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बिहार के इस जिले में है चमत्कारिक काशी विश्वनाथ और बाबा बैजनाथ धाम, अलौकिक शिवलिंग का इतिहास जानें - Sawan 2024

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 6, 2024, 5:33 PM IST

Sawan 2024: जिस तरह से वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर और देवघर का बाबा बैजनाथ धाम पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, ठीक उसकी तरह से बिहार का काशी विश्वनाथ मंदिर और बाबा बैजनाथ धाम भी ख्याति प्राप्त है. दोनों मंदिर एक दूसरे के आमने-सामने हैं. क्या है इन मंदिरों का इतिहास जानें.

गया में काशी विश्वनाथ और बाबा बैजनाथ धाम
गया में काशी विश्वनाथ और बाबा बैजनाथ धाम (ETV Bharat)
गया में काशी विश्वनाथ और बाबा बैजनाथ धाम (ETV Bharat)

गया: बिहार का गया धार्मिक दृष्टिकोण से अति प्राचीन नगरी है. यहां भगवान भोलेनाथ के ऐसे मंदिर हैं, जहां भक्तों की बड़ी आस्था जुड़ी है. इन मंदिरों में काशी विश्वनाथ और बाबा बैजनाथ धाम मंदिर भी है. यह दोनों मंदिर विष्णुपद क्षेत्र में ठीक एक-दूसरे के आमने- सामने हैं.

गया में काशी विश्वनाथ और बाबा बैजनाथ धाम: काशी विश्वनाथ और बाबा बैजनाथ धाम में लोगों की भारी भीड़ लगती है. लोगों की मन्नत पूरी होने के कारण काशी विश्वनाथ और बाबा बैजनाथ धाम के मंदिर से लोगों की काफी आस्था है. इन दोनों मंदिरों में प्राचीन शिवलिंग स्थापित हैं.

अजीब संयोग: एक ओर काशी विश्वनाथ का मंदिर तो दूसरी ओर बाबा बैजनाथ धाम का मंदिर है. सावन का पावन महीना चल रहा है. ऐसे में भक्तों की भारी भीड़ शिवालियों में उमड़ रही है. ऐसे में यह संयोग ही कहें, कि गया के विष्णुपद में जहां एक ओर पौराणिक काशी विश्वनाथ मंदिर है तो दूसरी और बाबा बैजनाथ धाम का मंदिर है.

गया का काशी विश्वनाथ मंदिर
गया का काशी विश्वनाथ मंदिर (ETV Bharat)

दूर-दूर से दर्शन करने को आते हैं भक्त :काशी विश्वनाथ मंदिर और बाबा बैजनाथ धाम मंदिर दोनों में ही शिवलिंग स्थापित है. इन दोनों शिवलिंग की महिमा काफी है. दोनों मंदिरों में स्थापित शिवलिंग के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं. यहां आकर भक्त मन्नत मांगते हैं. लोगों की आस्था है, कि यहां सच्चे दिल से मन्नत मांगी जाए, वह पूरी हो जाती है. यहां के पुजारी बताते हैं कि दूर-दूर से दर्शन करने के लिए भक्त यहां आते हैं.

गया में प्राचीन शिवलिंग के दर्शन के लिए पहुंच रहे लोग
गया में प्राचीन शिवलिंग के दर्शन के लिए पहुंच रहे लोग (ETV Bharat)

"जिस तरह से ऋषि मुनि की बातें होती है, जो कभी नहीं कटती. उसी तरह से इस मंदिर से जुड़ी बड़ी बात यह है, कि यहां आने वाले भक्त कभी निराश नहीं होते. यहां भगवान भोलेनाथ वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. यह सैकड़ों साल पुराना मंदिर है और यहां प्राचीन काल से ही शिवलिंग स्थापित है."- दीपू भैया, पुजारी, बाबा बैजनाथ धाम मंदिर

मिट्टी बन गई आपरूपी शिवलिंग: पुजारी दीपू भैया बताते हैं, कि सैकड़ों साल पहले साधना कर देवघर में स्थित बाबा बैजनाथ धाम से मिट्टी लाई गई थी. उस मिट्टी को शिवलिंग का रूप देकर स्थापित किया गया था. साधन कर रखी गई वह मिट्टी आपरूपी शिवलिंग में तब्दील हो गई. यहां भगवान भोलेनाथ वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. बाबा बैजनाथ धाम मंदिर में स्थापित शिवलिंग के कई चमत्कारी किस्से हैं. गया में स्थित शिवलिंग के दर्शन के लिए दूसरे राज्यों से भी भक्त आते हैं.

सतयुग से स्थापित है काशी विश्वनाथ मंदिर: वहीं, बाबा काशी विश्वनाथ के मंदिर में स्थापित शिवलिंग के बारे में काफी मान्यता है. विष्णुपद के राहुल पंडा बताते हैं, कि जब धर्मशिला पर यज्ञ हो रहा था, तो सभी देवी देवता आए थे. वही, भगवान भोलेनाथ भी आए थे और बाद में सभी को एक-एक स्थान दिया गया. उस एक स्थान में भगवान भोलेनाथ को जो जगह दिया गया वह काशी विश्वनाथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ. यह काफी पौराणिक मंदिर है और यहां स्थापित शिवलिंग सतयुग के काल से है.

