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फौजी की पहचान के बाद उलझी मौत की गुत्थी, पुलिस ने पहले बिना पहचाने दफनाया, अब कब्र से निकाला शव - tripura soldier Body removed grave

त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में तैनात सेना का जवान भोपाल के लिए निकला था लेकिन संदिग्ध परिस्थितियों में उसका शव सतना में मिला था. पहचान नहीं होने के कारण पुलिस ने शव दफना दिया था. परिजन द्वारा फोटो से मृतक की पहचान किए जाने के बाद पुलिस ने शव को कब्र ने निकाल कर परिजन को सौंप दिया है. पुलिस अब मौत की गुत्थी सुलझाने में जुट गई है.

JHABUA SOLDIER DEATH IN SATNA
सतना में संदिंग्ध परिस्थितियों में सैनिक के मौत के बाद शव की पहचान हुई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 4, 2024, 2:30 PM IST

सतना। जिले में एक सोचने पर मजबूर कर देने वाला मामला सामने आया है. करीब 20 दिन पहले संदिग्ध परिस्थितियों में मिले एक की शव पहचान न होने के कारण पुलिस ने दफना दिया था अब उसको खोदकर बाहर निकाला गया है. मृतक के परिजन ने फोटो के आधार पर शव की पहचान की. मृतक की पहचान सेना के जवान के रूप में की गई है जो अगरतला में पोस्टेड था. जवान 9 जून को छुट्टी लेकर झाबुआ अपने घर निकला था लेकिन किसी कारण से वह सतना ही उतर गया और पुलिस को उसका शव मिला था.

सतना में कब्र से बाहर निकाला गया शव (ETV Bharat)

सेना के जवान की मौत बनी मिस्ट्री
झाबुआ के तारेखेड़ी क्षेत्र के मोहकपुरा गांव निवासी भूरे सिंह भावर उर्फ भुर्जी (45) असम राइफल्स की 7वीं बटालियन के जवान थे. उनकी पोस्टिंग अगरतला में थी. भूरे सिंह छुट्टी लेकर 9 जून को ट्रेन से घर जाने के लिए निकले थे. अगरतला से भोपाल तक का उनका रिजर्वेशन था. 12 जून को भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन उतरना था. इसके बाद वहां से झाबुआ घर जाना था. लेकिन 16 जून तक घर नहीं पहुंचने पर परिजन ने उनकी युनिट से संपर्क किया. युनिट ने लोकेशन ट्रैस किया तो उनका लोकेशन सतना तक क्लियर था इसके बाद का लोकेशन नहीं मिल रहा था.

पहचान नहीं होने पर पुलिस ने शव दफनाया

परिजन ने झाबुआ पुलिस को इसकी जानकारी दी. झाबुआ पुलिस ने सतना पुलिस से संपर्क कर जानकारी कि तो पता चला कि, 12 जून को कोतवाली थाना क्षेत्र के जवाहर नगर क्षेत्र पीएचसी के बाहर संदिग्ध परिस्थितियों में पुलिस को एक शव बरामद हुआ था. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर दो दिन तक शव की पहचान करने की कोशिश की लेकिन शिनाख्त नहीं हो पाई. इसके बाद पुलिस और राजस्व विभाग ने मिलकर शव को नजीराबाद के मुक्तिधाम में दफना दिया. स्थानीय पुलिस के साथ परिजन सतना पहुंचे और शव की फोटो से पहचान की. इसके बाद पुलिस ने तहसीलदार की उपस्थिति में शव को कब्र ने निकलवाकर परिजन को सौंप दिया.

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मौत की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस
शव की पहचान होने के बाद पुलिस घटना की जांच पड़ताल में लग गई है. अगरतला से भोपाल के लिए निकला सेना का जवान सतना कैसे पहुंच गया और किस वजह से उसकी मौत हुई. पुलिस के लिए जांच का बड़ा विषय बन गया है. किन परिस्थितिओं में और कैसे सेना के जवान की मौत हुई जैसे तमाम सवाल पुलिस के जहन में चल रहे हैं. पुलिस मौत की इस गुत्थी को सुलझाने का प्रयास कर रही है. हालांकि परिजन ने पुलिस पर किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगाया है.

सतना। जिले में एक सोचने पर मजबूर कर देने वाला मामला सामने आया है. करीब 20 दिन पहले संदिग्ध परिस्थितियों में मिले एक की शव पहचान न होने के कारण पुलिस ने दफना दिया था अब उसको खोदकर बाहर निकाला गया है. मृतक के परिजन ने फोटो के आधार पर शव की पहचान की. मृतक की पहचान सेना के जवान के रूप में की गई है जो अगरतला में पोस्टेड था. जवान 9 जून को छुट्टी लेकर झाबुआ अपने घर निकला था लेकिन किसी कारण से वह सतना ही उतर गया और पुलिस को उसका शव मिला था.

सतना में कब्र से बाहर निकाला गया शव (ETV Bharat)

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झाबुआ के तारेखेड़ी क्षेत्र के मोहकपुरा गांव निवासी भूरे सिंह भावर उर्फ भुर्जी (45) असम राइफल्स की 7वीं बटालियन के जवान थे. उनकी पोस्टिंग अगरतला में थी. भूरे सिंह छुट्टी लेकर 9 जून को ट्रेन से घर जाने के लिए निकले थे. अगरतला से भोपाल तक का उनका रिजर्वेशन था. 12 जून को भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन उतरना था. इसके बाद वहां से झाबुआ घर जाना था. लेकिन 16 जून तक घर नहीं पहुंचने पर परिजन ने उनकी युनिट से संपर्क किया. युनिट ने लोकेशन ट्रैस किया तो उनका लोकेशन सतना तक क्लियर था इसके बाद का लोकेशन नहीं मिल रहा था.

पहचान नहीं होने पर पुलिस ने शव दफनाया

परिजन ने झाबुआ पुलिस को इसकी जानकारी दी. झाबुआ पुलिस ने सतना पुलिस से संपर्क कर जानकारी कि तो पता चला कि, 12 जून को कोतवाली थाना क्षेत्र के जवाहर नगर क्षेत्र पीएचसी के बाहर संदिग्ध परिस्थितियों में पुलिस को एक शव बरामद हुआ था. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर दो दिन तक शव की पहचान करने की कोशिश की लेकिन शिनाख्त नहीं हो पाई. इसके बाद पुलिस और राजस्व विभाग ने मिलकर शव को नजीराबाद के मुक्तिधाम में दफना दिया. स्थानीय पुलिस के साथ परिजन सतना पहुंचे और शव की फोटो से पहचान की. इसके बाद पुलिस ने तहसीलदार की उपस्थिति में शव को कब्र ने निकलवाकर परिजन को सौंप दिया.

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