती थी.
एक खाता धारकों ने बताया कि, 'महिला की उनके परिवार के साथ अच्छी जान पहचानती और महिला का उनके घर पर भी आना जाना था. वो अपनी राशि को डाकघर ना जाकर महिला को देते थे, ताकि वो डाकघर में उसे जमा करवा दे. कई बार महिला से जान पहचान होने के चलते जमा की गई राशि की रसीद भी नहीं लेते थे और अपनी पासबुक भी महिला के पास ही एंट्री के लिए देते थे. घोटाला सामने आने के बाद जब वो डाकघर में अपने खातों की जांच के लिए पहुंचे, तो पता चला कि खाते में दिया गए उनके मोबाइल नंबर से भी छेड़छाड़ की गई थी, ताकि राशि जमा होने का मैसेज न मिल सके. महिला कर्मचारी पैसा जमा करने की रसीद पर डाकघर की स्टैंप लगा देती थी, जबकि पैसा खातों में जमा नहीं किया जाता था.'
महिला कर्मचारी निलंबित
सुल्तानपुर डाकघर में हुए इस घोटाले की सीबीआई भी जांच कर रही है. इसमें में जांच जांच एजेंसी पहले ही डाक विभाग के कर्मचारियों से मामले में पूछताछ कर चुकी है. साथ ही सीबीआई आरोपी महिला के घर से जुटाए दस्तावेजों को भी कब्जे में ले चुकी है. डाक विभाग मंडी मंडल के अधीक्षक राम स्वरूप चंद्र ने बताया कि, 'महिला कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया है और सीबीआई अब इस मामले की जांच कर रही है.'
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