दोनों मंदिर एक दूसरे के सामने
दोनों मंदिर एक दूसरे के सामने (ETV Bharat)

"यहां आने वाले भक्तों की मन्नतें पूरी होती हैं. भगवान भोलेनाथ हर तरह के के कष्टों को दूर करते हैं. गया में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर की प्रसिद्धि पूरे भारत में है. यहां जो भी तीर्थयात्री आते हैं, वह यहां दर्शन करने जरूर जाते हैं. भगवान भोलेनाथ यहां सुखी होने का आशीर्वाद देते हैं. यही वजह है, कि काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग के दर्शन पूजन करने वाले को सुख की प्राप्ति होती है."- राहुल पंडा, विष्णुपद मंदिर

पढ़ें-भगवान शिव को प्रिय है बिहार की यह मिठाई, तीज व्रत में बढ़ जाती है इसकी डिमांड, जानें इसकी खासियत - Anarsa Sweet

गया में काशी विश्वनाथ और बाबा बैजनाथ धाम (ETV Bharat)

गया: बिहार का गया धार्मिक दृष्टिकोण से अति प्राचीन नगरी है. यहां भगवान भोलेनाथ के ऐसे मंदिर हैं, जहां भक्तों की बड़ी आस्था जुड़ी है. इन मंदिरों में काशी विश्वनाथ और बाबा बैजनाथ धाम मंदिर भी है. यह दोनों मंदिर विष्णुपद क्षेत्र में ठीक एक-दूसरे के आमने- सामने हैं.

गया में काशी विश्वनाथ और बाबा बैजनाथ धाम: काशी विश्वनाथ और बाबा बैजनाथ धाम में लोगों की भारी भीड़ लगती है. लोगों की मन्नत पूरी होने के कारण काशी विश्वनाथ और बाबा बैजनाथ धाम के मंदिर से लोगों की काफी आस्था है. इन दोनों मंदिरों में प्राचीन शिवलिंग स्थापित हैं.

अजीब संयोग: एक ओर काशी विश्वनाथ का मंदिर तो दूसरी ओर बाबा बैजनाथ धाम का मंदिर है. सावन का पावन महीना चल रहा है. ऐसे में भक्तों की भारी भीड़ शिवालियों में उमड़ रही है. ऐसे में यह संयोग ही कहें, कि गया के विष्णुपद में जहां एक ओर पौराणिक काशी विश्वनाथ मंदिर है तो दूसरी और बाबा बैजनाथ धाम का मंदिर है.

गया का काशी विश्वनाथ मंदिर
गया का काशी विश्वनाथ मंदिर (ETV Bharat)

दूर-दूर से दर्शन करने को आते हैं भक्त :काशी विश्वनाथ मंदिर और बाबा बैजनाथ धाम मंदिर दोनों में ही शिवलिंग स्थापित है. इन दोनों शिवलिंग की महिमा काफी है. दोनों मंदिरों में स्थापित शिवलिंग के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं. यहां आकर भक्त मन्नत मांगते हैं. लोगों की आस्था है, कि यहां सच्चे दिल से मन्नत मांगी जाए, वह पूरी हो जाती है. यहां के पुजारी बताते हैं कि दूर-दूर से दर्शन करने के लिए भक्त यहां आते हैं.

गया में प्राचीन शिवलिंग के दर्शन के लिए पहुंच रहे लोग
गया में प्राचीन शिवलिंग के दर्शन के लिए पहुंच रहे लोग (ETV Bharat)

"जिस तरह से ऋषि मुनि की बातें होती है, जो कभी नहीं कटती. उसी तरह से इस मंदिर से जुड़ी बड़ी बात यह है, कि यहां आने वाले भक्त कभी निराश नहीं होते. यहां भगवान भोलेनाथ वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. यह सैकड़ों साल पुराना मंदिर है और यहां प्राचीन काल से ही शिवलिंग स्थापित है."- दीपू भैया, पुजारी, बाबा बैजनाथ धाम मंदिर

मिट्टी बन गई आपरूपी शिवलिंग: पुजारी दीपू भैया बताते हैं, कि सैकड़ों साल पहले साधना कर देवघर में स्थित बाबा बैजनाथ धाम से मिट्टी लाई गई थी. उस मिट्टी को शिवलिंग का रूप देकर स्थापित किया गया था. साधन कर रखी गई वह मिट्टी आपरूपी शिवलिंग में तब्दील हो गई. यहां भगवान भोलेनाथ वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. बाबा बैजनाथ धाम मंदिर में स्थापित शिवलिंग के कई चमत्कारी किस्से हैं. गया में स्थित शिवलिंग के दर्शन के लिए दूसरे राज्यों से भी भक्त आते हैं.

सतयुग से स्थापित है काशी विश्वनाथ मंदिर: वहीं, बाबा काशी विश्वनाथ के मंदिर में स्थापित शिवलिंग के बारे में काफी मान्यता है. विष्णुपद के राहुल पंडा बताते हैं, कि जब धर्मशिला पर यज्ञ हो रहा था, तो सभी देवी देवता आए थे. वही, भगवान भोलेनाथ भी आए थे और बाद में सभी को एक-एक स्थान दिया गया. उस एक स्थान में भगवान भोलेनाथ को जो जगह दिया गया वह काशी विश्वनाथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ. यह काफी पौराणिक मंदिर है और यहां स्थापित शिवलिंग सतयुग के काल से है.

दोनों मंदिर एक दूसरे के सामने
दोनों मंदिर एक दूसरे के सामने (ETV Bharat)

"यहां आने वाले भक्तों की मन्नतें पूरी होती हैं. भगवान भोलेनाथ हर तरह के के कष्टों को दूर करते हैं. गया में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर की प्रसिद्धि पूरे भारत में है. यहां जो भी तीर्थयात्री आते हैं, वह यहां दर्शन करने जरूर जाते हैं. भगवान भोलेनाथ यहां सुखी होने का आशीर्वाद देते हैं. यही वजह है, कि काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग के दर्शन पूजन करने वाले को सुख की प्राप्ति होती है."- राहुल पंडा, विष्णुपद मंदिर

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